अगर आपने ज्यादा एंटीबायोटिक्स ले ली हैं तो गट बैक्टीरिया के सुधार के लिए क्या करें ?
कैंडिडा कण्ट्रोल प्रोग्राम के तहत आने वाली कार्बोहायड्रेट रहित डायट लेने से आप यीस्ट की बढ़त पर रोक लगा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यीस्ट कार्बोहायड्रेट पर जिंदा रहते हैं। अगर आप कार्बोहायड्रेट कम खाते हैं तो यीस्ट की बढ़त रुक जाएगी।
- प्रोबायोटिक्स लें। प्रोबायोटिक्स जीवित गट बैक्टीरिया होते हैं जिनसे गट बैक्टीरिया में आई कमी को दोबारा संतुलित किया जा सकता है।
- बोन ब्रोथ नाम की दवा जिसमें ग्लूटामिन होता है, आपके गट बैक्टीरिया की बढ़ोतरी के लिए जरूरी है।
- एंटीबायोटिक्स लिवर पर घातक प्रभाव डालती हैं इसलिए लिवर को सपोर्ट करने के लिए डिटॉक्सिफाइंग पदार्थ भी खाएं। जैसे मिल्क थिस्टल, अल्फा लिपोस एसिड और एसीटाइल सिस्टीन।
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यदि आप एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं तो इलाज के बाद इन चीजों का सेवन जरूर करें:
प्रोबायोटिक्स
एंटीबायोटिक्स को लेने से डायरिया की शिकायत होना आम बात है। खासतौर पर बच्चों में ऐसा देखा जाता है। कई शोध के अनुसार प्रोबायोटिक्स लेने से हेल्दी बैक्टीरिया बना रहता है जिससे एंटीबायोटिक्स से होने वाले डायरिया के होने की संभावना कम होती है। प्रोबायोटिक्स अपने आप में बैक्टीरिया है। यदि आप इसे एंटीबायोटिक्स के साथ ले रहे हैं तो ये खुद ही नष्ट हो जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि एंटीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स को कुछ घंटे के अंतराल में लें।
प्रोबायोटिक्स हमेशा एंटीबायोटिक्स के कोर्स पूरे हो जाने पर लें। ये इंटेस्टाइन में हेल्दी बैक्टीरिया बनाए रखने का काम करते हैं।
फर्मेन्टेड फूड का सेवन करें
खाने पीने की बहुत सारी चीजें एंटीबायोटिक्स से हुए गट माइक्रोबायोटा के डैमेज को रिस्टोर करने में मदद होती है। फर्मेन्टेड फूड योगर्ट, चीज आदि को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो गट माइक्रोबायोटा को बनाए रखने का काम करते हैं।
हाई फाइबर फूड
हमारा शरीर फाइबर को पचा नहीं पाता है, लेकिन ये गट बैक्टीरिया द्वारा डायजेस्ट किया जा सकता है जो उनके विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। इसलिए एंटीबायोटिक्स के कोर्स के बाद डायट में फाइबर को जरूर शामिल करें।
बहुत अधिक दवाएं सेहत पर घातक प्रभाव डालती हैं। इसलिए दवाइयों से अधिक स्वास्थ्यवर्धक आहार लें और सुखी और सेहतमंद रहें। किसी भी तरह की शंका होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।