एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया से बचाव के उपाय
उन्होंने कहा कि बेकार पानी को इकट्ठा होने से रोकने के लिए वॉशिंग मशीन को दोबारा डिजाइन किया जाना चाहिए। इसी पानी में यह बैक्टीरिया विकसित हो सकता है और कपड़ों को संक्रमित कर देता है। यह रिपोर्ट जर्नल एप्लाइड एंड एनवायरमेंटल माइक्रोबायलॉजी में प्रकाशित की गई है। घरों में इस प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए कंज्यूमर्स को क्या करना चाहिए, इस पर शोध के सहयोगी लेखक ने पीड़ित लोगों को सलाह दी है।
यूनिवर्सिटी बोन के डॉक्टर मार्टिन एक्सनर ने कहा, ”यदि खुले घाव या ब्लैडर कैथेटर या पस से भरे घाव वाले युवाओं को देखरेख की आवश्यकता पड़ने पर या घर में संक्रमण होने पर कपड़ों को उच्च तापमान पर धोया जाना चाहिए या खतरनाक पेथोजेन्स से बचने के लिए अच्छे कीटाणुनाशक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।” एक्सनर ने जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा, ”हाइजीनिस्ट के लिए यह उभरती हुई एक चुनौती है। परिवारों में उन लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिन्हें देखरेख की आवश्यकता पड़ती है।’
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया बढ़ने के कारण
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया का पहली बार 1940 के दशक में वर्णन किया गया था। इस दौरान नई एंटीबायोटिक दवाएं भी काफी मात्रा में विकसित की जा रही थी। इससे यह कोई बड़ा खतरा बनकार नहीं उभर पाया। लेकिन आज के दौर में बाजार में आने वाले नए एंटीबायोटिक की कमी ने दुनिया भर में एक स्वास्थ्य संकट को जन्म दिया है। इस कारण दुनिया भर में तेजी से बढ़ते एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट की समस्या पैदा हो गई है।
एंटीबायोटिक दवाओं (विशेष रूप से ज्यादा प्रयोग या दुरुपयोग) के कारण उत्पन्न चयनात्मक दबाव को इन एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट के बढ़ने का प्रमुख कारक माना गया है। हाल ही के कुछ सालों में दुनिया भर में तेजी से बढ़ती फूड इंडस्ट्री की भूमिका को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं।
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया पर WHO क्या कहता है
WHO के अनुसार, एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया भी आने वाले समय में एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ सकते हैं। एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट का नया तंत्र विश्व स्तर पर तेजी से फैल रहा है। इस कारण सामान्य इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों के इलाज में भी परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में निमोनिया, टीबी, ब्लड प्वांइजनिंग और खाने से होने वाली बीमारियां इस लिस्ट में शामिल हो गई हैं। एंटीबायोटिक के प्रभाव कम होने के कारण इन इंफेक्शन के कारण फैलने वाली बीमारियों का इलाज मुश्किल हो जाएगा।
जब भी इंसानों या जानवरों के लिए बिना विशेषज्ञ की अनुमति के एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है यह एंटीबायोटिक रेसिंस्टेट बैक्टीरिया को पनपने का मौका देता है। कई देशों में सही गाइडलाइंस न होने के कारण हेल्थ वर्कर्स द्वारा एंटीबायोटिक्स जरूरत से ज्यादा भी प्रिस्क्राइव कर दी जाती है। इस कारण इसके अधिक उपयोग से शरीर में रेसिस्टेंस विकसित हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, अगर जल्द ही इसको लेकर कदम नहीं उठाए गए तो सामान्य इ्फेक्शन और छोटी चोट में भी मौत होने का खतरा हो सकता है।
बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से कैसे बचें
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया से बचने का सबसे अच्छा विकल्प यह हो सकता है कि बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से ही बचा जाएं। कुछ टिप्स को फॉलो करके इनसे बचा जा सकता है।
बार-बार हाथ घोएं- जान लें कि हाथ धोने जैसी मामूली कदम से आप कई बड़े खतरों से बच सकते हैं। इसके लिए आप हैंडवॉश या साबुन के साथ 20-30 मिनट तक हाथ धोएं। अगर पानी की समस्या हो, तो हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पर्सनल चीजों को शेयर न करें – अपने पर्सनल हाइजीन की चीजें जैसे कि रेजर, टूथब्रश, नेल कटर या टॉवल संक्रामक बैक्टीरिया के शिकार बनाने का कारण बन सकते हैं। इन चीजों को किसी के साथ भी शेयर करने से बचें।
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया भविष्य में एक बड़ा खतरा बनकर उभर सकता है। इसके लिए आज ही जरूरी कदम उठाने की जरूरत होगी। एक अध्ययन में तो यह भी सामने आया है कि अमेरिका में हर चार में एक हॉस्पिटल एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया की चपेट में हैं।
नए संशोधन की समीक्षा डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा की गई
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