जिस तरह शरीर के लिए खाना, पानी व हवा बहुत जरूरी है, उसी तरह शरीर के लिए नींद यानी सोना भी बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद के बिना तन और मन स्वस्थ नहीं रह सकता। इससे आप डिप्रेशन और नींद के गहरे संबंध को समझ सकते हैं। वर्तमान में लोग ठीक से नींद नहीं ले पा रहे । इसके पीछे की वजह है खराब लाइफस्टाइल, दौड़ती-भागती जिंदगी व पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ की चुनौतियों की वजह से जन्म लेने वाला डिप्रेशन, चिंता व तनाव। डिप्रेशन का नींद पर असर काफी गहरा पड़ता है।नींद न आने की समस्या को स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक इंसान को कम से कम 6 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। नींद पूरी न होने से कई तरह की बीमारियां भी जन्म लेती हैं। चूंकि, डिप्रेशन की समस्या आजकल काफी लोगों में देखने को मिलती है, इसलिए यह नींद पर भी असर डालती है। अगर डिप्रेशन का इलाज सही समय पर नहीं किया जाता तो, इससे इंसोम्निया की दिक्कत हो सकती है।