आपकी मेडिकल कंडिशन के हिसाब से अगर आप एक बार सीज़ेरियन करवा लेते है उसके बाद नार्मल वजायनल डिलिवरी पॉसिबल नहीं है। इसे वजायनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन (VBAC) भी कहते हैं।
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प्रक्रिया
सिजेरियन सर्जरी (Cesarean Surgery) के पहले क्या तैयारियां करनी चाहिए ?
- डॉक्टर आपको पूरा प्रोसीजर एक्सप्लेन करेंगे और प्रोसीजर को लेकर आपके मन में जो भी सवाल है उन्हें आप पूछ सकते है।
- सर्जरी के पहले आपसे कंसेंट फॉर्म पर साइन करवाया जाएगा। आप फॉर्म पढ़े और कुछ भी क्लियर न होने पर डॉक्टर से पूछ लें।
- अगर आपकी सर्जरी में एनेस्थेसिया दिया जाता है तो सर्जरी से आठ घंटे पहले तक कुछ भी न खाएं। पानी भी सही मात्रा में डॉक्टर से पूछ कर ही पिएं।
- आयोडीन, टेप , लाटेकस (latex ), मेडिकेशन या फिर किसी भी एलर्जी के बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें।
- अगर आप एंटीकोएगुलांट्स लेते हैं जैसे एस्प्रिन, तो आपको ध्यान रखना पड़ेगा। अपने डॉक्टर से पूछ ले की सर्जरी से कितने पहले आपको ये मेडिसिन्स लेना बंद करना होगा।
सिजेरियन सर्जरी के बाद किसी को आपके साथ रहने के लिए कहें ताकि ऑपरेशन के बाद कोई भी परेशानी न हो।
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सिजेरियन सर्जरी (Cesarean) के दौरान क्या होता है ?
ज्यादातर केसेस में सिजेरियन सर्जरी (Cesarean surgery) ऑपरेशन रूम या फिर डिलीवरी रूम में होगी। बहुत कम मामले ही ऐसे हैं, जिनमें डिलीवरी के समय आपको एनेस्थीसिया दिया जाएगा। आपको रीजनल एनेस्थीसिया जैसे एपीड्यूरल या स्पाइनल एनेस्थेसिया दिया जाएगा जिससे केवल कमर के नीचे का हिस्सा बेजान सा होगा और दर्द कम होगा। ऊपर आपके सारे सेंसेस नार्मल रहेंगे इसलिए जब बच्चा जन्म लेगा तब आप उसकी आवाज सुन सकेंगे।
सिजेरियन तकनील के दौरान ये स्टेप्स लिए जाएंगे:
- आपको ऑपरेटिंग टेबल पर लिटाया जाएगा।
- आपके शरीर में यूरिनरी कथेरेटर को लगाया जाएगा।
- आपके हाथ में इंट्रावेनस लाइन डाली जाएगी।
- सेफ्टी के लिए आपके पैरो के आसपास स्ट्रैप्स लगाए जाएंगे। इससे आपकी पोजीशन सही बनी रहेगी।
- सर्जिकल साईट के बालों को हटाया जाएगा
- डॉक्टर आपकी हार्ट रेट चेक करेंगे।
- एक बार एनेस्थेसिया इफेक्टिव हो जाये फिर प्यूबिक बोन के ऊपर इंसिजन लगाया जाता है। ब्लीडिंग रोकने के लिए एलेक्ट्रोकॉटरी मशीन यूज़ की होती है।
- इसके बाद एमनीओटिक फ्लूइड दिखने लगेगा और बेबी बाहर आने लगेगा। इस वक्त मां को खिंचाव का एहसास होगा।
- इसके बाद डॉक्टर अम्बिलिकल कॉर्ड को अलग कर देगा।
- यूटेरस को कॉन्ट्रैक्ट और प्लेसेंटा बाहर करने के लिए इंट्रावेनस मेडिसिन दी जाएगी।
- इसके बाद प्लेसेंटा के बचे हुए टुकड़ों को बाहर निकाल दिया जाएगा।
- सूचर्स को बंद कर दिया जाएगा साथ ही यूटेरस को पेल्विक कैविटी में वापस पोजीशन कर दिया जाएगा।