बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infection) के कारण क्या हैं?
कुछ आदतें बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन को और बढ़ा सकते हैं:
- स्मोकिंग करना
- अत्यधिक वजन
- लक्षणों को नजरअंदाज करना
- डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करना
- इंफेक्शन के दौरान भी सेक्स करना
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किन-किन कारणों से बढ़ सकता है बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन ?
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन होने के कुछ अहम कारण:
इलाज
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है?
- आपके डॉक्टर आपको वजायनल क्रीम, सपाजिटोरी या फिर खाने की दवाइयां दे सकते हैं।
- वजायनल क्रीम और सपाजिटोरी का इस्तेमाल तो किया जा सकता है लेकिन, खाने की दवाइयां बिना डॉक्टर के सलाह की नहीं लेनी चाहिए।
- डॉक्टर आपको एंटि-फंगल, निस्टैटिन जैसी दवाएं दे सकते हैं।
- डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें।
- दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है।
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बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन होने पर कौन-कौन से जांच किए जा सकते हैं?
डॉक्टर पैल्विक जांच और पेल्विक की जांच कर सकते हैं। कैंडिडा यीस्ट की जांच के लिए डिस्चार्ज के सैंपल को लैब में भेज सकते हैं।
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नीचे बताए गए कुछ जरूरी स्टेप्स को फॉलो करने से हो सकता है फायदा:
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। दवा का कोर्स पूरा करें नहीं तो इंफेक्शन का खतरा बना रहेगा।
- अगर आपको खुजली या जलन होती है तो सिट्ज बाथ ले सकते हैं।
- नियमित रूप से दही का सेवन करें। दही में मौजूद एसिडोफिलिक बैक्टेरिया लाभकारी होता है। दही में मौजूद कैल्शियम भी हेल्थ को फायदा पहुंचाता है।
- अगर परेशानी कम नहीं होती है तो डॉक्टर से मिलें ।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। दवा का कोर्स पूरा करें नहीं तो इंफेक्शन का खतरा बना रहेगा।
- अगर आपको खुजली या जलन होती है तो सिट्ज बाथ ले सकते हैं।
- नियमित रूप से दही का सेवन करें। दही में मौजूद एसिडोफिलिक बैक्टेरिया लाभकारी होता है। दही में मौजूद कैल्शियम भी हेल्थ को फायदा पहुंचाता है।
- टाइट कपड़े न पहनें। कोशिश करें कॉटन कपड़ें ही पहने।
- एंटीबायोटिक्स से बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन का इलाज किया जा सकता है। लेकिन, इसके साथ ही आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे।
- बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन में मादक पदार्थों का सेवन न करें। ये दवा के असर को कम करने के साथ ही आपकी रिकवरी में बाधक बनता है। उत्तेजक पदार्थों के सेवन से ब्लैडर तक ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। इसके अलावा आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैफीन और एल्कोहॉल का भी सेवन न करें।
- विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। क्रैनबेरी का जूस पीने से विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी, प्रोबायोटिक्स और क्रैनबेरी को 20 दिनों तक रोज लेने और फिर 10 दिन तक इस कॉम्बिनेशन को बंद कर दें। इसे फिर 10 दिन बात शुरू करें। फिर इस प्रक्रिया को तीन महीनों तक करें। जिससे आपको बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन नहीं होगा। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि 19 साल से ज्यादा उम्र की महिला को 75 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेनी चाहिए। वहीं, पुरुषों को लगभग 90 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेना चाहिए।
- संक्रमण को रोकने का सबसे आसान उपाय है सेफ सेक्स करना। सेक्स करने के बाद योनि और पेनिस को साफ करना चाहिए। इससे अगर योनि में कोई बैक्टीरिया चला भी गया है तो यूरीन के साथ बाहर चला आए। इसके बाद गुप्तांग तो पोछ कर के सफाई कर लें। वहीं, सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट्स के रूप में तेल या बॉडी लोशन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये इंफेक्शन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा हमेशा सुरक्षित सेक्स करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।