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वायरस हो सकता है अधिक सक्रिय
तापमान का कोरोना वायरस पर असर कितना होता है, इस बारे में अभी तक किसी भी तरह की जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन फिर भी शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसा माना है कि तापमान कम होने के साथ ही कोरोना वायरस अधिक सक्रिय हो जाता है। इस आधार पर कुछ समय बाद कोरोना की वैक्सीन मिल जाती है तो हो सकता है कि मौसम परिवर्तन के साथ ही ये वायरस दोबारा वापस आ जाए। इसलिए शोधकर्ताओं ने साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) को जरूरी माना है।
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सोशल डिस्टेंसिंग पर 2022 तक अमल इसलिए है जरूरी
‘जर्नल साइंस’ में छपे रिचर्स के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य एहतियाती उपायों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कोरोना वायरस के कारण प्रभावित देशों ने किस तरह से चिकित्सा का अधिक विस्तार किया है। यानी उनके देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उचित साधन मौजूद है भी या नहीं। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जिस वैक्सीन का निर्माण किया गया है, वो कितने दिनों तक इंसानों को कोरोना वायरस से सुरक्षा दिलाने का काम करेगी।
सावधानी बेहद जरूरी (Precaution is important)
रिसर्चर किसलर के अनुसार अगर कोरोना वायरस पर अगले कुछ महीनों में काबू पार लिया जाता है तो भी सभी लोगों को सावधानी से रहना पड़ेगा क्योंकि संक्रमण 2024 के अंत तक धीरे-धीरे वापसी कर सकता है। कोरोना वायरस के फिलहाल खत्म हो जाने पर अगर भविष्य में ढील दी जाएगी तो वायरस अधिक ताकतवर बन सकता है। फिलहाल तो कोरोना वायरस ने अमेरिका में कहर ढाया हुआ है। अब तक अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus) से 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) को मेंटेन करना कारगर उपाय मालूम पड़ता है।
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तापमान बदलने के साथ वायरस (Virus) होगा एक्टिव ?