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आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल: कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर कौन-सी दवा लें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Suraj Kumar Das द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/09/2020

    आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल: कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर कौन-सी दवा लें?

    आज किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो वह चिंताओं में डूब जाता है। सोचने लगता है कि ये बीमारी कोरोना वायरस के लक्षण हैं और उसका जीवन खतरे में है। भले ही ये रोग फ्लू या अन्य किसी कारण से हो रहे हों। सच यह है कि कोविड-19 महामारी के कारण सभी लोग ऐसी ही तनाव भरा जीवन जीने को मजबूर हैं। इस भययुक्त माहौल में कई लोगों को तो यह भी नहीं पता है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इन लक्षणों से महसूस होने पर कौन-सी दवा लेनी चाहिए। आज हम आपकी सारी आशंकाएं दूर करेंगे और बताएंगे कि कोरोना वायरस के लिए आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल में से आपको किस दवा का सेवन करना चाहिए।

    आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलः कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर कौन-सी दवा लें?

    भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू कर दिया और लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार लगातार लोगों को परामर्श दे रही है कि जब तक लोग गंभीर रूप से बीमार न हों, तब तक हॉस्पिटल जाने से बचना चाहिए। सर्दी, खांसी और बुखार जैसे कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर तुरंत लोगों को खुद में क्वारंटाइन कर लेना चाहिए। ऐसे में लोगों के मन में बड़ा सवाल यह है कि अगर किसी व्यक्ति को यह पता चलता है कि उसे बुखार हो गया है, तो उसे क्या करना चाहिए। सेल्फ क्वारंटाइन के समय उसे कोरोना वायरस के लक्षण, जैसे बुखार को ठीक करने के लिए कौन सी दवा लेनी चाहिए। क्या बुखार होने पर आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल लिया जा सकता है या अन्य कोई दूसरी दवा लेनी चाहिए।

    कोरोना वायरस के लिए एंटीबायोटिक दवा इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल-- Ibuprofen vs Paracetamol

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलः किससे मिलेगा मरीज को आराम?

    आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल बाजार में आम बिकने वाली दवाएं हैं। ये दुकानों में आसानी से मिल जाती हैं। आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल का इस्तेमाल बुखार को कम करने और फ्लू जैसे लक्षणों से आराम पाने के लिए किया जाता है। इसलिए आज कई लोग इसे कोरोना वायरस के लक्षणों के लिए इनके प्रयोग की बात कर रहे हैं। बहुत कम लोगों को ही यह पता होता है कि आइबूप्रोफेनऔर पेरिसिटामोल में मौजूद साल्ट (तत्व) और इससे मरीज के ऊपर पड़ने वाले असर में काफी अंतर होता है। आपको भी इन बातों की अधिक जानकारी नहीं होगी कि बुखार होने पर पेसिटामोल तो खा सकते हैं, लेकिन आइबूप्रोफेन का सेवन नहीं कर सकते।

    आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल पर रिसर्च

    साउथहेम्प्टन विश्वविद्यालय में प्राइमरी केयर रिसर्च के प्रोफेसर पॉल लिटिल के अनुसार, “आइबूप्रोफेन और पेरिसिटामोल दवा की अलग-अलग विशेषताएं हैं। आइबूप्रोफेन गंभीर स्थिति में दी जाने वाली दवा है, इसलिए साधारण बुखार के समय इसका सेवन नहीं करना चाहिए। आइबूप्रोफेनमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होने के कारण यह मरीज की रोग प्रतिरक्षा शक्ति को कम कर सकता है और इसके कारण मरीजों को नुकसान के साथ-साथ दूसरे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।”

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःफ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री की सलाह

    फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरान एक प्रसिद्ध चिकित्सक और न्यूरोलॉजिस्ट भी हैं। इन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि “बुखार से पीड़ित होने के बाद अगर कोई व्यक्ति एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं जैसे आइबूप्रोफेन, कोर्टिसोन का सेवन करता है, तो इससे संक्रमण के बढ़ने की संभावना है। इसलिए बुखार होने की स्थिति में लोगों को पेरासिटामोल लेना चाहिए।’ 

    दुनिया में अब तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा नहीं बनी या कोई वैक्सीन नहीं बना। ऐसी स्थिति में फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री की यह सलाह लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है।

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलः एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं से बचने की सलाह

    फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरान ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति पहले से ही एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा का सेवन कर रहा है, तो उसे अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। जितना हो सके, आइबूप्रोफेन का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बीमारी के कई लक्षण बिगड़ भी सकते हैं, क्योंकि यह कोरोना वायरस के लिए उचित दवा नहीं है। कोरोना की दवा के बारे में तेजी से खोज जारी है ताकि लोगों को राहत दी जा सके।

    परामर्श के अनुसार, “अगर किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण, जैसे बुखार महसूस होता है, तो उसे पेरासिटामोल का सेवन करना चाहिए। लोग तब तक पेरासिटामोल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जब तक कि वे कोविड-19 बीमारी की जांच नहीं करा पाते।”

    कोरोना वायरस के लिए एंटीबायोटिक दवा इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल-- Ibuprofen vs Paracetamol

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःएंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं से रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान

    फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरान की सलाह पर एक वरिष्ठ चिकित्सक ने भी अपनी सहमति देते हुए कहा कि वायरल इंफेक्शन वाले मरीजों के इलाज के लिए पेरासिटामोल देना ही बेहतर होता है, क्योंकि आइबूप्रोफेन और कोर्टिसोन जैसे एंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं से लोगों को गंभीर खतरा पहुंच सकता है। ऐसी दवाएं उन लोगों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है, जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। 

    इन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लिए दवा के रूप में पेरासिटामोल का सेवन करना इसलिए सुरक्षित होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के प्रोफेसर परस्टोय डोनाई ने भी कहा, “सांसों से संबंधित संक्रमण की समस्या में आइबूप्रोफेन का उपयोग करने से रोग के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।”

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःबुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें

    यह भी सलाह दी गई है कि अगर आपको कोरोना वायरस के कोई लक्षण महसूस हो, तो आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल में से कोई दवा न लें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर ही आपके लक्षणों की जांच करने के बाद बताएंगे कि आपको कोविड-19 की जांच करानी चाहिए या नहीं। इसके साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह लिए आप कोविड-19 जांच केंद्र में न जाने की सलाह भी दी गई है और रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने वाले तरल पदार्थ और आहार का सेवन करने को बोला गया है। कोविड-19 के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। 

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःकमजोर रोग प्रतिरक्षा शक्ति वालों को अधिक खतरा

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहा कि जिन लोगों की रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर होती है, उन्हें कोविड-19 महामारी के कारण सबसे अधिक नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग या अन्य ऐसी कोई पुरानी गंभीर बीमारी वाले मरीज लगातार दवाओं का सेवन करते हैं, जिससे उनके शरीर में स्वस्थ्य लोगों की तुलना में रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। ऐसे लोगों को नोवल कोरोना वायरस से सबसे अधिक खतरा पहुंच सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को अपने मन से आइबूप्रोफेन या पेरिसिटामोल में से कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। कोरोना वायरस के लिए दवा के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए।

    डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग पहले की किसी बीमारी के कारण डॉक्टर की सलाह के अनुसार आइबूप्रोफेन का सेवन कर रहे हैं, उन्हें इस दवा का इस्तेमाल बंद नहीं करना है, लेकिन कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से पूछ कर ही आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल का सेवन करना है।

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःव्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की खबरों से रहें सावधान

    कोविड-19 महामारी के समय व्हाट्सएप पर एक जानकारी बराबर लोगों तक पहुंचाई जा रही है कि वियना विश्वविद्यालय ने कोरोनो वायरस के लक्षणों को लेकर एक चेतावनी जारी की है, जिसमें लोगों को आइबूप्रोफेन नहीं लेने को कहा गया है। इस संदेश में यह भी लिखा है कि आइबूप्रोफेन लेने से कोरोना वायरस के लक्षण और गंभीर हो जाते हैं। इटली में आइबूप्रोफेन का सेवन करने से ही कोविड-19 का बहुत अधिक प्रसार हुआ है। आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल या फिर किसी भी दवा का सेवन अपनी इच्छा अनुसार न करें। 

    ऐसी ही एक खबर फ्रांस के टूलूज़ विश्वविद्यालय के नाम से लोगों तक पहुंच रही हैं, जिसमें यह संदेश है कि कोरोनो वायरस के लक्षण वाले चार मरीजों ने आइबूप्रोफेन का सेवन किया, जिससे उनकी बीमारी गंभीर हो गई और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। झूठी बातों से सावधान रहें और कोरोना वायरस के लिए आइबूप्रोफेन या पेरिसिटामोल जैसी दवा न लें। डॉक्टर से सलाह लें।

    कोरोना वायरस के लिए एंटीबायोटिक दवा इबुप्रोफेन या पेरासिटामोल-- Ibuprofen vs Paracetamol

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    कोरोना वायरस के लिए दवा आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोलःधैर्य रखें और घबराएं नहीं

    कोविड-19 महामारी के कारण आज पूरे विश्व में 150 से अधिक देश त्रस्त हैं। 20 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और डेढ़ लाख से अधिक लोगों की कोविड-19 महामारी के कारण मौत भी हो चुकी है। भारत में भी इस महामारी का प्रसार होता जा रहा है। धीरे-धीरे हर राज्य में कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों की गिनती बढ़ती जा रही है। ऐसे में आपके और आपके परिवार के लिए सबसे बेहतर होगा कि आप आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल में से किसी का इस्तेमाल न करें। इस विपत्ति में विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार, लोगों को धैर्य बनाए रखने और न घबराने की सलाह दी है। लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लॉकडाउन के निर्देशों को भी माननने के लिए कहा है। आप इन दिशा-निर्देश का पालन कर अपने आपको और परिवार को सुरक्षित कर सकते हैंः- 

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  •  घर से बाहर जब भी निकलें, मास्क पहनकर निकलें। लोगों से मिलते-जुलते समय मास्क पहनकर मिलें।
  • हाथ से अपने चेहरे, नाक और आंखों को न छुएं।
  • भीड़भाड़ और सार्वजनिक स्थानों पर न जाएं।
  • बुखार, सर्दी और खांसी आदि लक्षण महसूस होने पर घर में भी मास्क पहन कर रहें।
  • किसी सार्वजनिक वस्तु या स्थान को छूने पर सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें
  • मास्क, हैंडवाश या सेनिटाइजर जैसी चीजें जान-पहचान वाली दुकान से ही खरीदें।
  • साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दें। बाहर से घर आने पर साबुन से कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोएं।
  • बीमार होने पर परिवार के सदस्यों से दूर रहें। खास कर बुजुर्ग लोगों से जरूर दूर रहें, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण बुजुर्ग लोगों के जीवन को सबसे अधिक खतरा हो सकता है।
  • मास्क, सेनिटाइजर या कोरोना वायरस के लक्षणों से बचने के लिए आप जिन भी चीजों का इस्तेमाल करें, उसकी गुणवत्ता की जांच जरूर कर लें, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण बाजार में कई ऐसी चीजें बेची जा रही हैं, जिनकी गुणवत्ता सही नहीं है। इन चीजों का इस्तेमाल करने से आप बीमारी से अपनी सुरक्षा नहीं कर पाएंगे। आइबूप्रोफेन या पेरासिटामोल या किसी भी दवा के चयन से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।  

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    Suraj Kumar Das द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/09/2020

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