नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः बीते 100 दिनों में बदल गई पूरी दुनिया
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
Suraj Kumar Das द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020
साल 2019 जब खत्म हो रहा था, तो पूरी दुनिया साल 2020 का स्वागत करती हुई खुशी-खुशी पुराने साल को विदा कर रही थी। विश्व के सभी देश और वहां के नागरिक नए साल के लिए नए-नए सपने बुनने लगे थे। चारो ओर भविष्य की योजनाओं को लेकर तैयारियां की जा रही थीं, कि तभी पूरी दुनिया को किसी की नजर लग गई। 31 दिसंबर के दिन जब सभी लोग अपनी धुन में मस्त थे, नए साल का स्वागत कर रहे थे, कि उसी दिन नोवल कोरोना वायरस संक्रमण की अशुभ खबर मिली। 31 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर चीन की सरकारी वेबसाइट पर एक खबर आई कि वुहान के सीफूड होलसेल मार्केट के आसपास अज्ञात कारणों से लोग निमोनिया से बीमार हुए हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण- Corona changed the world in 100 days
इसके बाद जो हुआ, उसके बारे में किसे पता था। देखते ही देखते बीते 100 दिनों के अंदर ही कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। संसार भर में आवाजाही को बंद हो गई। सभी देशों ने अपनी आर्थिक गतिविधियां रोक दी। लंदन के प्रधानमंत्री, ईरान के उपराष्ट्रपति के साथ-साथ लाखों लोग कोविड-19 महामारी से संक्रमित हो गए। कोरोना वायरस के कारण लोग अपने-अपने घरों में बंद हो गए। अप्रैल के मध्य तक 75,000 से अधिक कोविड-19 महामारी के कारण मारे गए। आइए इस भयानक कोविड-19 महामारी के बीते 100 दिनों की दोबारा याद करते हैं। कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा समय बीतने के साथ बढ़ता जा रहा है।
31 दिसंबर, मंगलवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का पहला दिन
31 दिसंबर की रात किसी को इस घटना का अंदाजा नहीं था कि साल 2020 में दुनिया एक तरह से तबाह हो जाएगी। इसलिए जहां एक तरफ दुनिया भर में लोगों ने साल 2019 का खूब जश्न मनाया। आतिशबाजी और पार्टियां कीं, तो दूसरी तरफ चीन में कुछ और ही हो रहा था।
1 जनवरी, बुधवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः वुहान सीफूड मार्केट बंद कर दिया गया
वुहान सीफूड आमतौर पर रोजाना ग्राहकों से खचाखच भरा हुआ रहता था, लेकिन 1 जनवरी को वुहान सीफूड में खामोशी छाई हुई थी। सुबह-सुबह पुलिस वाले दुकानों को बंद करा रहा थे। लोगों को वहां से हटाया जा रहा था। सैंपल प्लास्टिक बैग में जमा किए जा रहे थे।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण- Corona changed the world in 100 days
चीनी सोशल मीडिया पर वुहान हॉस्पिटल में अज्ञात बीमारी मिलने के मैसेज आने लगे। ऑनलाइन चेतावनियां दी जाने लगीं। किसी मैसेज में बीमारी के संक्रामक होने की खबर थी, तो किसी मैसेज में नर्सों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाने लगी। किसी मैसेज में हाथों को साफ रखने को बोला गया, तो किसी में ग्लव्स पहनने की सलाह दी जाने लगी।
ताइवान में फ्लू के लक्षण वाले रोगियों की जांच शुरू कर दी गई
ताइवान चीन की घटना पर नजर रखे हुए था। चीन की इस खबर से ताइवान के अधिकारी सचेत हो गए और सुरक्षा संंबंधी उपाय करने लगे। वुहान से ताइवान आने वाली फ्लाइट पर विशेष निगरानी रखते हुए फ्लू जैसे लक्षणों वाले लोगों की जांच की जाने लगी। दो दिनों में सिंगापुर, हांगकांग में भी इस तरह की चौकसी बढ़ा दी गई।
9 जनवरी, गुरुवार नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 9वां दिनः वायरस की पहचान हुई
कोविड-19 महामारी से पहले दो महामारी, SARSऔर Middle Eastern Respiratory Syndrome (MERS) से दुनिया पहले ही दहल चुकी थी। इसलिए नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लोगों के दिलों में डर पैदा होने लगा। विशेषज्ञ इस वायरस को भी पहले की तरह ही खतरनाक और जानलेवा मान रहे थे। विशेषज्ञों की सोच बिल्कुल सही साबित हुई। 8 जनवरी को नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वुहान में 60 वर्षीय बुजुर्ग की मौत की घटना घटी।इस दिन बीमारी की पहचान की गई।
चीन के वैज्ञानिकों ने कहा कि व्यक्ति नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही रोगी की मौत हुई है। डॉक्टरों को नोवल कोरोना वायरस संक्रमण वाले मरीजों की पहचान करने की अनुमति मिली, लेकिन शुरुआत में डॉक्टरों के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि किसे निमोनिया है और किसे नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण। चार दिनों बाद तक इस तरह का कोई दूसरा मामला नहीं मिला, लेकिन वुहान के नेत्र रोग विशेषज्ञ ली वेनलियानग का अध्ययन बता रहा था कि हर हफ्ते बीमार लोगों की संख्या दोगुणे स्तर से बढ़ रही है।
13 जनवरी, समोवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 13वां दिनः थाइलैंड में मिला नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का पहला रोगी
वुहान में दूसरे मरीज के नहीं मिलने से चीन के स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को लगा कि अब शहर में नोवल कोरोना वायरस संक्रमित कोई मरीज नहीं है। वे समझने लगे कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण पाया जा चुका है, लेकिन हो कुछ और रहा था। इस समय तक कोविड-19 तेजी से फैलने लगा था।
वुहान के स्वास्थ्य अधिकारियों की सोच के विपरीत थाइलैंड के एयरपोर्ट में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का दूसरा मामला दर्ज किया गया। तेज बुखार से पीड़ित 61 वर्षीय यह व्यक्ति भी वुहान का रहने वाला था, जिसे बैंकाक एयरपोर्ट पर जांच में पकड़ा गया था।
लंदन में संक्रामक बीमारी की विशेषज्ञ समीति ने कोरोना वायरस के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने अंदाजा लगाया था कि नोवल कोरोना वायरस से यूके में खतरे की संभावना कम है, लेकिन यह भी निश्चय किया गया कि टेस्टिंग की जानी चाहिए।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण- Corona changed the world in 100 days
चीनी सरकार ने इस बात से इंकार किया कि नोवल कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस बात का भी खंडन किया गया कि उनके यहां कोई स्वास्थ्य कर्मी नोवल कोरोना वायरस संक्रमण से बीमार भी हुए हैं।
चीनी सरकार के वक्तव्य पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी सहमित जताई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह चीन द्वारा दिए गए वक्तव्य पर विश्वास करता है और स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर चीन द्वारा किए जा रहे काम की गुणवत्ता पर भी भरोसा करता है।
हालांकि, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चीन के डॉक्टरों की सोच अपनी सरकार से अलग थी। डॉक्टरों का अध्ययन बता रहा था कि एक पखवाड़े में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के रोगी बढ़ चुके हैं। डॉक्टरों ने यह भी पता लगाया कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों का सीफूड मार्केट में आने-जाने का कोई संबंध नहीं था।
20 जनवरी, सोमवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 20वां दिनः वायरस के आदमी से आदमी में फैलने की पुष्टि हुई
एक पखवाड़े से अधिक समय तक चीन ने नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में किसी को नहीं बताया। नतीजा यह हुआ कि यह पूरे चीन में फैलने लगा। चीनी सरकार के अधिकारी और श्वसन विभाग के विशेषज्ञ झोंग नानशान ने टीवी पर बताया, “गुआंग्डोंग में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के दो नए मामले सामने आए हैं। इनका वुहान के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं था। इससे यह पता चलता है कि यह मानव से मानव में फैल सकता है। शुक्रवार को चार और नए मामले पाए आए। ताजा जानकारी के अनुसार, रविवार तक रोगियों की संख्या बढ़कर 139 हो गई है। ये मरीज बीजिंग और शंघाई में भी मिले।”
कोविड-19 महामारी पूरे विश्व में फैल रही थी। जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी कोविड-19 के मरीज मिलने लगे थे। अमेरिका में भी वुहान से लौटे 35 वर्षीय एक मरीज ने वाशिंगटन में खांसी और बुखार की शिकायत की। यह अमेरिका में कोविड-19 का पहला मामला था। वुहान में दहशत बढ़ने लगी। झीहे हॉस्पिटल में सुबह 6 बजे से कोरोनो वायरस के लक्षणों वाले 100 से अधिक रोगी डॉक्टर से दिखाने के लिए लाइन लगाने लगे थे।
24 जनवरी, शुक्रवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 24वां दिनः यूरोप में कोविड-19 मरीज के मिलने की पुष्टि
चीन में नए साल का अवसर था। इस मौके पर लाखों लोग अपने दोस्तों और परिवार से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसी दिन वुहान शहर को बंद कर दिया गया। अधिकांश परिवहन सेवाएं भी बंद कर दी गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चीन में 800 लोगों में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण पाया जा चुका था और 25 लोगों की इससे मौत भी हो चुकी थी। बीमारी के प्रकोप की खबर पूरे चीन में फैल गई। मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ने लगी। हॉस्पिटल पर दबाव बढ़ने लगा। इसके बाद पूरे वुहान को क्वारंटाइन कर दिया गया।
कोविड-19 महामारी- Corona changed the world in 100 days
अब तक वायरस यूरोप में भी पहुंच चुका था। जांच में पता लगा कि दो लोग हाल ही में चीन से आए थे और ये अपने एक रिश्तेदार से भी मिले थे। फ्रेंच अधिकारियों ने तीनों के नोवल कोरोना वायरस संक्रमित होने की पुष्टि के साथ यह भी बताया कि तीनों लोगों ने दर्जनों लोगों से संपर्क किया था, जिसकी जांच की जा रही है।
इस पर फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुज़िन का वक्तव्य आया, “जिस तरह आग को बुझाने के लिए कोशिशें की जाती हैं, उसी तरह हमें इस महामारी का भी इलाज करना होगा।’ इसके ठीक दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावोस में थे। यहां एक मीडिया कर्मी ने उनसे सवाल पूछा कि क्या वह नोवल कोरोना वायरस संक्रमण से चिंतित हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बिल्कुल नहीं। यह वायरस हमारे नियंत्रण में है।
कोविड-19 महामारी को लेकर चीन में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई
अगले दिन चीन में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। 56 मिलियन लोगों को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि देश “गंभीर स्थिति’ का सामना कर रहा है। इसी दिन हुबेई के शिन्हुआ हॉस्पिटल में चिकित्सक लिआंग वुडोंग की भी कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई। नोवल कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले किसी स्वास्थ्य कर्मी का यह पहला मामला था।
31 जनवरी, शुक्रवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 31वां दिनः कोविड-19 का प्रकोप बढ़ने लगा
ऐसा माना जाने लगा कि नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का असर SARSसे भी अधिक होने वाला है। स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही थी। अब तक चीन से बाहर किसी रोगी के मरने की खबर नहीं आई थी, लेकिन चीन में मौत का आंकड़ा 258 तक पहुंच चुका था। इस समय तक 11 हजार लोग कोविड-19 महामारी से संक्रमित हो चुके थे। अमेरिका में भी बीमारी को लेकर सावधानी देखी गई। अमेरिकी सरकार ने चीन से आने वाले लोगों को देश में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया।
4 फरवरी, मंगलवार, नोवल कोरोना संक्रमण का 36वां दिनः चीन से बाहर एक मरीज की मृत्यु
इस समय चीन में कोविड-19 से 20 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके थे और 425 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसी समय वुहान का एक निवासी निमोनिया के गंभीर लक्षणों के साथ फिलिपींस के मनीला हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। जांच में पता चला कि इसकी मौत कोरोना वायरस के कारण ही हुई। यह पहला मामला था, जब चीन के बाहर किसी व्यक्ति की मौत हुई थी। इसके बाद फिलिपींस ने भी चीन से आने वाले सभी पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया।
कोविड-19 महामारी- Corona changed the world in 100 days
इसके बाद डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का जवाब आया, “कोविड-19 बीमारी की जांच करने पर ऐसा लग रहा है कि इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धीरे-धीरे प्रसार हो रहा है। यह भी कहा कि इसके फैलने की क्षमता न्यूनतम है।” आशंका भी जताई गई कि यह बढ़ सकता है, लेकिन व्यापारिक गतिविधियों और यात्रा पर रोक लगाने की जरूरत नहीं समझी गई।
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19 फरवरी, बुधवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 50वां दिनः दक्षिण कोरिया को लेकर चिंता होने लगी
दक्षिण कोरिया सरकार ने कोविड-19 बीमारी की जांच करनी शुरू की। जांच में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के 30 मामले मरीज मिले, लेकिन दक्षिण कोरिया में मिले 31वें मामले ने अधिकारियों को चिंतित कर दिया।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्यूंगवा के अनुसार, “मेगाचर्च की 61 वर्षीय महिला ने बीमार रहते हुए दो सभाओं में भाग लिया। उसने डॉक्टरों के कोविड-19 बीमारी की जांच कराने के अनुरोधों को भी नजरअंदाज कर दिया।”
अधिकारियों के अनुसार, यह महिला कम से कम 1160 लोगों के संपर्क में आई थी। इसके बाद तो जैसे कोरोना वायरस किसी बम की तरह लोगों की जान लेने लगा। ईरान के कोम शहर भी दो मामले नजर आए।
25 फरवरी, मंगलवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 56वां दिनः पूरी दुनिया में फैल गया कोविड-19
अब तक विश्व भर में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के 80 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी थी। चीन में पहली बार बीमारी के प्रकोप की घोषणा की गई। बीजिंग में दो दिन में 150 लोगों की मौत की घटना रिकार्ड गई। दूसरे देशों में भी बीमारी बढ़ने लगी। इटली में भी चार दिन हुई पहली मौत के साथ इस दिन तक कुल 11 मौतें हो गईं।
उत्तरी इटली में लगभग 50 हजार लोगों को चार दिनों से लॉकडाउन में रखा गया। यूरोप में लोगों को बड़ी मात्रा में क्वारंटाइन किया गया। ईरान में 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर आई। अमेरिका में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 14वां मरीज मिलने पर ट्रंप ने कहा, “अमेरिका में कोरोना वायरस पूरी तरह से नियंत्रण में है।’
कोविड-19 बीमारी की जांच- Corona changed the world in 100 days
6 मार्च, शुक्रवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 66वां दिनः इटली में पहले मरीज की मौत की घटना घटी
धीरे-धीरे इटली में छह दिनों में मरीजों की संख्या छह गुना बढ़ गई। 230 से अधिक लोगों की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हो चुकी थी। नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के हर दिन 1200 से अधिक मामले सामने आने लगे। रोम में स्कूलों को बंद कर दिया गया। फुटबॉल मैचों के दर्शकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
ब्रिटेन में भी वायरस तेजी से लोगों को संक्रमित करने लगा था। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण पहली बार एक 70 वर्षीय महिला की मौत हुई। इस घटना से तीन दिन पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं कोविड-19 संक्रमित मरीजों से हॉस्पिटल में मिला था। मैंने मरीजों से हाथ भी मिलाया।”
11 मार्च, बुधवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया
इस समय तक केवल अमेरिका में नोवल कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 हो गई है,तो दुनिया भर में कोरोना वायरस के कारण 116,000 से अधिक लोग संक्रमित हो गए। 2008 के बाद पहली बार अमेरिका और ब्रिटेन के शेयर बाजार तेजी से गिरने लगे। इटली में एक ही दिन में 168 की मौत हो गई। किसी भी देश में कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में यह आंकड़ा सबसे अधिक था।
इसी समय इटली की नर्स की तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हुई थी। यह नर्स काम करते-करते थक गई थी और थकावट के कारण गिर गई थी। इतना होने के बाद डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया। ब्रिटेन में 456 मामले मिलने के बाद बड़े पैमाने लॉकडाउन लागू कर दिया गया। लोगों को घरों में रहने को बोला गया।
17 मार्च, मंगलवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 77वां दिनः दुनिया भर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया
लॉकडाउन लागू होने के बाद यूरोपीय देशों के आपसी संबंध टूटने लगे। इस पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे हम सब युद्ध के माहौल में हैं।’ इटली में अब रोज 450 से अधिक मौत होने लगी। स्पेन में 17 हजार से अधिक संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई। हर घंटे संक्रमित होने और मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही थी।
नोवल कोरोना वायरस संक्रमण- Corona changed the world in 100 days
कैलिफोर्निया के 40 मिलियन लोगों को अपने घरों में रहने का आदेश दिया गया। आस्ट्रेलिया अपने नागरिकों को जल्द से जल्द घर लौटने की अपील करने लगा। बुर्किना फासो में संसद के पूर्व उपाध्यक्ष की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हो गई। अफ्रीका उप महाद्वीप में पहली बार कोविड-19 का गंभीर असर देखने को मिला।
भारत में भी प्रधानमंत्री ने लोगों से एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू करने की अपील की। पीएम मोदी ने लोगों से बोला कि 22 मार्च को सभी लोग खुद फैसला लेकर घर से न निकलें। पीएम मोदी की इस अपील का खासा असर देखने को मिला। पूरे भारत में लोगों ने इसमें सहयोग किया।
23 मार्च, सोमवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का 83वां दिनः ब्रिटेन में लॉकडाउन लागू किया गया।
23 मार्च तक दुनिया भर में नोवल कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 3 लाख 70 हजार को पार कर गई। इनमें से अकेले ब्रिटेन में केवल 6,600 से अधिक मरीज थे। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सभी गैर जरूरी कामकाज को बंद करने और लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील की। इस समय न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के नए 5 हजार से अधिक मरीज मिले, जबकि कुल संक्रमित लोगों की संख्या 20 हजार तक पहुंच गई। कोविड-19 के प्रसार के बाद यह पहला अवसर था, जब चीन में किसी दिन कोरोना वायरस के कारण एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला।
24 मार्च को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया। लॉकडाउन लागू होने के बाद 1947 जैसा मंजर देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की ओर पलायन करने लगे। लोगों को कुछ परेशानियां हुई, लेकिन सभी लोगों ने देश की भलाई में इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग किया।
2 अप्रैल, गुरुवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः बीमारी बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंच गई
जोन्स हॉपकिन विश्वविद्यालय ने अंदाजा लगाया कि दुनिया भर में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 1 मिलियन तक पहुंच गई है और कोरोना वायरस के कारण 50 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है।
भारत के मुंबई स्थित धारावी में कोविड-19 संक्रमित एक मरीज की मौत की घटना रिकार्ड हुई। आधाकारिक आंकड़ों में बताया गया कि देश में 2 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन विशेषज्ञ अंदाजा लगा रहे थे कि यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।
नोवल कोरोना वायरस संक्रमण- Corona changed the world in 100 days
स्पेन में एक दिन में सबसे अधिक 950 मरीजों की मौत का रिकार्ड भी दर्ज किया गया। अमेरिका में भी मौत का आंकड़ा 6 हजार को पार कर गया। ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों से कहा कि आने वाले दो हफ्ते काफी दर्दनाक हो सकते हैं।
8 अप्रैल, बुधवार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमणः बीमारी की तबाही का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोविड-19 से संक्रमित होकर हॉस्पिटल में भर्ती हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, लक्षणों बिगड़ने के कारण सोमवार को उन्हें आईसीयू में भर्ती रखा गया है।
यूरोप के कई देशों में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण का रिकार्ड टूट रहा है। रोज मरीजों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल का दिन विश्व में सबसे अधिक मौत होने की संभावना जताई गई। माना जा रहा है कि इस दिन कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में 6500 लोगों की मृत्यु हुई है।
उधर चीन के हालात अब सामान्य हो गए हैं। इतने महीनों के बाद, इस दिन चीन में कोविड-19 संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिला। चीनी सरकार ने कुछ शर्तों के साथ धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाना शुरू कर दिया।
चीन में भले ही हालात सामान्य होने लगे हों, लेकिन वैश्विक स्तर पर कोविड-19 अभी भी भूचाल मचाया हुआ है। ताजा जानकारी के अनुसार, नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दुनिया भर में अब तक 75 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 1.3 मिलियन लोग संक्रमित हैं। 2 लाख 70 हजार लोग बीमारी से ठीक भी हुए हैं।
कोविड-19 बीमारी की जांच- Corona changed the world in 100 days
वर्तमान की स्थिति को देखते हुए कोई भी इस बात का अंदाजा नहीं लगा पा रहा है कि दुनिया भर से नोवल कोरोना वायरस संक्रमण कबखत्म होगा। हालात कम सामान्य होंगे और लोगों की जिंदगियां कब पटरी पर आएंगी। भारत में जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस बात से कोरोना की तीसरी स्टेज का अंदाजा लगाया जा रहा है।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।