के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
कब्ज या कॉन्स्टिपेशन पाचन तंत्र से जुड़ी एक आम समस्या है, जो ज्यादातर वयस्कों को प्रभावित करती है। कब्ज (Constipation) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कई हफ्तों या उससे भी अधिक समय तक व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है। यदि कोई व्यक्ति हफ्ते में तीन बार कम मल त्यागता है, तो वह कब्ज से पीड़ित हो सकता है। पेट में कब्ज बनने पर आंत में मल सूख जाता है, जिसके कारण गुदा मार्ग से मल निकलने में परेशानी होती है।
कई बार मल इतना सख्त हो जाता है कि मल त्यागने के लिए व्यक्ति को काफी प्रेशर लगाना पड़ता है, जिससे पेट और गुदा मार्ग में तेज दर्द होता है। वैसे तो यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन वयस्कों में यह बहुत ही आम है, जिससे रोजमर्रा के काम प्रभावित हो सकते हैं।
पेट में कब्ज की समस्या आमतौर पर काफी देर तक कुछ न खाने, अधिक पानी न पीने, पर्याप्त फाइबर (Fiber) का सेवन न करने सहित अन्य कारणों से होता है। कई बार यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ हफ्ते या महीनों बाद यह व्यक्ति को दोबारा प्रभावित करता है। क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic Constipation) होने पर व्यक्ति को गंभीर समस्या हो सकती है। अगर समस्या बढ़ जाती है, तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं, जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
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कब्ज (Constipation) एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों वयस्क कब्ज से पीड़ित हैं। 40 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों, बीमारियों से पीड़ित और प्रेगनेंट महिलाओं को कब्ज (Constipation during pregnancy) सबसे अधिक प्रभावित करता है। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
कब्ज शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। कब्ज से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः आंत में हलचल या पेट में मरोड़ नहीं होता है और मल सूख जाता है, जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से तेज मितली और उल्टी महसूस होती है।
इसके अलावा कब्ज (Constipation) के कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं: जैसे:
कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation) आमतौर पर उसकी गंभीरता के आधार पर नजर आते हैं और कई बार उम्र और डायट के कारण लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति में कब्ज के एक या इससे अधिक लक्षण सामने आ सकते हैं।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर कब्ज (Constipation) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कोलोन बड़ी आंत का एक हिस्सा है, जिसका काम पाचन तंत्र में बचे भोजन से पानी अवशोषित करना होता है। फिर यह भोजन को अपशिष्ट में बदलकर मल का निर्माण करता है। इसके बाद कोलोन की मांसपेशियां मल को रेक्टम से बाहर निकाल देती हैं। जब मल कोलोन में लंबे समय तक रहता है, तो कठोर हो जाता है और मलाशय से बाहर नहीं निकल पाता है और इससे व्यक्ति को कब्ज की समस्या हो जाती है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी कब्ज (Constipation) की परेशानी हो सकती है।
खराब डायट (Unhealthy diet)– भोजन में फाइबर (Fiber) की कमी, अधिक मसालेदार और तैलीय भोज करने एवं कम पानी पीने के कारण मल कठोर हो जाता है और कब्ज की समस्या हो जाती है।
पेय पदार्थों का कम सेवन- पानी के साथ ही अन्य तरल पदार्थ जैसे फलों का जूस या सब्जियों का सूप न पीने से मल रेक्टम के बाहर नहीं निकल पाता है।
तनाव (Tension)- रुटीन में बदलाव और अधिक तनाव लेने से कोलोन की मांसपेशियों में कम संकुचन होता है, जिसके कारण पेट में कब्ज हो सकता है।
डेयरी उत्पादों के सेवन से- कम फाइबर युक्त आहार, अधिक मांस का सेवन या डेयरी प्रोडक्ट जैसे दही और पनीर अधिक खाने से भी कब्ज होता है।
एक्सरसाइज (Exercise) की कमी- एक्सरसाइज न करने और डिहाइड्रेशन के कारण मल सूख सकता है, जिससे पेट में कब्ज की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा ट्रैवल करने, रुटीन बदलने, अधिक कैल्शियम और एंटासिड (Antacid) जैसी दवाओं का सेवन करने और प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के कारण भी पेट में कब्ज (Constipation) बन सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं स्ट्रोक (Stroke), पर्किंसन डिजीज (Parkinson’s disease), डायबिटीज (Diabetes), कोलोन या रेक्टम में परेशानी, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), हॉर्मोनल समस्याएं और थायरॉइड ग्लैंड (Thyroid gland) में परेशानी के कारण भी कब्ज हो सकता है।
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कब्ज एक आम समस्या है, जो कई बार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे व्यक्ति को कोई विशेष समस्या नहीं होती है। लेकिन पेट में गंभीर कब्ज के कारण गुदा की नसों में सूजन हो सकता है और बवासीर (Piles) की समस्या हो सकती है। सिर्फ यही नहीं कठोर और बड़ा मल निकलने के कारण गुदा के आसपास की त्वचा फट सकती है।
कब्ज के कारण कई दिनों तक मल न त्यागने से यह आंत में फंस सकता है और इसे ब्लॉक कर सकता है। इसके साथ ही अधिक मल त्यागने के लिए अधिक प्रेशर लगाने से रेक्टम में खिंचाव हो सकता है जिससे गुदा फैल सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कब्ज का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ मरीजों में एमआरआई (MRI) डिफेकोग्राफी से कब्ज का पता लगाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर बेरियम डिफेकोग्राफी के माध्यम से मलाशय में एक जेल डालते हैं और एमआरआई स्कैनर से कब्ज का पता लगाते हैं।
कब्ज को इलाज से ठीक किया जा सकता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में कब्ज के असर को कम किया जाता है। कब्ज के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा कुछ मरीजों को साइलियम, कैल्शियम पॉलीकार्बोफिल और मेथिलसेलुलोज जैसे फाइबर सप्लिमेंट्स (Fiber supplements) दिए जाते हैं जिससे मल त्यागने में आसानी होती है। साथ ही ओरल मैग्नीशियम हाइडॉक्साइड, मैग्नीशियम साइट्रेट, लैक्टुलोज, पॉलीथिलिन ग्लाइकॉल भी कब्ज के असर को कम करने के लिए दिया जाता है। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है। कब्ज के इलाज के लिए कई हर्बल को भी फायदेमंद माना जाता है। (कब्ज के इलाज के लिए जापानी परसीमन (Japanese persimmon), व्हीट जर्म (Wheat germ) और सेन्ना (Senna) हर्बल को उपयोगी माना जाता है।)
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अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो आपके डॉक्टर अधिक पानी और फलों का जूस एवं सब्जियों के सूप का सेवन करने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही आपको रोजाना 20 से 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। कब्ज (Constipation) से बचने के लिए एल्कोहल, कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे चाय और कॉफी, कम फाइबर वाले फूड जैसे मीट, दूध, पनीर और प्रोसेस्ड फूड (Processed food) का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
इसके साथ ही नियमित कम से कम आधे घंटे एक्सरसाइज (Workout) करना चाहिए। पेट में मरोड़ होने पर मल को रोकना नहीं चाहिए और तुरंत मल त्यागने की कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ ही प्रोबायोटिक और लैक्जेटिव का उपयोग करने से भी कब्ज काफी हद तक कम हो जाता है। पेट में कब्ज होने पर निम्न फूड्स का सेवन करना फायदेमंद होता है:
अगर आपकी समस्या फिर भी ठीक नहीं होती तो कब्ज (Constipation) के घरेलू उपायों को छोड़कर इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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