अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर कौशल रेगे की प्रयोगशाला में काम करने वाले विद्यार्थी सुभादीप दत्ता और कार्तिक पुष्पावणम ने बैनर-एम.डी. एड्रसन के साथ मिलकर रेडिएशन थेरिपी की डोज को मॉनिटर करने का नया तरीका विकसित किया है। यह टीम अपनी रिसर्च कैलिफोर्निया में 64th एनुअल मीटिंग ऑफ द बायोफिजिकल सोसाइटी में पेश कर रही है।
इस टीम ने मिलकर एक हाइड्रोजेल बनाया है, जिसे मरीज की त्वचा पर सीधा लगाकर रेडिएशन डोज को मापी जा सकता है। यह जेल गोल्ड सॉल्ट और कुछ अमिनोएसिड को मिलाकर बनाया गया है, जो कि सामान्य रूप में बेरंग होता है, लेकिन रेडिएशन के संपर्क में आने से गुलाबी रंग का हो जाता है। रंग का गहरापन रेडिएशन की मात्रा पर निर्धारित रहता है। ट्रीटमेंट के बाद इस हाइड्रोजेल को आसानी से त्वचा से हटाया जा सकता है और उसके रंग को मापने के लिए आम और सस्ते लैब इंस्ट्रूमेंट अब्जोर्प्शन स्पैक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पहले रेडिएशन थेरिपी की डोज को मॉनिटर करने के लिए कुछ विकल्प पहले से भी हैं, जैसे- रेडियोक्रोमिक फिल्मस औऱ नैनोडोट, लेकिन यह या तो महंगे या फिर बहुत नाजुक हैं।
और पढ़ें : महामारी के दौरान टिड्डी दल का हमला कर सकता है परेशान, भारत में दे चुका है दस्तक
कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरिपी क्या है?
हमने ऊपर जाना कि रेडिएशन थेरिपी को मॉनिटर करने के लिए नया तरीका विकसित हो चुका है। अब हम, जानते हैं कि कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरिपी क्या है और यह कैसे काम करता है। रेडिएशन थेरिपी को रेडियोथेरिपी भी कहा जाता है, जो कि कैंसर का एक प्रकार का इलाज है। इस ट्रीटमेंट में कैंसरकृत सेल्स को नष्ट करने और ट्यूमर को छोटा करने के लिए रेडिएशन की हाई डोज का इस्तेमाल किया जाता है। यह रेडिएशन वही रेडिएशन होती है, जो कि आपके शरीर के अंदरुनी भागों का एक्सरे निकालने में इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, उस दौरान इसकी डोज काफी कम होती है।
रेडिएशन की प्रोसेस: रेडिएशन थेरिपी से कैंसर का इलाज कैसे होता है?
रेडिएशन थेरिपी में रेडिएशन की हाई डोज की मदद से कैंसर सेल्स को नष्ट कर दिया जाता है या उनके डीएनए को डैमेज करके उनकी ग्रोथ को धीरे कर दिया जाता है। कैंसर सेल्स का डीएनए डैमेज हो जाने के बाद वह खुद को फैला नहीं पाती हैं और नष्ट हो जाती हैं। कैंसरकृत सेल्स के नष्ट हो जाने के बाद वह टूट जाती हैं और शरीर उन्हें बाहर निकाल देता है। रेडिएशन थेरिपी से कैंसरकृत सेल्स को एकदम नष्ट नहीं किया जा सकता। इसके लिए इस थेरिपी को कई दिन या हफ्तों तक जारी रखना होता है। इस थेरिपी के खत्म होने के कई हफ्तों और महीनों बाद तक कैंसरयुक्त सेल्स मरती रहती है।