सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होने के क्या कारण हैं?
- असुरक्षित यौन संबंध बनाने से या वजायनल, ओरल या एनल सेक्स करने से आपको यह वजायनल इंफेक्शन हो सकता है। इससे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन अनसेफ सेक्स से फैलता है।
- अगर आप सेक्स नहीं करते हैं तो भी आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन हो सकता है। अगर आप अपने जननांगों को छूते हैं तो आपको सिफैलिस और हर्पिस होने का खतरा रहता है।
- एक गर्भवती महिला या स्तनपान कराने वाली महिला से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन उसके बच्चे को भी हो सकता है।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का इलाज क्या है?
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के इलाज के लिए ओरल दवा या मलहम दिया जाता है। जो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के असर को धीरे-धीरे कम करती है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन में कई तरह की समस्याएं होती हैं। इसलिए डॉक्टर लक्षणों के आधार पर दवा और इलाज करते हैं।
वजायनाइटिस (Vaginitis)
वजायनाइटिस एक वजायनल इंफेक्शन है, जिसमें योनि में जलन और दर्द होता है। वजायनाइटिस होना बहुत सामान्य है। जिस कारण वजायना से बदबू आती है।
किन्हें हो सकता है वजायनाइटिस?
वजायनाइटिस ज्यादातर महिलाओं को होता है। ये अमूमन 18 साल से 40 साल तक की महिलाओं को होने का खतरा ज्यादा रहता है।
वजायनाइटिस के लक्षण क्या हैं?
वजायनाइटिस के लक्षण बैक्टीरियल वजायनॉसिस और यीस्ट इंफेक्शन की तरह ही होते हैं।
वजायनाइटिस होने के क्या कारण हैं?
वजायनाइटिस होने के लिए नुकसानदायक बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं।वजायनाइटिस उन्हीं बैक्टीरिया से होते हैं, जो बैक्टीरियल वजायनॉसिस के लिए जिम्मेदार होते हैं।
वजायनाइटिस का इलाज क्या है?
वजायनाइटिस का इलाज एंटीबायोटिक्स के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा सेक्स करते समय कॉन्डम का प्रयोग जरूर करें। जिससे आपको वजायनाइटिस होने का खतरा कम हो जाएगा।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की परेशानी हुई है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण सफाई (हाइजीन) नहीं रखना माना जाता है। जिसमें योनि व मूत्रमार्ग में जलन और दर्द भी हो सकता है। UTI किसी भी उम्र की महिला को कभी भी हो सकता है।
किन्हें हो सकता है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन?
यूटीआई होना बहुत सामान्य है। ये 25 में से 10 महिलाओं को होता ही है। इसके अलावा 25 में से 3 पुरुष भी यूटीआई की समस्या से परेशान रहते हैं। पुरुष यूटीआई से कम प्रभावित होते हैं क्योंकि उनका मूत्रमार्ग महिलाओं की तुलना में लंबा होता है। जिससे बैक्टीरिया को महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करने में आसानी होती है।
यूटीआई होने का सबसे ज्यादा खतरा निम्न लोगों को होता है :
यूटीआई के लक्षण क्या हैं?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण निम्न हैं :
- बार-बार पेशाब लगना
- साफ नहीं बल्कि धुंधली पेशाब होना
- पेशाब से या वजायना से बदबू आना
- पेशाब करने में दर्द या जलन महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द होना
- ज्यादा देर तक टॉयलेट पास होना
- संक्रमण के कारण बुखार आना
- किडनी में इंफेक्शन होना
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का कारण क्या हैं?
यूटीआई के संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया का नाम इश्चीरिया कोलाई (Escherichia coli) है। ये बैक्टीरिया हमारे आंतों में रहता है। फिर यह हमारे मलाशय (rectum) से गुदा (Anus) तक पहुंचता है। फिर वजायना से होते हुए मूत्रमार्ग तक बैक्टीरिया पहुंच जाता है। फिर हमारे मूत्राशय (Urinary Bladder) को प्रभावित कर देता है। जिससे ये संक्रमण हो जाता है।
इसके अलावा यूटीआई होने के निम्न कारण होते हैं :
- तनाव, बीमारी और प्रेगनेंसी से इम्यून सिस्टम में बदलाव आने के कारण यूटीआई हो सकता है।
- गर्भनिरोध, एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉइड दवाओं के सेवन से भी यूटीआई हो सकता है।
- डायबिटीज के कारण भी यूटीआई हो सकता है।
- टाइट पैंट्स पहनने से गुप्तांगों के पास नमी हो जाती है जिसके कारण संक्रमण हो जाता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज क्या है?
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक्स की मदद से किया जाता है। जिसे डॉक्टर के परामर्श पर ही लेना चाहिए। ये एंटीबायोटिक्स को डॉक्टर दिन में दो बार लगभग पांच से सात दिनों तक खाने के लिए कहते हैं।
- इसके अलावा संक्रमण को कम करने के लिए लो डोज की एंटीबायोटिक्स ले सकती हैं। जैसे- नाइट्रोफ्यूरैनटॉइन, ट्राइमेथॉप्रिम-सल्फामेथॉक्साजोल और सिफैलेक्सिन को आप यूटीआई दोबारा होने पर ले सकते हैं। जिससे यूटीआई के दोबारा होने के जोखिम कम हो जाएंगे।
- आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। जिससे ज्यादा मात्रा में यूरीन होगी और यूटीआई के बैक्टीरिया फ्लश हो जाएंगे।
- यूटीआई के लिए आप चाहें तो करौंदे (cranberry) का जूस भी पी सकते हैं। करौंदा यूटीआई के संक्रमण को कम करता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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