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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी के कितने हैं चांसेस?

सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी के कितने हैं चांसेस?

ज्यादातर महिलाएं सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) को लेकर सशंकित रहती हैं। सिजेरियन के बाद महिलाओं के दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी से बच्चे को जन्म नहीं दिया जा सकता। हालांकि, इस तथ्य का कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि एक बार सिजेरियन से गुजरने वाली महिलाओं को दोबारा सिजेरियन डिलिवरी करानी पड़े। सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी को लेकर अगर आपके मन में भी सवाल हैं तो आपके अंदर के सवालों को यह आर्टिकल दूर कर सकता है।

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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) संभव है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, कई मामलों में सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी संभव नहीं होती है। इस बारे में हमने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी स्थिति खंडेलवाल क्लीनिक की सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर रीना खंडेलवाल से भी बात की

सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) की कितनी संभावनाएं हैं?

2010 से लेकर दिसंबर 2011 तक महाराष्ट्र के प्रवारा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एक अध्ययन किया गया। आसपास के ग्रामीण एवं शहरी इलाकों से यहां पर सबसे ज्यादा सिजेरियन के मामले सामने आते हैं। इस अध्ययन में 100 महिलाओं को शामिल किया गया।

इस अस्पताल में सालाना लगभग 6,000 डिलिवरी होती हैं। इनमें सिजेरियन डिलिवरी के मामले 22 से लेकर 24 पर्सेंट तक होते हैं। 77 प्रतिशत मामलों में महिलाओं की पिछली सिजेरियन डिलिवरी और मौजूदा प्रग्नेंसी में दो वर्ष से ज्यादा का अंतर था। अध्ययन में पाया गया कि 85 प्रतिशत महिलाओं ने वजायनल डिलीवरी से शिशु को जन्म दिया, जो पहले सिजेरियन डिलिवरी से गुजर चुकी थीं। वहीं, 15 प्रतिशत मामलों में दोबारा सिजेरियन डिलिवरी करनी पड़ी।

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इसके बिना संभव नहीं नॉर्मल डिलिवरी

सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर रीना खंडेलवाल कहती हैं कि, ‘सिजेरियन डिलिवरी कराना या न कराना महिला के ऊपर निर्भर करता है। महिला की शारीरिक स्थिति और इच्छा शक्ति के मद्देनजर डॉक्टर सिजेरियन डिलिवरी करने का निर्णय लेता है।’

अगर महिला की पहली डिलिवरी सिजेरियन से हुई है, जिसमें उसे दर्द का एहसास बहुत कम हुआ है तो ऐसी स्थिति में उसके दिमाग में नॉर्मल डिलिवरी पेन को लेकर डर बैठ सकता है। नतीजतन वह दोबारा सिजेरियन का विकल्प चुन सकती है। सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी कराने का फैसला महिला और डॉक्टर दोनों संयुक्त रूप से ले सकते हैं।

वे कहती हैं कि, ‘सिजेरियन के बाद महिलाओं को नॉर्मल डिलिवरी का प्रयास करना चाहिए। बशर्ते उन्हें सभी स्वास्थ्य सुविधाएं तत्काल मिलें। नॉर्मल डिलिवरी में दिक्कत आने की स्थिति में दोबारा सिजेरियन के लिए तैयार रहना होगा।’

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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) है संभव

अध्ययनों में भी सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी की पुष्टि हो चुकी है। जानकारों की मानें तो सिजेरियन के बाद दूसरी प्रेग्नेंसी की सामान्य स्थिति में नॉर्मल डिलिवरी कराई जा सकती है। इस प्रकार के मामलों में 75 प्रतिशत सफलता मिलने की संभावना होती है। इसका मतलब यह हुआ कि सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) का प्रयास करने वाली चार महिलाओं में से तीन को कामयाबी मिल सकती है। नॉर्मल डिलिवरी की कोशिश करने वाली महिलाओं की पिछली मेडिकल हिस्ट्री जानना जरूरी होता है।

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सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलिवरी:  पेल्विक की हड्डी पर निर्भर है नॉर्मल डिलिवरी

जन्म लेने से पहले बच्चा पेल्विक की हड्डी में से होकर गुजरता है। इस प्रक्रिया को स्टेशन्स में बांटा गया है, जो -3 से शुरू होकर 3 पर खत्म होती है। तीसरे स्टेशन जब बच्चा पहुंचता है तो वह डिलिवरी के लिए तैयार होता है।

यदि महिला की पेल्विक हड्डी सामान्य अवस्था में या चौड़ी है तो नॉर्मल डिलिवरी की जा सकती है। पेल्विक की हड्डी चौड़ी होने से बच्चा आसानी से उसमें से निकल आता है। हालांकि, यदि महिला की पेल्विक की हड्डी एकदम छोटी और संकुचित है तो हर बार सिजेरियन सर्जरी ही करनी पड़ सकती है।

सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलिवरी:  कब नहीं की जा सकती नॉर्मल डिलिवरी?

यदि महिला को प्लेसेंटा प्रीविया होता है या जुड़वा बच्चे (Twins baby) होते हैं, तो इस स्थिति में नॉर्मल डिलिवरी कराना खतरनाक हो सकता है। ज्यादातर डॉक्टर ऐसे मामलों में सिजेरियन सर्जरी की सलाह देते हैं।

यदि बच्चे का सिर गर्भाशय में ऊपर की तरफ और पैर नीचे की तरफ हैं तो नॉर्मल डिलिवरी नहीं की जा सकती है। इसमें मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में यदि नॉर्मल डिलिवरी करने का प्रयास किया जाए तो बच्चे की गर्भनाल बाधित होती है और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। पहले दो सिजेरियन डिलिवरी होने की स्थिति में भी नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) नहीं करवाई जा सकती।

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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी में स्वास्थ का बड़ा रोल

सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) कराने के लिए आपके और आपके डॉक्टर को सोचना पड़ेगा, ये करने के लिए आपके और आपके बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। अगर आप जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती हैं, तो आप सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) का भी प्रयास कर सकते हैं, वो भी तब जब आपका डॉक्टर कहता है कि आप दोनों स्वस्थ हैं।

आपका डॉक्टर ये भी सुझाव दे सकता है कि सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) आपके लिए और आपके बच्चे के लिए बहुत जोखिम भरा है। जोखिमों में निम्नलिखित में से कोई भी शामिल हो सकता है:

  • मोटापा (आपका बॉडी मास इंडेक्स 30 या अधिक है)
  • प्री-एक्लम्पसिया  (गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप)
  • उम्र (आमतौर पर 35 वर्ष से अधिक)
  • अगर आपका पिछला सिजेरियन पिछले 19 महीनों में हुआ है
  • भ्रूण (Fetus) बहुत बड़ा है

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सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section)

अगर आपका पहला सी-सेक्शन निशान वर्टिकल है, तो आप सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) का प्रयास नहीं कर सकते। इस बात का बहुत ज्यादा खतरा है कि जब आप वेजायनल बर्थ करते हैं तो आपका स्कार दोबारा फट सकता है (कट या फट सकता है), जिससे आपको और आपके बच्चे को बहुत नुकसान हो सकता है। इसलिए आपको सिजेरियन के फिर से सी-सेक्शन करवाना होगा।

अगर आपका सी-सेक्शन निशान कम और ट्रांसवर्स है तो आपका डॉक्टर आपको सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) कराने  की कोशिश करने की अनुमति दे सकता है। वो भी तब जब आपके दूसरे रिस्क कम हैं।

अब तो आप समझ ही गईं होगी कि सिजेरियन के बाद भी नॉर्मल डिलिवरी कराई जा सकती है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और नॉर्मल डिलिवरी से मां बनना चाहती हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट करें।

उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery after C-Section) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

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Current Version

31/08/2021

Sunil Kumar द्वारा लिखित

Updated by: Nidhi Sinha


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Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2021

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