डॉ. प्रणाली – अभी नोवेल कोरोना वायरस का इलाज नहीं है, तो इससे बचाव ही एकमात्र रास्ता है। जिसमें, बाहर जाने के बाद, कुछ खाने या मुंह व नाक पर हाथ लगाने से पहले हैंड वॉश करें, खांसते व छींकते हुए रुमाल का इस्तेमाल करें, बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं, अगर आपमें फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं। अगर आप संक्रमित जगह से ट्रेवलिंग करके आए हैं और आप में फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। संक्रमण झेल रहे शहर या देश की यात्रा न करें। चेहरे पर मास्क का इस्तेमाल करें। किसी भी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद हाथ अच्छी तरह से धोएं। घर में सब्जियां लाएं तो उसे अच्छी तरह से धुलें।
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सवाल- कोरोना वायरस की पहचान कैसे कर सकते हैं?
डॉ. शरयु – चूंकि इसके लक्षण, इलाज और डायग्नोज की रिसर्च चल रही हैं, इसलिए कोई पक्की जानकारी देना उचित नहीं होगा। लेकिन चेस्ट एक्सरे, चेस्ट सीटी स्कैन, स्पूटम टेस्ट, नेजल स्वैब, ब्लड टेस्ट आदि की मदद लेकर डॉक्टर इसकी पहचान कर सकते हैं।
डॉ. प्रणाली – कोरोना वायरस के टेस्ट के बारे में जानकारी अभी प्रामाणिक नहीं है। लेकिन आम फ्लू या वायरल इंफेक्शन के मामलों में निम्नलिखित टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जो कि इसके डायग्नोज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकते हैं। जैसे ब्लड टेस्ट, पीसीआर टेस्ट, इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कॉपी आदि।
सवाल- क्या हम इसमें सामान्य जुकाम या फ्लू की तरह ओवर द काउंटर दवाई ले सकते हैं?
डॉ. शरयु – इस दौरान किसी भी बीमारी या स्थिति में डॉक्टर के पास ही जाएं, क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप अभी जारी है। क्योंकि, ओटीसी दवाई का सेवन करने के बाद आराम मिलने का इंतजार करने से कोरोना वायरस की गंभीरता बढ़ सकती है।
डॉ. प्रणाली – डॉक्टर के पास जाना सबसे बेहतर और सुरक्षित तरीका है। लेकिन, अगर आपको बुखार या सिरदर्द है और आप ओटीसी दवाई ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी 2-3 दिन के आसपास आपको आराम नहीं मिलता तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा सबसे जरूरी बात यह है कि, अगर आपको फ्लू संबंधित लक्षण हैं, तो इसमें एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल ना करें। इसकी जगह पेरासिटामोल, आइबूप्रोफेन आदि ले सकते हैं।
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सवाल- क्या आप कुछ अन्य जानकारी देना चाहती हैं?
डॉ. शरयु – काफी लोग घर में कुत्ते, बिल्ली, कैटल्स आदि पालते हैं। किसी भी वायरस का खतरा होने पर पालतू जानवरों को वेटेनरी डॉक्टर के पास लेकर जाइए। उनकी भी जांच करवाइए और अगर उन्हें कोई समस्या है तो उसका इलाज करवाइए। क्योंकि, अधिकतर वायरस जानवरों से फैलते हैं और यह उन्हें भी हो सकते हैं। जो लोग जानवरों से संबंधित जगह पर कार्य करते हैं जैसे किसी फार्म आदि पर, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। नहाने के पानी में भी एंटीसेप्टिक लिक्विड डालकर नहाएं। घर में कपड़े, सोफे, तकिए, तौलिए आदि को भी साफ रखें और किसी दूसरे के कपड़े या तौलिए आदि का इस्तेमाल न करें। बाहर के जानवरों से भी दूर रहें और चिड़ियाघर जैसी जगह पर जाने से बचें। बच्चों को जानकारी दें और जागरुकता बढ़ाएं, क्योंकि स्कूल जाने या घर से बाहर खेलने की वजह से उन्हें यह बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है। मीट खाना अवाइड करें। कैटल्स रखने की जगह भी साफ-सफाई रखें। इन चीजों से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है।
डॉ. प्रणाली – अगर, आप में फ्लू के कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो एकदम घबराएं नहीं। जरूरी नहीं यह कोरोना वायरस ही हो और अगर आपको कोई शंका है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सलाह लें। लेकिन कोरोना का अभी इलाज नहीं है और इसलिए सिर्फ बचाव ही इसका एकमात्र रास्ता है। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव का हर संभव प्रयास करें और इसे फैले से रोकें।
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