दि लैंसेट में प्रकाशित जॉर्नल के अनुसार आंखों से कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। जॉर्नल में हुई रिसर्च के अनुसार 172 लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। इन 172 लोगों में हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स और आम लोगों को शामिल किया गया। अध्ययन में सभी 172 प्रतिभागी 16 अलग-अलग देशों से थे। जिन लोगों ने मास्क के साथ आंखों पर आई ग्लासेस लगा रखें थे, उनमें कोरोना का संक्रमण बहुत कम था, जबकि जिन लोगों ने मास्क के साथ आई ग्लासेस नहीं पहने थे, उन लोगों में कोराना संक्रमण पाया गया।
इसी तरह से जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के द्वारा की गई स्टडी में भी कुछ ऐसी ही बात सामने आई। मई के महीने में जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी में की गई रिसर्च के अनुसार आंखों से कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता है। इसके लिए जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी ने लोगों को मास्क के साथ ही आंखों को भी ढकने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड 19 से संक्रमित व्यक्ति जब बोलता, छींकता या खांसता है, तो उसके मुंह से निकले हुए इंफेक्टेड ड्रॉपलेट्स आंखों पर पड़ते हैं। एक बार जहां ये संक्रमित ड्रॉपलेट्स आंखों में पहुंचे, वैसे ही वायरस एक्टिव हो कर शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।
दि लैंसेट में प्रकाशित जर्नल ने सलाह दी है कि फेश शिल्ड, गॉगल्स, चश्मे या विजर्स आंखों पर पहनें। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑफ्थैल्मोलॉजी के अनुसार, चश्मे और सनग्लासेस आपकी आंखों के लिए शिल्ड का काम करते हैं। लेकिन, फिर भी साइड से आंखों से कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहता है, ऐसे में आंखों को पूरी तरह से ढकने वाला चश्मा ही पहनना ठीक रहेगा।
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आंखों से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फेस शिल्ड है कितना असरदार?
आंखों से कोरोना संक्रमण के लिए फेस शिल्ड का प्रयोग किया जा सकता है। पिछले कुछ दिनों में लोगों ने फेस शील्ड का यूज ज्यादा कर दिया है। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड मास्क से बेहतर है। इसके साथ ही फेस शील्ड चश्मे से सुविधाजनक भी है। आयोवा यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट का मानना है कि फेस शील्ड आंखों से कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करता है। कोरोना वायरस के कम्यूनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए ये बेहतर विकल्प है।
उधर, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक जॉर्नल की रिपोर्ट में एक्सपर्ट ने कहा कि लोग फेस शील्ड का जितना अधिक उपयोग करते है, उन्हें आंखों से कोरोना संक्रमण फैलने का रिस्क चश्मे से कम हो सकता है। फेस शील्ड को सिमुलेशन स्टडी में यह बात सामने आई है कि लगभग 18 इंच की दूरी पर अगर कोई खांसता है तो फेस शील्ड से 96 फीसदी तक आंखों को सुरक्षा देता है। वहीं, अगर कोई छह फीट से खांसता है तो फेस शील्ड 92 फीसदी तक आंखों को सुरक्षा प्रदान करता है।
दूसरी तरफ, अगर संक्रमित व्यक्ति ने अगर फेस शील्ड पहना हुआ है तो भी कुछ हद तक कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता है। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि फेस शील्ड सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन फिर भी हाथों को 20 सेकेंड तक धुलने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियमों को फॉलो करना चाहिए। कोरोना महामारी जिस तरह से भारत में फैल रही है, हम सभी को सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस से अवेयरनेस बहुत जरूरी है।