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कोरोना की वजह से अपनों को छूने से डर रहे लोग, जानें स्किन को एक टच की कितनी है जरूरत

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

    कोरोना की वजह से अपनों को छूने से डर रहे लोग, जानें स्किन को एक टच की कितनी है जरूरत

    आज हम सभी लोगों के लिए क्वारंटीन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्द बहुत कॉमन हैं। कोरोना के कहर के चलते देशभर में लॉकडाउन है, जिस कारण सभी लोग अपने अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में कुछ लोग अपने परिवार को पहले से ज्यादा समय दे पा रहे हैं वहीं कुछ अपनों से दूर रहने को मजबूर हैं। न जाने कितने लोग तो इस मुश्किल समय में अकेले हैं और किसी अपने को देखने के लिए तरस रहे हैं। एक चीज जो सबमें कॉमन है वो यह कि सबके मन में एक अकेलेपन ने घर कर लिया है। हम अपनों के स्पर्श के लिए तरस रहे हैं। कोरोना का डर लोगों के मन में इस कदर बैठ गया है कि एक मां अपने बच्चे को तो एक पति अपनी पत्नी को टच नहीं कर रहा है। कितने लोग अपने दोस्त से मिलकर उसे गले लगाना चाहते हैं लेकिन ऐसा कर नहीं पा रहे।

    कोरोना और स्किन हंगर से पहले टच का महत्व

    किसी के पापा विदेश से लौटे हैं तो वह अभी उनसे मिल नहीं पा रहे हैं क्योंकि उन्हें अकेले रहने के लिए कहा गया है। कोई अपने घर से दूर दूसरे शहर में फसा है और इस समय परिवार वालों के साथ होना चाहता है लेकिन वह ऐसा नहीं कर पा रहा। दफ्तर के चलते हमेशा अपनी जिंदगी में बिजी रहने वाले पति पत्नी आज घर पर साथ हैं लेकिन एक दूसरे के नजदीक जाने से उन्हें डर लग रहा है। सभी अपनों की सुरक्षा का सोचते हुए एक दूसरे से डिस्टैंस बनाकर रख रहे हैं। ऐसे में लोगों में स्किन हंगर परेशानी देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कोरोना और स्किन हंगर में क्या है कनेक्शन…

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    कोरोना और स्किन हंगर में क्या है कनेक्शन?

    कोरोना के चलते लोग अपनों से मिल नहीं पा रहे हैं, जिस वजह से कई लोगों में स्किन हंगर (Skin hunger) की समस्या देखने को मिल रही है। आप सोच रहे होंगे ये स्किन हंगर क्या है। आम भाषा में स्किन हंगर का मतलब है छूने का एहसास या फिर एक प्यार भरा स्पर्श। जब इंसान इस दुनिया में कदम रखता है तो वह नवजात शिशु भी इस प्यार भरे स्पर्श की तलाश कर रहा होता है। जैसे ही उसे कोई प्यार से अपने हाथों में लेता है तो वह शांत हो जाता है। इंसान के जन्म से लेकर मरते दम तक सबके मन में यहीं भावना बनी रहती है। जब भी हम किसी परेशानी में होते हैं और हमारा कोई अपना हमें प्यार से गले लगाता है तो हम सेफ फील करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे किसी अपने का प्यार भरा स्पर्श और मन की शांति आपस में जुड़े होते हैं। आज लोग एक दूसरे के साथ होकर भी दूर हैं। यहीं कारण है कि लोगों में स्किन हंगर की समस्या देखने को मिल रही है।

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    कोरोना और स्किन हंगर: क्यों जरूरी है प्यार भरा स्पर्श?

    जब भी हमारा कोई अपना हमें गले लगाता है या प्यार के साथ टच करता है तो यह स्पर्श सीधा दिमाग में समसनाहट पैदा करता है। जब भी आप कभी बहुत स्ट्रेस में होते हैं तो कोई हमें प्यार से गले लगाए, तो हमें अच्छा महसूस होता है। थोड़ी राहत लगती है। ऐसा इसलिए जब हम स्ट्रेस में होते हैं तो हमारा शरीर कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन को रिलीज करता है। जब हमें कोई प्यार से स्पर्श करता है तो यह कॉर्टिसोल के स्तर को घटाने के साथ अच्छे हार्मोन का निर्माण करता है। इसके अलावा यह हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है। यह मेंटल, इमोश्नल हेल्थ के साथ-साथ फिजिकल हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

    कोरोना और स्किन हंगर: क्या प्यार भरा स्पर्श और सेंसुअल टच एक ही बात है?

    बिल्कुल नहीं। प्यार भरा स्पर्श और सेंसुअल टच दोनों अलग-अलग हैं। प्यार भरा स्पर्श से तातपर्य है एक पॉजिटिव टच। हम अपने दफ्तर में अपने साथ काम करने वाले लोगों से हाथ मिलाते हैं, कभी आपका बॉस आपकी पीठ थपथपाता है। ये सभी एक प्यार भरे स्पर्श के उदाहरण हैं। एक स्टडी के अनुसार, टच नॉर्मल हो या सेंसुअल यदि वो पॉजीटिव है तो वो आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करता है। जिस तरह एक कर्मचारी के लिए उसके बॉस द्वारा पीठ ठपठपाना अच्छा महसूस कराएगा। ठीक उसी तरह एक पत्नी को पति द्वारा उसकों कमर से पकड़ना, फूट रब करना अच्छा एहसास दिलाता है।

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    कोरोना और स्किन हंगर: क्यों जरूरी है प्यार भरा स्पर्श

    जैसा कि हमने ऊपर भी आपको बताया कि स्किन टू स्किन टच मेंटल, इमोश्नल और फिजिकल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। एक प्यार भरी झप्पी हमारी सारी टेंशन को दूर कर देती है। ऐसा सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलता है। हम जब किसी जानवर को प्यार से टच करते हैं तो वह भी हमें स्नेह दिखाता है। हम सभी की जिंदगी में स्पर्श बेहद महत्वपूर्ण संवेदना है। हमारी त्वचा में बहुत सारे रिसेप्टर होते हैं जो खुशी की भावना को बढ़ाते हैं। साथ ही ये एंग्जायटी से निजात दिलाते हैं। यह हमारे शरीर के लिए पोषक तत्वों जितना ही जरूरी होता है। इससे हमारे शरीर में ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन नामक हार्मोन का निर्माण और उत्सर्जन होता है। ये दोनों हार्मोन्स इंसान को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं।

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    कोरोना और स्किन हंगर: ऐसे रखें अपनों का ख्याल

    कोरोना वायरस के कहर के चलते हम एक दूसरे से दूर तो हो गए हैं, लेकिन इस मुश्किल समय में हमें अपने आप को मजबूत रखने की जरूरत है। हमें डॉक्टरों, सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हम जिस समय से गुजर रहे हैं इस समय में स्पर्श की कमी को बाद में किसी तरह पूरा नहीं किया जा सकता है। लेकिन ऐसे समय में आप एक दूसरे से प्यार से बात करके भी अच्छा महसूस कर सकते हैं। आपके प्रियजन आपसे दूर हैं तो वीडियो कॉल पर अच्छे से एक दूसरे को समय दें। अंत में हम यहीं कहेंगे इस समय को अपना मी टाइम समझें। खुद को खुश रखने के लिए हर प्रयास करें। यह समय आपको फिर नहीं मिलने वाला। 🙂 🙂 🙂

    स्किन हंगर के साथ कोरोना वायरस से सावधानी बरतना भी है जरूरी

    भारत सरकार ने लोगों के लिए कुछ सलाह दी है। इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं। 

  • कोविड-19 से बचाव के लिए हाथों की साफ सफाई का अच्छे से ध्यान रखें।
  • बिना वजह के घर से बाहर न जाएं और न ही लोगों से मिलें
  • गलती से भी चेहरे को टच न करें।
  • छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को किसी टिश्यू पेपर या फिर कोहनी को मोड़कर ढकें।
  • एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
  • मास्क को उतारते समय हमेशा ध्यान रखें कि इसे पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
  • इस्तेमाल के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
  • डिस्क्लेमर

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    डॉ. प्रणाली पाटील

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