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स्टडी : साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल है जरूरी, जानिए क्यों ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/12/2021

    स्टडी : साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल है जरूरी, जानिए क्यों ?

    कोरोना वायरस के कारण फैली कोविड-19 बीमारी को लेकर लोगों के मन में एक ही सवाल है कि आखिर कब तक इस कोविड-19 (COVID-19) की बीमारी से छुटकारा मिलेगा ? फिलहाल अभी तक कोविड-19 की वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) नहीं बनी है और कुछ सावधानियों के आधार पर लोग खुद को कोरोना वायरस के संक्रमण (Coronavirus Infection) से खुद को बचा रहे है। इस संबंध में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक एनालिसिस की है और उसके बाद अहम जानकारी भी दी है और ऐसा माना गया है कि 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) का पालन करना बेहद जरूरी है।

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    साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022)

    शोधकर्ताओं के अनुसार ‘ वैक्सीन न बनने की स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े उपायों पर साल 2022 तक अमल करना जरूरी हो सकता है’। फिलहाल दुनियाभर में सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी उपाय के तौर पर अपनाया जा रहा है। 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) की सभी को जरूरत पड़ सकती है। सोशल डिस्टेंसिंग से मतलब है कि पब्लिक प्लेस में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच एक मीटर से अधिक की दूरी मेंटेंन करना। सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कर इस वायरस से खुद को और अन्य लोगों को भी इस गंभीर वायरस से बचने में सहायता मिल सकती है। इसलिए यह हर एक व्यक्ति का दाईत्व है कि 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) के नियम का पूर्णतः पालन करें।

    कोरोना महामारी के दौरान सोशल डिस्टेंस को बहुत जरूरी माना जा रहा है। ऐसे में जब देश में लगातार कोरोना वायरस (कोविड-19) के पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है, बचाव ही एकमात्र विकल्प बचा है। महामारी तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रही है। प्रधानमंत्री अपने सभी संबोधन में कोविड-19 से बचने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं कि घर में रहे। अगर बाहर जाने की जरूरत पड़ रही है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल जरूर रखें। स्टडी में ये बात साफ तौर पर कहीं गई है कि भले ही कुछ समय बाद महामारी से छुटकारा मिल जाए, लेकिन लोगों को भविष्य में सुरक्षित रहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing) बहुत एकमात्र विकल्प है यानी कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंस लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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    2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग क्यों है जरूरी ?

    2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022)

    हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं में स्टीफन किसलर ने शोध का नेतृत्व किया। शोधकर्ताओं ने कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine), मौसम बदलने के साथ बीमारी बढ़ने की शंका, इंसान के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में उत्पन्न हुई प्रतिरोधक क्षमताओं आदि को ध्यान में रखते हुए भविष्य का अनुमान लगाया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर 2022 तक अमल करना चाहिए क्योंकि ये सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग पर 2022 तक अमल करना इसलिए भी बहुत जरूरी है क्योंकि कोरोना वायरस (Coronavirus) तापमान के बदलने के साथ ही कम या ज्यादा असर भी दिखा सकता है।

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    वायरस हो सकता है अधिक सक्रिय

    तापमान का कोरोना वायरस पर असर कितना होता है, इस बारे में अभी तक किसी भी तरह की जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन फिर भी शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसा माना है कि तापमान कम होने के साथ ही कोरोना वायरस अधिक सक्रिय हो जाता है। इस आधार पर कुछ समय बाद कोरोना की वैक्सीन मिल जाती है तो हो सकता है कि मौसम परिवर्तन के साथ ही ये वायरस दोबारा वापस आ जाए। इसलिए शोधकर्ताओं ने साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) को जरूरी माना है।

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    सोशल डिस्टेंसिंग पर 2022 तक अमल इसलिए है जरूरी

    ‘जर्नल साइंस’ में छपे रिचर्स के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य एहतियाती उपायों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कोरोना वायरस के कारण प्रभावित देशों ने किस तरह से चिकित्सा का अधिक विस्तार किया है। यानी उनके देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उचित साधन मौजूद है भी या नहीं। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जिस वैक्सीन का निर्माण किया गया है, वो कितने दिनों तक इंसानों को कोरोना वायरस से सुरक्षा दिलाने का काम करेगी।

    सावधानी बेहद जरूरी (Precaution is important)

    रिसर्चर किसलर के अनुसार अगर कोरोना वायरस पर अगले कुछ महीनों में काबू पार लिया जाता है तो भी सभी लोगों को सावधानी से रहना पड़ेगा क्योंकि संक्रमण 2024 के अंत तक धीरे-धीरे वापसी कर सकता है। कोरोना वायरस के फिलहाल खत्म हो जाने पर अगर भविष्य में ढील दी जाएगी तो वायरस अधिक ताकतवर बन सकता है। फिलहाल तो कोरोना वायरस ने अमेरिका में कहर ढाया हुआ है। अब तक अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus) से 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) को मेंटेन करना कारगर उपाय मालूम पड़ता है।

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    तापमान बदलने के साथ वायरस (Virus) होगा एक्टिव ?

    इस बारे में पुख्ता रिसर्च अभी नहीं हो पाई है, लेकिन मौसम का वायरस पर असर हो सकता है। हार्वर्ड वें चैन स्कूल में पोस्टडॉक्टरल फैलो स्टीफन एम किसलर कहते हैं कि SARS-CoV2 महामारी की तरह ही कोविड-19 मौसम के परिवर्तन के साथ ही अलग असर दिखा सकती है। हम सबको इस बात के लिए तैयार हो जाना चाहिए। स्टिमुलेशन के आधार पर महामारी से बचने के लिए 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing till 2022) एकमात्र रास्ता हो सकता है। हम सभी को अगले दो सालों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing) को नहीं भूलना चाहिए।

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    कोरोना से बचने के लिए सावधानी रखें (Tips to follow during Pandemic)

    फिलहाल भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण (Infection) तेजी से फैलता जा रहा है। कोविड-19 के खतरे से बचने के लिए घर में सुरक्षित रहना ही एक मात्र उपाय है। अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं तो बेहतर होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing) का पूरा ख्याल रखें। साथ ही घर में जो भी सामान ले कर आ रहे हैं, उसे अच्छी तरह से साफ करें। हाथों की अच्छे से सफाई के साथ ही बाहर से लाए सामान को भी सैनिटाइज करें। अगर आपको सर्दी-जुकाम, खांसी या फिर सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना से बचाव बेहद जरूरी है।

    • नाक बहने की समस्या
    • सिरदर्द (Headache) की समस्या
    • लगातार खांसी आना
    • गले में खराश महसूस होना और दर्द होना
    • शरीर का ताप बढ़ जाना या बुखार (Fever) आना
    • अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास
    • अस्थमा (Asthma) की समस्या

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    कोरोना वायरस के कारण दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहा है। कोरोना वायरस से अवेयरनेस बहुत जरूरी है। कोरोना के लक्षणों (Coronavirus symptoms) को देखकर अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना महामारी से निपटने के लिए घर में जो भी सामान लाएं, उसे अच्छे से साफ करें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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