गर्भावस्था में पालतू जानवर से क्या नुकसान हो सकते हैं?
जुनोटिक रोग (Zoonotic disease)
जुनोटिक एक ऐसी बीमारी है जो एक जानवर, से इंसान तक पहुंच सकती है। तरह-तरह के जानवरों में अलग-अलग रोगाणु होते हैं जो इंसानों में बीमारी फैला सकते हैं। यदि आप अपने जानवर की सही से देखरेख करते हैं तो उसे बीमारी होने की संभावनाएं कम होती हैं। कुछ जुनोटिक बीमारियों का इलाज आसानी से किया जा सकता है लेकिन, कुछ विशेष रूप से कमजोर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था में पालतू जानवर से सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
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गर्भावस्था में पालतू जानवर: सलमोनेलोसिज (Salmonellosis)
सलमोनेलोसिज एक जीवाणु संक्रमण है जो कि साल्मोनेला से होता है। पालतू जानवर के कारण आपको सलमोनेलोसिज होता है, जिसके चलते आपको बुखार, दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दस्त और उल्टी से डीहायड्रेशन हो सकता है। गर्भवती महिलों के लिए यह काफी खतरनाक होता है क्योंकि बैक्टीरिया गर्भ में पल रहे शिशु तक भी पहुंच सकते है।
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गर्भावस्था में पालतू जानवर: लिम्फोसाइटिक कोरियोमेनिन्जाइटिस (Lymphocytic Choriomeningitis)
लिम्फोसाइटिक कोरियोनिन्जाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो लिम्फोसाइटिक कोरिओनामाइटिस वायरस (एलसीएमवी) से होती है। एलसीएमवी ज्यादातर जंगली चूहों से फैलता है लेकिन, पालतू चूहों में संक्रमण भी हो सकता है। माइल्ड एलसीएमवी से फ्लू जैसी परेशानी हो सकती है। साथ ही इससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे : मेनिन्जाइटिस (Meningitis) या पैरालिसिस (Paralysis) भी हो सकता है। गर्भावस्था में पालतू जानवर के वायरस बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं और इससे गर्भपात (मिसकैरिज), स्टिलबर्थ या जन्मजात असामान्यताएं भी हो सकती हैं।