
रेडिएशन थेरिपी कितने प्रकार की होती हैं?
रेडिएशन थेरिपी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं, पहली एक्सटर्नल बीम और दूसरी इंटरनल बीम। ट्रीटमेंट में रेडिएशन थेरिपी का प्रकार आपके कैंसर के प्रकार, ट्यूमर के आकार, शरीर में ट्यूमर के स्थान, आपके स्वास्थ्य और मेडिकल हिस्ट्री, उम्र आदि पर निर्भर करता है।
और पढ़ें : National Doctors Day 2020: कोविड-19 से जंग, एक बड़ा चैलेंज है डॉक्टर्स के लिए
रेडिएशन की प्रोसेस: एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरिपी
एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरिपी एक मशीन की सहायता से दी जाती है, जो कि आपके कैंसर पर रेडिएशन देती है। यह मशीन काफी बड़ी होती है और काफी शोर करती है। यह विभिन्न दिशाओं से सिर्फ आपके कैंसर वाले हिस्से पर रेडिएशन डालती है। उदाहरण के लिए, अगर आपको लंग कैंसर है, तो यह सिर्फ आपकी चेस्ट पर ही कार्य करेगी।
[mc4wp_form id=”183492″]
रेडिएशन की प्रोसेस: इंटरनल बीम रेडिएशन थेरिपी
इंटरनल बीम रेडिएशन थेरिपी में रेडिएशन का एक सोर्स आपके शरीर के अंदर डाला जाता है, जो कि सोलिड या लिक्विड हो सकता है। सॉलिड सोर्स वाली इंटरनल बीम रेडिएशन थेरिपी को ब्रैकीथेरिपी और लिक्विड सोर्स वाली इंटरनल बीम रेडिएशन थेरिपी को सिस्टेमिक थेरिपी कहा जाता है। ब्रैकीथेरिपी आपके सिर्फ एक हिस्से पर प्रभाव डालती है, जबकि सिस्टेमिक थेरिपी आपके शरीर के कई हिस्सों पर प्रभाव डालती है।
और पढ़ें : कोरोना के बाद चीन में सामने आया नया फ्लू वायरस, दे रहा है महामारी का संकेत
रेडिएशन थेरिपी के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
सबसे पहले रेडिएशन थेरिपी टीम आपके लिए एक सुविधाजनक पोजीशन को ढूंढने में मदद करती है। क्योंकि, ट्रीटमेंट के दौरान आपको अपने शरीर को स्थिर रखना होता है, जिसके लिए एक सुविधाजनक पोजीशन ढूंढना अनिवार्य है। इसके लिए आपको रेडिएशन टेबल जैसी एक टेबल पर लिटा दिया जाता है और तकियों की सहायता से शरीर को स्थिर रखने का प्रयास किया जाता है। इसके बाद आपकी रेडिएशन टीम ट्रीटमेंट किए जाने वाले हिस्से को मार्क करती है। इसके अलावा, आपकी रेडिएशन थेरिपी टीम आपको कुछ सीटी स्कैन करवाती है, ताकि ट्रीटमेंट किए जाने वाले हिस्से की अंदरुनी स्थिति को अच्छी तरह से समझा जा सके।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।