क्या होता है एंटीबायोटिक रेसिसटेंस बैक्टीरिया
एंटीबायोटिक रेसिसटेंस का मतलब इस बात से है, जब कोई बैक्टीरिया एंटीबायोटिक से निपटने में सक्षम हो जाता है। इसका मतलब है कि अब इस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसका मुख्य कारण होता है कि हम जाने-अनजाने में एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं। यह किसी भी तरह हो सकता है जैसै कि हमारे द्वारा सेवन की जाने वाली सब्जियों को उगाते समय एंटीबायोटिक का बिना सोचे समझें अत्यधिक उपयोग करने से या फिर जानवरों को इसे दिया जाने पर। कुछ मामलों में तो यह भी देखा गया है कि डॉक्टर ही कई बार ऐसे लोगों को एंटीबायोटिक लेने की सलाह दे देते हैं, जिनको इसकी जरूरत तक नहीं होती।
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया से बचाव के उपाय
उन्होंने कहा कि बेकार पानी को इकट्ठा होने से रोकने के लिए वॉशिंग मशीन को दोबारा डिजाइन किया जाना चाहिए। इसी पानी में यह बैक्टीरिया विकसित हो सकता है और कपड़ों को संक्रमित कर देता है। यह रिपोर्ट जर्नल एप्लाइड एंड एनवायरमेंटल माइक्रोबायलॉजी में प्रकाशित की गई है। घरों में इस प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए कंज्यूमर्स को क्या करना चाहिए, इस पर शोध के सहयोगी लेखक ने पीड़ित लोगों को सलाह दी है।
यूनिवर्सिटी बोन के डॉक्टर मार्टिन एक्सनर ने कहा, ‘यदि खुले घाव या ब्लैडर कैथेटर या पस से भरे घाव वाले युवाओं को देखरेख की आवश्यकता पड़ने पर या घर में संक्रमण होने पर कपड़ों को उच्च तापमान पर धोया जाना चाहिए या खतरनाक पेथोजेन्स से बचने के लिए अच्छे कीटाणुनाशक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।’ एक्सनर ने जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा, ‘हाइजीनिस्ट के लिए यह उभरती हुई एक चुनौती है। परिवारों में उन लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिन्हें देखरेख की आवश्यकता पड़ती है।’
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया बढ़ने के कारण
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया का पहली बार 1940 के दशक में वर्णन किया गया था। इस दौरान नई एंटीबायोटिक दवाएं भी काफी मात्रा में विकसित की जा रही थी। इससे यह कोई बड़ा खतरा बनकार नहीं उभर पाया। लेकिन आज के दौर में बाजार में आने वाले नए एंटीबायोटिक की कमी ने दुनिया भर में एक स्वास्थ्य संकट को जन्म दिया है। इस कारण दुनिया भर में तेजी से बढ़ते एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट की समस्या पैदा हो गई है।
एंटीबायोटिक दवाओं (विशेष रूप से ज्यादा प्रयोग या दुरुपयोग) के कारण उत्पन्न चयनात्मक दबाव को इन एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट के बढ़ने का प्रमुख कारक माना गया है। हाल ही के कुछ सालों में दुनिया भर में तेजी से बढ़ती फूड इंडस्ट्री की भूमिका को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं।