अक्सर महिलाएं प्रेग्नेंसी में डायरिया (Diarrhea in Pregnancy) होने की शिकायत करती है। प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया सबसे ज्यादा महिलाओं के पाचन तंत्र (Digestive System) पर असर डालता है। पाचन तंत्र (Digestive System) का बिगड़ना यानी रोजमर्रा के खाने में संतुलन न होना होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया से बचने के लिए पाचन तंत्र संतुलित रहे इसके लिए संतुलित डायट लेना जरूरी है।
पाचन तंत्र गड़बड़ाने से कभी कब्ज (Constipation) हो जाता है तो कभी दस्त (Diarrhea) जैसी समस्या होने लगती है। सामान्य अवस्था में तो हम डायरिया की दवाई लेकर निजात पा लेते है, लेकिन प्रेग्नेंसी में दवाई लेना गर्भस्थ शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको प्रेग्नेंसी में डायरिया होने के कारण और इसके घरेलू उपायों के बारे में जानकारी देने जा रहे है।
प्रेग्नेंसी में डायरिया के कारण क्या हो सकते हैं? (Causes of Diarrhea in Pregnancy)
गर्भावस्था की पहली और दूसरी तिमाही में डायरिया होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा शरीर में हार्मोनल बदलाव और खान-पान की वजह से हो सकता है। वहीं, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में डायरिया होने की आशंका कम होती है। लेकिन, अगर सिरदर्द (Headaches) और फीवर भी हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। गर्भावस्था में डायरिया होने के कारण निम्नलिखित हैं-
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1.वायरस और बैक्टीरिया (Virus and Bacteria) –
साफ सफाई न रखने से प्रदूषण के संपर्क में आने से बैक्टीरिया और वायरस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह हाथों के जरिए जल्दी संपर्क में आते है इसलिए जब भी किसी से हाथ के जरिए संपर्क करें तो हाथों को जरूर धोएं।
2.स्टमक फ्लू (Stomach Flu) –
गर्भावस्था में दूषित खाना खाने से भी स्टमक फ्लू (Stomach Flu) हो जाता है, जिसमें पहला लक्षण डायरिया सामने आता है।
3.दवाई के सेवन से (Medications) –
कई बार प्रेग्नेंसी में दवाइयों के साइड इफेक्ट के रूप में डायरिया के लक्षण भी दिखाई देते है। अगर आप डॉक्टर की सलाह से कोई दवा ले रही है तो डायरिया के बारे में जरूर बताएं। डायरिया का इलाज जड़ी बूटी से भी किया जाता है।
4.प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) –
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) दिए जाते हैं, जिससे भी गर्भवती महिलाओं का पाचन तंत्र (Digestive System) बिगड़ जाता है। इस वजह से भी प्रेग्नेंसी में डायरिया की समस्या होने लगती है।
5. प्रोस्टाग्लैंडिंस (Prostaglandins)
प्रेग्नेंसी में डायरिया की एक वजह प्रोस्टाग्लैंडिंस भी हो सकती है। लिपिड के समूह को प्रोस्टाग्लैंडिंस कहा जाता है। यह गर्भाशय की मसल्स को उत्तेजित कर सकता है, जिससे दस्त की समस्या हो सकती है।
6. आयरन की अधिकता
प्रेग्नेंसी में एनीमिया को रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं को आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग करने को कहा जाता है। कुछ महिलाएं ज्यादा मात्रा में आयरन का इस्तेमाल करने लगती हैं, तो इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे उल्टी, कब्ज, मतली और दस्त हाे सकते हैं।
7. हाइपरथायरायडिज्म
थायराइड हार्मोन का लेवल शरीर में ज्यादा होने से हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान यह स्वास्थ्य समस्या पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है और दस्त शुरू हो सकते हैं।
इन ऊपर बताये कारणों की वजह से गर्भावस्था में डायरिया की समस्या हो सकती है। अगर आप गर्भवती हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। डॉक्टर आपकी हेल्थ कंडिशन एवं गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत को ध्यान में रखकर खाने-पीने की सलाह देंगे।
ज्यादा भारी खाने की बजाय चावल खाएं, इससे पेट में हल्कापन महसूस होता है। इसके अलावा कच्ची सब्जियां और फल का सेवन करें।
प्रेग्नेंसी में डायरिया होने पर दही का सेवन करें। डायरिया होने पर समस्या को जल्दी ठीक करने में ज्यादा मात्रा में केले, दही, चावल न खाएं, इससे भी समस्या बढ़ सकती है।
प्रेग्नेंसी में डायरिया होने पर किस स्थिति में डॉक्टर से सम्पर्क करें? (To Contact Doctor Condition of Diarrhea in Pregnancy)?
प्रेग्नेंसी में डायरिया होना एक सामान्य बात है लेकिन, कुछ स्थितियों में डॉक्टर से सम्पर्क करना बेहतर रहता है। जैसे-
यदि प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया होने के साथ आपको बुखार आ रहा है तो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें।
यदि डायरिया होने पर आपको तीन से अधिक दस्त हुए तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लें, चाय-कॉफी बिलकुल न पिएं।
प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया को नजरअंदाज न करें, कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया की समस्या बढ़ जाने से गर्भपात (miscarriage) भी हो सकता है। डॉक्टर डायरिया के लिए जिस दवा के सेवन की सलाह दें, उसे लें।
दस्त में यदि स्टूल काले रंग का आए तो सावधान हो जाएं, डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें।
डायरिया के साथ यदि महिला के पेट या पेट के नीचे वाले हिस्से में दर्द हो तो डॉक्टर को दिखा दें। पानी की मात्रा बढ़ा दें।
यदि डायरिया के साथ गर्भवती महिला को गाढ़ा पीले रंग का यूरिन (Yellow Urine) आएं, चक्कर (Giddy) आएं, ज्यादा प्यास लगें, सिर दर्द (Headache) हो, उल्टी (Vomit) होने लगे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी में डायरिया होना एक आम बात है, कई बार आप कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर भी इस समस्या से निजात पा सकते है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डायरिया की समस्या ज्यादा हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना जरूरी है।
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