इस पर भोपाल की सीनियर गायनलोकोलॉजिस्ट डॉक्टर मृणाल गोरे ने कहा, ‘वजायनल डिलिवरी में ज्यादातर महिलाओं के पेरीनियम में टेरिंग होना सामान्य बात है। इसे रोका नहीं जा सकता।’ उन्होंने बताया कि यदि डिलिवरी उचित सपोर्ट के साथ कराई जाए तो इसे सीमित किया जा सकता है। वजायनल डिलिवरी के बाद पेरीनियम में टेरिंग होने पर इसे टांके लगाकर रिपेयर किया जाता है। अगले कुछ दिनों में यह ठीक हो जाती है। इसलिए महिलाओं को इसको लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए। अगर उन्हें डिलिवरी के पहले किसी भी बात को लेकर किसी प्रकार की आशंका है तो वे अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करके अपने कंफ्यूजन को दूद कर सकती हैं।’ डॉक्टर मृणाल एक लंबे अर्से से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
हालांकि, डिलिवरी के दौरान पेरीनियम के हिस्से में कितना टेर होगा यह कहना मुश्किल है। हर डिलिवरी के मामले में यह टेरिंग अलग-अलग हो सकती है। पेरिनियल टेर को चार हिस्सों में बांटा जाता है। जैसे-जैसे इसकी स्टेज आगे बढ़ती है टेरिंग/ चोट की गंभीरता भी ज्यादा हो जाती है।
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फर्स्ट डिग्री टेर (First degree tear)
फर्स्ट डिग्री टेर में पेरीनियम की स्किन में हल्की खरोंच आती है। पेरीनियम वह स्किन होती है जो रेक्टम और वजायना को आपस में जोड़ती है। इस स्किन के नीचे टिशूज मौजूद होते हैं। फर्स्ट डिग्री टीयर में आपको यूरिन पास करते वक्त हल्का दर्द का अहसास हो सकता है। फर्स्ट डिग्री टेर में किसी भी प्रकार के टांके लगाने की जरूरत नहीं होती है। कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं।
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