हमारे देश में आज भी प्रेग्नेंसी प्लान (Pregnancy Planning) करना महिलाओं की मर्जी पर निर्भर नहीं करता। कई ऐसी महिलाएं है जो बस यूं ही या परिवार के दबाव में आकर प्रेग्नेंसी प्लान कर लेती हैं। कुछ तो इसलिए बार-बार प्रेग्नेंट हो जाती है क्योंकि उनके पति प्रोटेक्शन नहीं लेते और वह खुद कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करने की हालत में नहीं होती या उन तक पहुंच नहीं होती। ऐसा ग्रामीण महिलाओं के साथ होता है।
बेटे का मोह
जिनकी पहले दो बेटियां हैं, बावजूद इसके परिवार की ओर से बेटे की चाह में बार-बार प्रेग्नेंसी प्लान (Pregnancy Planning) करने का प्रेशर रहता है और यह स्थिति आज भी बहुत बदली नहीं है।
शिक्षा का अभाव
हमारे देश की एक बड़ी आबादी आज भी अशिक्षित है ऐसे में उन्हें जनसंख्या नियंत्रण की अहमियत और परिवार नियोजन की ज़रूरत के बारे में समझ ही नहीं है।
कानून बनाकर, लोगों को शिक्षित या जागरुक करके यदि जल्द ही जनसंख्या को बढ़ने से रोका नहीं गया तो, गरीबी, भूख और कुपोषण की समस्या और गहराती जाएगी। कोरोना के इस मुश्किल समय में खासतौर पर देश के युवाओं को परिवार नियोजन और सुरक्षित सेक्स (Safe sex) के प्रति जागरुक करके बढ़ती आबादी की समस्या पर लगाम लगाना ज़रूरी है ताकि आने वाले समय में बेहतर ज़िंदगी का सबका सपना पूरा हो सके।