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क्या वजायनल डिलिवरी में पेरिनियल टेर होना सामान्य है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    क्या वजायनल डिलिवरी में पेरिनियल टेर होना सामान्य है?

    डिलिवरी के बाद रेक्टम या वजायना के आसपास दर्द का एहसास, स्टूल लीकेज होना या यूरिन पास करते वक्त दर्द होना महिलाओं के लिए परेशानी खड़ी कर देता है। इन सभी समस्याओं के पीछे का कारण पेरिनियल टेर (perineal tear) हो सकता है, जो इन सभी समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। वजायनल डिलिवरी में महिलाओं को अक्सर पेरिनियल टेरिंग हो जाती है। ऐसा क्यों होता है? इससे कैसे बच सकते हैं और इसका सामना कैसे करें हम इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

    क्या होता है पेरिनियल टेर? (What happens perineal tear)

    वजायना के बाह्य या ऊपरी हिस्से को पेरीनियम के नाम से जाना जाता है। बाहर से देखने में इसकी आकृति होंठ नुमा दिखती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे आप वजायना के मुख के नाम भी जानते हैं। शिशु के जन्म के दौरान पेल्विक से होते हुए उसका सिर वजायना में आता है। इस स्थिति में वजायना को सामान्यतः अपने मुख को बड़ा करना पड़ता है। यानी उसमें खिंचाव आता है।

    शिशु के सिर का आकार सामान्य या बड़ा होने की स्थिति में पेरीनियम का हिस्सा आसानी से स्ट्रेच नहीं होता है। इस स्थिति में शिशु का सिर वजायना से बाहर आने पर उसमें खरोंच आ जाती है। इसे पेरिनियल टेर या वजायनल टीयर के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में वजायना का मुख सख्त होने पर स्किन के पीछे मौजूद मसल्स में खिंचाव पैदा होता है, जिससे उनके टिशूज डैमेज हो जाते हैं। हालांकि, इस स्थिति में यह खरोंच या चोट हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है।

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    सामान्य होती है पेरिनियल टेरिंग (perineal tearing is common)

    इस पर भोपाल की सीनियर गायनलोकोलॉजिस्ट डॉक्टर मृणाल गोरे ने कहा, ‘वजायनल डिलिवरी में ज्यादातर महिलाओं के पेरीनियम में टेरिंग होना सामान्य बात है। इसे रोका नहीं जा सकता।’ उन्होंने बताया कि यदि डिलिवरी उचित सपोर्ट के साथ कराई जाए तो इसे सीमित किया जा सकता है। वजायनल डिलिवरी के बाद पेरीनियम में टेरिंग होने पर इसे टांके लगाकर रिपेयर किया जाता है। अगले कुछ दिनों में यह ठीक हो जाती है। इसलिए महिलाओं को इसको लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए। अगर उन्हें डिलिवरी के पहले किसी भी बात को लेकर किसी प्रकार की आशंका है तो वे अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करके अपने कंफ्यूजन को दूद कर सकती हैं।’ डॉक्टर मृणाल एक लंबे अर्से से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।

    हालांकि, डिलिवरी के दौरान पेरीनियम के हिस्से में कितना टेर होगा यह कहना मुश्किल है। हर डिलिवरी के मामले में यह टेरिंग अलग-अलग हो सकती है। पेरिनियल टेर को चार हिस्सों में बांटा जाता है। जैसे-जैसे इसकी स्टेज आगे बढ़ती है टेरिंग/ चोट की गंभीरता भी ज्यादा हो जाती है।

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    फर्स्ट डिग्री टेर (First degree tear)

    फर्स्ट डिग्री टेर में पेरीनियम की स्किन में हल्की खरोंच आती है। पेरीनियम वह स्किन होती है जो रेक्टम और वजायना को आपस में जोड़ती है। इस स्किन के नीचे टिशूज मौजूद होते हैं। फर्स्ट डिग्री टीयर में आपको यूरिन पास करते वक्त हल्का दर्द का अहसास हो सकता है। फर्स्ट डिग्री टेर में किसी भी प्रकार के टांके लगाने की जरूरत नहीं होती है। कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं।

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    सेकेंड डिग्री टेर (Second degree tear)

    सेकेंड डिग्री पेरिनियल टेर में वजायना और स्किन के बीच गहरी चोट आती है। सेकेंड डिग्री पेरिनियल टेर अपने आप ठीक नहीं होता है। इसमें टांके लगाने की जरूरत होती है। हालांकि, सही उपचार करने पर यह अगले कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है।

    थर्ड डिग्री पेरिनियल टेर (Third degree tear)

    थर्ड डिग्री पेरिनियल टेर में ऐनल के आसपास की स्किन में गहरी खरोंच आती है। इस स्थिति में एनल और वजायना के बीच स्किन के पीछे मौजूद मसल्स फट जाती हैं। कई बार थर्ड डिग्री पेरिनियल टेर में को ठीक करने के लिए एनेस्थिसिया के साथ ऑपरेशन करना पड़ता है। इसे ठीक होने में हफ्तों से ज्यादा समय का समय लग सकता है। इस स्थिति में स्टूल लीकेज की समस्या और इंटरकोस (intercourse) में दर्द हो सकता है।

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    फोर्थ डिग्री पेरिनियल टेर (Forth degree tear)

    फोर्थ डिग्री पेरिनियल टेर सबसे ज्यादा गंभीर हो सकता है। यह ऐनल स्फिंक्टर और रेक्टम तक फैला होता है। फोर्थ डिग्री पेरिनियल टेर होने पर इस हिस्से की मसल्स फट जाती हैं। इसका उपचार करने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। थर्ड डिग्री टेर के समान ही यह स्टूल लीकेज और पार्टनर के साथ इंटरकोस करते वक्त भयानक दर्द पैदा कर सकता है।

    ये टिप्स आ सकती है काम

    पेरेनियल टेर से अगर आप बचना चाहती हैं तो पेरिनियल मालिश आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। इससे नॉमल डिलिवरी के दौरान होने वाले पेरिनियल पेन से बचा सकता है। साथ ही या लेबर के पेन को भी कम कर सकती है। दरअसल पेरेनियम मसाज से पेरेनियम को लचीला बनाने की कोशिश की जाती है। इस मालिश को डिलिवरी डेट के एक से 2 महीने पहले शुरू कर देना चाहिए। मसाज के लिए आप एक्सपर्ट की मदद लें तो बेहतर होगा। एक्सपर्ट से बात करने के बाद आप इसे खुद भी आसानी से घर पर कर सकती हैं।

    अंत में हम यही कहेंगे कि यदि आपको पेरीनियम टेर की समस्या होती भी है तो घबराने की जरूरत नहीं है। वजायनल डिलिवरी में पेरिनियल टेर होना सामान्य बात है। पेरिनियल टेरिंग की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर इसके अनुरूप इलाज करेंगे और यह कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पेरिनियल टेर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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