डब्ल्यूएचओ ने जारी किए दिशानिर्देश में कोविड-19 के साथ उपरोक्त आवश्यक सेवाओं को लेकर का पुनर्गठन और रखरखाव के लिए संदेश जारी किया है।
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डब्ल्यूएचओ ने जारी किए दिशानिर्देश में आगे लिखा- सुव्यवस्थित और तैयार स्वास्थ्य प्रणालियां आपातकालीन स्थिति में आवश्यक सेवा प्रदान करने में मदद कर सकती हैं। इससे प्रत्यक्ष मृत्यु दर को सीमित किया जा सकता है। इससे अप्रत्यक्ष मृत्यु दर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को दूर करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। फेसबुक और व्हाट्सएप के इस दौर में कोरोना को लेकर तमाम बातें फैल रही हैं। इनमें कुछ सच हैं तो कुछ अफवाह।
कोरोना वायरस से बच्चों और बूढ़ों को है अधिक खतरा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में बताया गया था कि कोरोना वायरस बुजुर्गों और बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ ने जारी किए दिशानिर्देश में बताया कि ऐसा नहीं है, कोरोना सभी उम्र के लोगों के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना बच्चों और बुजुर्गों के लिए। हालांकि बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है, इसलिए उन पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है।
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नोट व फोन से भी फैलता कोरोना
सोशल मीडिया पर चल रहे तमाम संदेशों के बीच लोगों के मन में यह भी भय बना हुआ है कि क्या नोट या फोन को छूने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस कई सतहों पर घंटों तक एक्टिव रह सकता है। अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति फोन, दरवाजे के हैंडल, नोट जैसी किसी सतह को छूता है तो वह सतह भी संक्रमित हो जाती है।
हवा में फैल सकता है कोरोना वायरस
सोशल मीडिया पर फैल रहे एक पोस्ट के अनुसार कोरोना वायरस हवा में भी फैल सकता है और लोगों को संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे गलत बताया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस का हवा से संक्रमण संभव नहीं है। यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है, यह सिर्फ थूक के कणों से ही फैलता है। ये कण जब हम खांसते हैं या छींकते हैं या बोलते हैं तो शरीर से बाहर निकलते हैं। ये कण इतने हल्के नहीं होते कि हवा के साथ यहां से वहां उड़ सकें। ये बहुत जल्दी जमीन पर नीचे गिर जाते हैं। इसलिए हवा से इसका संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है।