डायबिटीज में भी है लाभकारी
सभी सेलफिश के साथ ही, क्रैब्स क्रोमियम रिच होते हैं, शुगर मेटाबॉलिज्म में इंसुलिन की हेल्प करता है। साथ ही क्रैब डायट से ब्लड ग्लूकोज लेवल भी कम होता है। अगर किसी भी व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या है तो वो क्रैब डायट ले सकता है।
क्रैब डायट लेनी है या फिर नहीं, इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से जानकारी जरूर लें। कई बार कुछ खास प्रकार की डायट से एलर्जी की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए रहेगा कि बिना डॉक्टर की सलाह के क्रैब डायट न लें।
सेलफिश या घोंघा (Shellfish)
क्रैब डायट में घोंघा शामिल किया जाता है। सेलफिश में लीन प्रोटीन मौजूद होती है। साथ ही इसमे हेल्दी फैट्स और मिनिरल्स भी मौजूद होते हैं। रेगुलर सेलफिश खाने वाले लोगों में इम्युनिटी बढ़ने के साथ ही वेट लॉस और ब्रेन, हार्ट संबंधि समस्याएं कम होती हैं। कुछ सेलफिश खाने से एलर्जी की समस्या हो सकती है, साथ ही कुछ सेलफिश में हैवी मैटल्स भी होते हैं। अगर आप क्रैब डायट में सेलफिश शामिल कर रहे हैं तो उसके खतरे और बेनिफिट्स के बारे में जानकारी होना भी बहुत जरूरी है।
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कैसे खाई जाती हैं सेलफिश?
सेलफिश ग्रोसरी स्टोर और रेस्टोरेंट में आसानी से उपलब्ध होते हैं। लेकिन कुछ सेलफिश सॉल्टवॉटर और फ्रेश वॉटर में भी पाई जाती है। उदाहरण के लिए झींगा मछली( lobster ) संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वोत्तर में लोकप्रिय भोजन है, जबकि श्रिम्प (shrimp) देश के दक्षिण से व्यंजनों में एक प्रधान है। ज्यादातर सेलफिश को स्टीम, बेक्ड या फ्राई करके खाया जाता है। सीप और क्लैम को कच्चे या आंशिक रूप से पकाया जा सकता है। इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। क्रैब डायट का स्वाद उसके पकाने की विधि पर निर्भर करता है।
क्रैब डायट खाने से एलर्जी रिएक्शन