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Ventricular septal defect: वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (जन्मजात हृदय दोष) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

Ventricular septal defect: वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (जन्मजात हृदय दोष) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) क्या है?

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular septal ) या जन्मजात हृदय दोष

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष दिल का जन्म संबंधी दोष है जिसमें सेप्टम में एक छेद होता है, जो दिल के दो निचले चैंबरों (निलय) को अलग करता है। इस दीवार को वेंट्रिकुलर सेप्टम या जन्मजात हृदय दोष भी कहा जाता है। वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष या जन्मजात हृदय दोष सबसे आम जन्मजात हृदय दोषों में से एक है। यह कंजेनिटल हृदय रोग वाले सभी बच्चों में से लगभग आधे बच्चों में होता है। एक छोटे वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के कारण कोई समस्या नहीं होती और कई छोटे VSD अपने आप बंद भी हो जाते हैं। लेकिन, मध्यम या बड़े निलयी वंशीय दोष के मामले में सर्जिकल रिपेयर की आवश्यकता हो सकती है।

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वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के कारण

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष का क्या कारण है ?

किसी भी शिशु के जन्म से पहले उसके दाएं और बाएं  निलय (ventricles) अलग नहीं होते। जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का विकास होता है, एक सेप्टल वाल यानी दीवार इन दो वेंट्रिकल्स को अलग करती है। यदि दीवार पूरी तरह से नहीं बनती है, तो एक छेद रह जाता है। इस छेद को निलयी वंशीय दोष या वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या जन्मजात हृदय दोष कहा जाता है। सेप्टल वाल के साथ यह छेद अलग-अलग जगहों में हो सकता है, यही नहीं यह छेद एक या एक से अधिक भी हो सकते हैं

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या जन्मजात हृदय दोष के कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। यह दोष अक्सर अन्य जन्मजात हृदय दोषों के साथ होता है।

वयस्कों में निलयी वंशीय दोष बहुत ही दुर्लभ है। लेकिन, इससे दिल के दौरे की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही वीएसडी की वजह से गंभीर हार्ट अटैक की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।

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वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के लक्षण

  • शिशु के जन्म के बाद आप और आपके डॉक्टर निलयी वंशीय दोष रोग के लक्षणों को नोटिस कर सकते हैं । अगर डिफेक्ट छोटा है तो बच्चे के बड़े होने तक भी लक्षण सामने नहीं आ सकते। इस रोग के लक्षण छेद के आकार और इससे जुड़े हार्ट डिफेक्ट्स (heart defects) पर निर्भर करते हैं।
  • अगर आपके बच्चे को यह समस्या है तो आपके डॉक्टर को पहले चेक अप के दौरान हार्ट डिफेक्ट के बारे में पता चल सकता है। कई बार शिशु के जन्म से पहले अल्ट्रासाउंड की मदद से भी इस डिफेक्ट का पता चल जाता है।
  • कई बार वयस्क होने तक इस रोग का पता नहीं चल पाता।

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बच्चों में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष के लक्षण इस प्रकार हैं:

यह गंभीर लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें:

  • खेलने और खाने के दौरान जल्दी थक जाना
  • वजन का न बढ़ना
  • खाने और रोने के दौरान सांस का न आना
  • तेजी से सांस लेना या सांस का न आना
  • असामान्य हार्टबीट
  • थक जाना या कमजोरी

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जोखिम

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष का जोखिम क्या हैं ?

हो सकता है कि कम वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या जन्मजात हृदय दोष से रोगी को कोई समस्या न हो। लेकिन अधिक समस्या विकलांगता का कारण बन सकती है। यह विकलांगता माध्यम से जान का जोखिम भी हो सकती है। इसका उपचार हालांकि कई जटिलताओं से मुक्ति दिला सकती है।

हार्ट फेल : एक मध्यम या बड़े वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या जन्मजात हृदय दोष की सूरत में, पर्याप्त ब्लड पंप करने के लिए दिल को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से, अगर माध्यम से अधिक VSD का उपचार न किया जाये तो हार्ट फेल हो सकता है।

पल्मोनरी उच्च रक्तचाप : वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या जन्मजात हृदय दोष के कारण फेफड़ों में रक्त का प्रवाह बढ़ने से फेफड़ों की धमनियों (फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप) में उच्च रक्तचाप होता है, जो उन्हें स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

एंडोकार्डिटिस : यह हृदय संक्रमण (heart infection) एक असामान्य जटिलता है।

दिल की अन्य समस्याएं : इनमें असामान्य दिल की रदम्स और वाल्व की समस्याएं शामिल हैं।

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निदान और उपचार को समझें

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष का निदान क्या है ?

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के निदान के लिए डॉक्टर आपको नीचे बताए गए ये टेस्टस कराने की सलाह दे सकते हैं: 

  • कार्डियक कैथीटेराइजेशन
  • चेस्ट एक्स-रे – यह टेस्ट यह देखने के लिए कराया जाता है कि दिल का आकार बढ़ा हुआ है और फेफड़ों में फ्लूइड है?
  • ECG – बढ़े हुए बाएं वेंट्रिकल के लक्षण को दिखाता है।
  • इकोकार्डियोग्राम – एक निश्चित निदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • दिल का MRI  – इससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि फेफड़ों तक कितना खून पहुंच रहा है।

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रोकथाम

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष की रोकथाम कैसे की जाए ?

ज्यादातर मामलों में, आप निलयी वंशीय दोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं। हालांकि, स्वस्थ रहने के लिए हर संभव प्रयास करना महत्वपूर्ण है। 

गर्भवती होने से पहले ही प्रसवपूर्व देखभाल करवा लें

गर्भावस्था से पहले ही डॉक्टर से अपने स्वास्थ्य के बारे में जान लें और अगर लाइफस्टाइल में परिवर्तन करना हो तो वो भी सलाह ले लें ताकि आपकी गर्भावस्था स्वस्थ हो। यही नहीं, आपकी इसके लिए जरूरी दवाइयों के लिए भी जान लेना चाहिए।

संतुलित आहार लें

अपने आहार में विटामिन सप्लीमेंट (vitamin supplement) लें जिसमें फोलिक एसिड भी शामिल हो। कैफीन की मात्रा को सीमित रखें।

नियमित व्यायाम करें

अपने डॉक्टर से मिल कर उस एक्सरसाइज प्लान को विकसित करें जो आपके लिए आवश्यक है।

जोखिम से बचे

इसमें आप उन तत्वों को लेने से बचे जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं जैसे अल्कोहल, तम्बाकू और अन्य हानिकारक ड्रग ।

इन्फेक्शन से बचे

गर्भवती होने से पहले समय पर सभी टीके लगवाए। कुछ संक्रमण भ्रूण के विकास के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

मधुमेह को नियंत्रण में रखें

यदि आपको मधुमेह है, तो गर्भवती होने से पहले अपने डॉक्टर के साथ प्लान बनाएं ताकि आप गर्भवती होने से पहले मधुमेह को नियंत्रित कर सके।

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट का उपचार 

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) या जन्मजात हृदय दोष का उपचार क्या है ?

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट एक सामान्य कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट है। इस समस्या का हो सकता है कि कोई लक्षण न दिखाएं दें और समय के साथ जन्म के बाद वाल के विकास के बाद यह छेद खुद बंद हो जाये। अगर छेद बड़ा हो तो फेफड़ों से बहुत अधिक खून पंप होता है। इससे हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है। अगर यह डिफेक्ट कम हो तो किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन डॉक्टर द्वारा आपके बच्चे को सावधानी से मॉनिटर करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि छेद अंततः ठीक से बंद हो जाए और दिल की विफलता के लक्षण न हों।

उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको हार्ट में किसी भी प्रकार की समस्या है तो डॉक्टर से पहले जांच कराएं। डॉक्टर की सलाह पर परिक्षण कराएं और बताई गई दवाइयों का सेवन करें। अगर आपको इस हेल्थ कंडिशन के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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