कोरोना वायरस के आपने शुरुआती लक्षण और कोरोना के नए लक्षण तो जान लिए है। अब जानिए कि किस तरह से कोरोना वायरस लोगों के पाचन तंत्र यानी डायजेस्टिव सिस्टम पर भी अपना असर दिखा रहा है। जी हां ! कोरोना वायरस के कारण कुछ लोगों में पेट की समस्या की बात भी सामने आई है। अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की ओर से की गई स्टडी में ये बात सामने आई कि वुहान में पॉजिटिव पाए गए कुल पेशेंट में से आधे पेशेंट में डायजेस्टिव सिस्टम में इश्यू भी पाए गए थे। मेडिकल कम्यूनिटी के लिए भी ये लक्षण नए थे।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के को एडिटर इन चीफ कुछ स्टडी के बाद देखा कि कुछ पेशेंट में बुखार, मतली, दस्त सूजन और पेट दर्द की समस्या सामने आई है। जिन लोगों में ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं वो लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं और ऐसे लोगों को अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाना जरूरी है। वुहान मेडिकल ट्रीटमेंट एक्सपर्ट ग्रुप के डॉक्टर्स ने 204 पेशेंट को देखा। उनमे से 50 प्रतिशत मामलों में मरीज को भूख, दस्त, उल्टी, या पेट दर्द आदि की समस्या देखने को मिली। वहीं कुछ लोगों में डायजेस्टिव सिस्टम संबंधित लक्षण देखने को मिले, जबकि कुछ लोगों में सांस से जुड़े कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिले। कोरोना से सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का तरीका है। कोरोना वायरस वैक्सीन का ह्युमन ट्रायल कई देशों में शुरू हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि पॉजिटिव रिजल्ट जल्द आएं। वहीं कुछ लोगों को कोरोना के कारण दिमाग में भी असर महसूस हो रहा है।
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कोरोना वायरस के लक्षण : लिवर डैमेज की समस्या

कोविड-19 के लक्षणों में कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है। कोरोना वायरस लोगों के इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम कर रहा है। स्टडी के दौरान एक बात और सामने आई है कि कुछ रोगियों को ये जानकारी बिल्कुल नहीं थी कि उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण किस तरह से हुआ है। करीब 35 प्रतिशत लोग में पेट संबंधित समस्या भी पाई गई। समय के साथ समस्या अधिक बढ़ गई। वहीं, जिन लोगों में डायजेस्टिव इश्यू नहीं था, वो लोग लिवर डैमेज से भी पीड़ित थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लिवर पर अटैक इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम की जरूरत होती है।
कोविड-19 के लक्षण (Coronavirus symptoms) : सीने में दर्द की समस्या
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे मामलों की भी पुष्टि भी हुई है जहां जहां कोरोना के पेशेंट को सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। न्यूयार्क में एक मामला सामने आया है, जिसमें 64 साल के एक रोगी ने दिल में दर्द की शिकायत बताई। डॉक्टरों ने जब अन्य चेकअप किया तो पेशेंट के ब्लड में ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन का हाई लेवल पाया गया। इस कारण से हार्ट की मसल्स डैमेज हो जाती है।
कोविड-19 के लक्षण (COVID-19 symptoms) : त्वचा पर रैशेज होना
कई लोगों में कोरोना के शुरुआती दौर में स्किन पर रैशेज की पुष्टि हुई है। इसे लेकर स्पेनिश एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी ने 375 कोरोना संक्रमित लोगों पर स्टडी की। इस शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों में पांच तरह के रैशेज होने की पुष्टि हुई है। पहती तरह के रैशेज में हाथों और पैरों की स्किन पर लाल दाने उभरते देखे गए हैं। इन दानों में खुजली भी होती है। कई लोगों में इन दानों का रंग लाल से बैंगनी देखा गया। ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित 19% मरीजों में ये रैशेज होते हैं। ये रैशेज खासतौर पर कम उम्र के मरीजों में देखने को मिले हैं। दूसरे तरह के रैशेज में शरीर के पीछे की तरफ या फिर यौनांगों के आसपास छोटे छोटे दाने होते हैं। कई लोगों की हालत गंभीर होने पर इन दानों में खून भर आया। तीसरे तरह के रैशेज में सफेद और गुलाबी रंग के दाने हथेलियों पर नजर आते हैं। ये दाने 6 से 7 दिन में ठीक हो जाते हैं। चौथे तरह के रैशेज सबसे ज्यादा लोगों में देखने को मिले। इनमें त्वचा पर सूजन आ जाती है। इसके साथ ही चपटे आकार मे दाने होते है। ये काफी खुजली करते हैं। पांचवी तरह के रैशेज बहुत कम लोगों में दिखते हैं। ये रैशेज तब होते हैं जब रक्त वाहिकाओं में ऑक्सीजन का बहाव कम होने लगता है। ये उम्रदराज मरीजों में देखने को मिलते हैं।
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कोविड-19 के लक्षण : सावधानी और जानकारी रखना है जरूरी
कोविड-19 के अलग-अलग लक्षण के अनुसार ही लोगों को मेडिसिन दी जा रही है। दो प्रकार की कंडीशन के बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है। प्रीसिम्टोमैटिक कंडीशन और एसिम्टोमैटिक कंडीशन के बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। प्रीसिम्टोमैटिक कंडीशन के दौरान जब किसी व्यक्ति को टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ दिनों के बाद कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जबिक एसिम्टोमैटिक कंडीशन में व्यक्ति को कभी भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जो वैज्ञानिक कोरोना वायरस फैलने के कारण और काउंट केस की स्टडी कर रहे हैं, उनमे एसिम्टोमैटिक कंडीशन वाले व्यक्ति नहीं गिने जा सकते हैं क्योंकि वो किसी भी प्रकार के लक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं। ऐसे लोग अन्य लोगों को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं।
खतरनाक हो सकती है स्थिति
जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण लोगो को बीमारी कर रहा है, सभी के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोविड-19 के लक्षण देखकर ही कोई भी व्यक्ति टेस्ट के लिए जाता है। अब जबकि विभिन्न देशों से कोविड-19 के लक्षण के विभिन्न प्रकार बताए जा रहे हैं तो ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए परेशान होना जायज है। कोरोना वायरस विभिन्न देशों में तेजी से फैल रहा है। हो सकता है कि आपको नए लक्षण न पता चले। फिर भी कोविड-19 के लक्षण अगर आपको पता होंगे तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही कोरोना के लक्षण पर भी ध्यान दें। नाक का बहना (runny nose), सिरदर्द की समस्या, खांसी आना, गले में खराश महसूस होना (sore throat), बुखार महसूस होना, अस्वस्थ्य होने का सामान्य एहसास, अस्थमा की समस्या या सांस लेने में समस्या आदि। कोरोना वायरस आसानी से फैल जाता है तो इन बातों का ध्यान भी रखें,
- इंफेक्टेड व्यक्ति के मुंह को बिना ढके खांसने या छींकने से हवा में वायरस पहुंच जाता है।
- इंफेक्टेड व्यक्ति से हाथ मिलाने पर भी वायरस आसानी से फैल जाता है।
- संक्रमित जगह को छूने से भी वायरस फैल सकता है। नाक, आंख या मुंह का संपर्क करने भर से ही वायरस फैल जाता है।
- मल के संपर्क में आने पर भी कोरोना वायरस फैल सकता है, ऐसा कहा जा रहा है पर इसपर शोध जारी है।
अगर आपको कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे हैं और कई दिनों तक सुधार नजर नहीं आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जांच के बाद डॉक्टर के बताए नियमों का पालन करें। घर में सब्जियों और फलों को लाने के बाद साफ करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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