डिलिवरी के समय अच्छे बैक्टीरिया से शरीर को क्या लाभ होता है?
हमारे शरीर में लगभग सौ मिलियन बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इन सभी की प्रजातियां अलग होती हैं और इनमें से हर प्रजाति कहीं न कहीं हमारे शरीर में होने वाले विकारों को ठीक करने में मददगार है। पाचन, मेंटल हेल्थ और इम्यूनिटी (ऑटो इम्यून डिजीज) को भी यही बैक्टीरिया नियंत्रित करते हैं। अच्छे बैक्टीरया केवल पाचन ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। अच्छे बैक्टीरिया डायरिया, वजायनल इंफेक्शन, स्किन एलिमेंट्स और यूरिनरी इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है शरीर में पाए जाने वाले सभी अच्छे बैक्टीरिया एक ही तरह से काम करते हो। ऐसा माना जाता है कि प्रसव के समय अच्छे बैक्टीरिया अगर बच्चे को मिल जाते हैं तो उसका स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
माइक्रोबायोम और जीनोम
हमारे शरीर सूक्ष्म जीवों से मिलकर बना है। ये कहना गलत नहीं होगा कि शरीर की कोशिकाओं को गिनने पर वो केवल 43 प्रतिशत ही निकलेंगी। हमारा शरीर माइक्रोबायोम है जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, कवक और एकल-कोशिका वाले आर्किया शामिल हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि हमारा शरीर खतरे में है। मानल जीनोम 20,000 से ज्यादा इंसट्रक्शन से मिलकर बना है जिसे जीन कहते हैं। अगर सभी जीन को माइक्रोबायोम में मिला दिया जाए तो ये आंकड़ा दो मिलियन से 20 मिलियन पहुंच जाएगा। इसी कारण माइक्रोबायोम को दूसरा जीनोम कहा जाता है।
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अगर प्रसव के समय अच्छे बैक्टीरिया मां से बच्चे को नहीं मिल पाते हैं तो इसमे घबराने की बात नहीं है। और भी तरीके होते हैं जिससे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मां का बच्चे को पौष्टिक आहार देना, समय पर स्तनपान कराना, टीकाकरण करवाना और साफ- सुथरा वातावरण रखने से बेहतर स्वास्थ्य का निर्माण किया जा सकता है। वजायनल डिलिवरी और सिजेरियन डिलिवरी के बाद मां में या फिर बच्चे में कुछ अंतर पाया जा सकता है। ये आर्टिकल कुछ स्टडीज के आधार पर लिखा गया है। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सक सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।