के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एसोफेगल स्ट्रिक्चर एक ऐसी समस्या है जिसमें एसोफेगस संकरा या टाइट हो जाता है जिसके कारण निगलने में कठिनाई होती है। दरअसल एसोफेगस एक ट्यूब होता है जो भोजन और तरल पदार्थ को मुंह से पेट तक लाने का कार्य करता है। एसोफेगल स्ट्रिक्चर तब होता है जब पेट में एसिड या अन्य खराब पदार्थ समय के साथ एसोफेगस की परत को डैमेज कर देती हैं। इससे सूजन होने के साथ ही ऊतक नष्ट होने लगते हैं और एसोफेगस सिकुड़ जाता है।
हालांकि एसोफेगल स्ट्रिक्चर कैंसर का लक्षण नहीं है लेकिन इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। एसोफेगस सिकुड़ने से किसी भी तरह का फूड निगलने में परेशानी होती है और यहां तक कि गला भी जाम हो सकता है। सिर्फ यही नहीं एसोफेगस पूरी तरह काम करना बंद कर सकता है। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
एसोफेगल स्ट्रिक्चर एक रेयर डिसॉर्डर है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में हजारों लोग एसोफेगल स्ट्रिक्चर से पीड़ित हैं। बच्चों और वयस्कों में यह बीमारी बहुत आम है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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एसोफेगल स्ट्रिक्चर शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। एसोफेगल स्ट्रिक्चर से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः गले में भारीपन महसूस होता है और भोजन एवं तरल पदार्थ निगलने में परेशानी होती है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से गला जाम होने के साथ ही कुपोषण और डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर एसोफेगल स्ट्रिक्चर अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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एसोफेगल स्ट्रिक्चर आमतौर पर ऊतकों पर चोट लगने के कारण होती है। जिसके कारण एसोफेगस डैमेज हो जाता है। इसके अलावा इस समस्या का मुख्य कारण गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज है जिसे एसिड रिफ्लक्स भी कहते हैं। यह तब होता है जब लोअर एसोफेगल स्फिंक्टर सही तरीके से बंद या टाइट नहीं होता है।
साथ ही इयोसिनोफिलिक एसोफेजाइटिस, एंडोस्कोप के कारण चोट लगने, लंबे समय तक नासोगैस्ट्रिक ट्यूब का इस्तेमाल करने के कारण भी एसोफेगल स्ट्रिक्चर हो सकता है। सीने और गर्दन की रेडिएशन थेरिपी, गलती से अम्लयुक्त पदार्थ जैसे बैटरी या क्लिनर निगलने के कारण भी यह समस्या प्रभावित कर सकती है।
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एसोफेगल स्ट्रिंक्टर से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एसोफेगस में सॉलिड फूड्स फंस सकता है जिसके कारण गला जाम होने के साथ ही सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा पल्मोनरी एस्पिरेशन का भी जोखिम रहता है जिससे व्यक्ति को उल्टी हो सकती है या तरल पदार्थ फेफड़े में जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
एसोफेगल स्ट्रिक्चर का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ मरीजों में एसोफेगल पीएच मॉनिटरिंग के माध्यम से भी इस बीमारी का निदान किया जाता है। इसमें मरीज के एसोफेगस में जाने वाले पेट के एसिड की जांच की जाती है। इसके लिए एसोफेगस में एक ट्यूब 24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है जिससे बीमारी का पता लगाने में आसानी होती है।
एसोफेगल स्ट्रिक्चर को इलाज से ठीक किया जा सकता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में एसोफेगल स्ट्रिक्चर के असर को कम किया जाता है। एसोफेगल स्ट्रिक्चर के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा गंभीर मामलों में एसोफेगल स्ट्रिक्चर के इलाज के लिए सर्जरी भी की जाती है। साथ ही स्टेंट का भी सहारा लिया जाता है। स्टेंट एक ट्यूब है जिसे संकरे एसोफेगस में डालकर उसे स्ट्रेच किया जाता है जिससे निगलने और खाने पीने में आसानी होती है।
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अगर आपको एसोफेगल स्ट्रिक्चर है तो आपके डॉक्टर वह मसालेदार, तैलीय और फैटी फूड्स के साथ ही चॉकलेट, एल्कोहल, तंबाकू और कैफीन से पूरी तरह परहेज करने की सलाह देंगे। इसके साथ ही ढीले कपड़े पहनने से पेट पर कम दबाव पड़ता है। सिर्फ यही नहीं दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करना चाहिए और खाने के लगभग तीन घंटे बाद सोना चाहिए। इसके साथ ही वजन कम करने से भी यह समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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