ग्रे रंग का डिस्चार्ज
यह रंग वजायना में इंफेक्शन का संकेत हो सकता है, जिसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) कहा जाता है। शारीरिक संबंध बनाने के बाद इस प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज से तेज स्मेल आने लगती है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस वजायना में बैक्टीरिया के असुंतलन की वजह से होता है। एक से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी इसके खतरे को बढ़ाता है।
डॉ. अनीता ने कहा, ‘वजायना में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। उनके लिए प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज के बारे में जानकारी रखना बेहद जरूरी है। इस तरह की समस्या का इलाज घर पर नहीं किया जा सकता। समय-समय पर चिकित्सा जांच इन खतरों से बचाती है।’
भूरे रंग का डिस्चार्ज
आमतौर पर शरीर से पुराना ब्लड बाहर आने से डिस्चार्ज का रंग भूरा हो जाता है, जोकि प्रेग्नेंट होने का शुरुआती संकेत हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान भूरे रंग का प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज होना सामान्य नहीं हो सकता बल्कि यह चिंता का विषय है। ऐसे में महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर अनीता सभरवाल ने कहा, ‘भूरे रंग का डिस्चार्ज सबसे ज्यादा खतरनाक होता है, इसमें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा होता है। इसके अतिरिक्त, चक्कर आना भी इसका एक लक्षण हो सकता है। इसमें महिला को तुरंत डॉक्टर के पास जाना आवश्यक है, जिसमें डॉक्टर तय करेगा कि महिला का बीटा एचसीजी टेस्ट या अल्ट्रासाउंड किया जाए।’
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गुलाबी रंग का डिस्चार्ज
गर्भावस्था के दौरान गुलाबी रंग का डिस्चार्ज होना सामान्य भी हो सकता है और नहीं भी। अक्सर प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्ते में गुलाबी रंग का डिस्चार्ज संकेत देता है कि डिलिवरी के लिए महिला का शरीर तैयार है।
हालांकि, यह मिसकैरिज या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का संकेत भी हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान लाल रंग का डिस्चार्ज होना खतरे का संकेत हो सकता है, जिसमें तत्काल डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। विशेषकर उन मामलों में जब ब्लीडिंग ज्यादा हो, ब्लड क्लॉटिंग के साथ ऐंठन या पेट में दर्द हो। इस तरह के संकेत मिसकैरिज होने या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के संकेत हो सकते हैं। करीब 10-15 प्रतिशत मामलों में इससे मिसकैरिज हो जाता है।
लाल रंग वाले डिस्चार्ज के अन्य कारण भी हो सकते हैं। विशेषकर पहले ट्राइमेस्टर के दौरान इंप्लांटेशन या इंफेक्शन हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि 7 लेकर 24 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआती में ब्लीडिंग होती है।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के अलावा बाद में ब्लीडिंग होना गंभीर खतरों या प्रीटर्म डिलिवरी का संकेत हो सकता है, जिसमें तत्काल डॉक्टर की सहायता की जरूरत होती है। साथ ही अगर आपको डिस्चार्ज को लेकर कोई शंका है तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।