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कहीं क्लीनर की महक आपको बीमार ना कर दें!

कहीं क्लीनर की महक आपको बीमार ना कर दें!

‘घर में इस ब्रांड क्लीनर को लाएं और महकता हुआ घर पाएं’, ‘घर में रहती है अजीब बदबू, उस एयर फ्रेशनर से घर को महकाएं’। इस तरह की बातें आपने टीवी के विज्ञापनों में आए दिन सुनी होंगी। लेकिन क्या सच में क्लीनर या एयर फ्रेशनर से आने वाली महक आपके लिए अच्छी है। क्या क्लीनर की महक आपके सेहत के लिए अच्छी है? टॉयलेट क्लीनर, होम क्लीनर, विंडो क्लीनर या डिश वॉश लिक्विड से खूशबू आती है, वो असली फूलों या नींबू की खूशबू नहीं होती है, बल्कि केमिकल की महक हो सकती है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि क्लीनर की महक का सेहत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? आप नेचुरली घर को कैसे महका सकते हैं?

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क्लीनर की महक सेहत के लिए कैसे हानिकारक है?

क्लीनर की महक हो या कोई महक कई बार लोग महक के लिए सेंसटिव होते हैं। ऐसे लोगों को महक से एलर्जी होती है तो उन्हें सिरदर्द, चक्कर या उल्टी की समस्या हो सकती है। इंटरनेशनल फ्रैगरेंस एसोसिएशन (IFRA) ने 3,059 मटेरियल की लिस्ट बनाई है, जिसमें फ्रैगरेंस कम्पाउंड्स पाए जाते हैं। उन प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले फ्रैगरेंस कम्पाउंड्स से कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, एलर्जीऔर सेंसटिविटी आदि समस्याएं पाई गई है। 

डिटर्जेंट और फ्लोर क्लीनर आदि में आप निम्न फ्रैगरेंस कम्पाउंड्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण उनकी महक अच्छी आती है :

 एसीटैल्डिहाइड(Acetaldehyde)

एसिटल्डिहाइड नामक केमिकल परफ्यूम, पॉलिस्टर रेजिन और डाई के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है। एसिटल्डिहाइड फलों और मछलियों के प्रीजर्व करने के लिए भी किया जाता है। वहीं, एल्कोहॉल को डिनेचुरेट करने के लिए भी एसिटल्डिहाइड का इस्तेमाल होता है। लेकिन एसिटल्डिहाइड के संपर्क में आंख या त्वचा आने पर उसमें परेशानी हो सकती है। वहीं, सांस लेने में भी समस्या हो सकती है। एसिटल्डिहाइड को ज्यादा सूंघने पर इरिथमा, खांसी और पल्मोनरी इडिमा हो सकता है। 

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बेन्जोफिनोन (Benzophenone)

बेन्जोफिनोन डिटर्जेंट, परफ्यूम, लिप बाम आदि में पाया जाता है। बेन्जोफिनोन के सीधे संपर्क में आने पर गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल डिस्टर्बेंस के साथ ही उल्टी हो सकती है। बेन्जोफिनोन आंखों को डैमेज कर सकता है। 

मेथिलिन क्लोराइड (Methylene chloride)

मेथायलिन क्लोराइड का इस्तेमाल कई तरह के क्लीनर की महक के लिए किया जाता है। मेथायलिन क्लोराइड एक टॉक्सिक एजेंट है, जिसके सीधे संपर्क में आने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आंखों और त्वचा में जलन, कमजोरी महसूस होना, बेचैनी होना, बेहोशी आना, मांसपेशियों में जकड़न आदि की समस्या हो सकती है। वहीं, मेथायलिन क्लोराइड के संपर्क में ज्यादा आने से नेजल कैंसर हो सकता है।

 थैलेट्स (Phthalates)

फ्थैलेट्स गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक केमिकल है। ये अक्सर घरों को डियोडराइज करने के लिए किया जाता है। नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक फ्थैलेट्स से बने हुए एयर फ्रेशनर और क्लीनर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर सकते हैं। 

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रेसॉरसिनॉल (Resorcinol)

रेसॉरसिनॉल एक फ्रैगरेंस एजेंट है, जिसको कई तरह के हाउस होल्ड सामानों में मिलाया जाता है। जिसके सीदे संपर्क में आने से कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती है। त्वचा, नाक व आंखों में जलन, थ्रॉट सोर, सांस संबंधी समस्याएं, बेचैनी, ब्लूइश स्किन, दिल की धड़कनों का बढ़ना, पेशाब में खून आना, किडनी, स्प्लीन व लिवर संबंधी समस्याएं और डर्माटाइटिस हो सकता है। 

उपरोक्त बताए गए केमिकल के अलावा भी कई तरह के केमिकल होते हैं, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा समस्या हो सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि क्लीनर की महक के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल में पेट्रोलियम की मात्रा मिली रहती है। जो कैंसर, बर्थ डिफेक्ट्स और इम्यून सिस्टम को डैमेज कर सकता है। 

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केमिकल क्लीनर को छोड़ कर घर पर बनाएं नैचुरल क्लीनर

घर में हम कई तरह के क्लीनर का इस्तेमाल करते हैं, जैसे- फ्लोर क्लीनर, ग्लास क्लीनर, फ्रिज क्लीनर आदि। इन सभी का उपयोग हम घर की सफाई के साथ दुर्गंध को मिटाने के लिए करते हैं। लेकिन केमिकल होने के कारण हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसलिए आप निम्न तरीकों से घर पर अलग-अलग नैचुरल क्लीनर बना सकते हैं। 

ऑल परपज़ नैचुरल क्लीनर

ऑल परपज़ नैचुरल क्लीनर घर के सभी तरह की सफाई के लिए काम आ सकती है। चाहें  किचन हो या फ्लोर हर जगह आप ऑल परपज़ नैचुरल क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे बनाने की विधि निम्न है :

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ग्लास और मिरर क्लीनर

ग्लास और मिरर को साफ करना सबसे बड़ा सिरदर्द होता है। ऐसे में आप घर पर नैचुरल क्लीनर बनाएं और मिरर व ग्लास को आसानी से साफ करें। इसे बनाने की विधि निम्न है :

  • एक स्प्रे बॉटल लें और उसमें डेढ़ कप पानी डालें।
  • पानी में एक चौथाई कप विनेगर और एल्कोहॉल मिलाएं।
  • इस मिश्रण में 15 से 20 बूंद पिपरमिंट इसेंशियल ऑयल डालें। पिपरमिंट इसेंशियल ऑयल से क्लीनर की महक मिंटी फ्रेश आती है।
  • इसका इस्तेमाल कांच पर करें फिर एक सूखे कपड़े से पोछ लें। 

फ्रिज क्लीनर

फ्रिज में कई तरह की चीजें रखी जाती है, जिससे फ्रिज की महक अजीब हो जाती है। इसलिए आप नैचुरल क्लीनर की महक से फ्रिज को साफ कर सकते हैं। इस क्लीनर को बनाने की विधि निम्न है :

  • एक कप गर्म पानी में आधा कप व्हाइट विनेगर मिलाएं।
  • इसमें एक छोटा टुकड़ा बर्तन धुलने का साबुन डालें।
  • लेमन इसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें डालें। इस मिश्रण को चम्मच की मदद से अच्छे से मिलाएं।
  • हाथों में रबर के दस्ताने पहन लें। फिर कपड़े को मिश्रण में डुबा कर फ्रिज को पोछें।

इससे आपका फ्रिज भी साफ हो जाएगा और फ्रिज की खराब महक से भी छुटकारा मिलेगा।

नैचुरल फ्लोर क्लीनर

सबसे ज्यादा ध्यान लोग फ्लोर की सफाई का देते हैं। फ्लोर पर झाड़ू और पोछा लगाने के साथ उसे डिसइंफेक्ट भी करते हैं, जिससे लिए इस्तेमाल किए गए क्लीनर की महक से घर को महकाते भी हैं। लेकिन केमिकल फ्लोर क्लीनर को छोड़कर आप नैचुरल फ्लोर क्लीनर खुद से बनाएं :

  • एक बाल्टी में चार लीटर गर्म पानी लें।
  • उसमें आधा कप रबिंग एल्कोहॉल मिलाएं।
  • फिर उसमें 10 से 20 बूंद अपना पसंदीदा इसेंशियल ऑयल डालें। 
  • इस मिश्रण को अच्छे से मिला कर आप पोछा लगाएं।

इस नैचुरल फ्लोर क्लीनर की महक लगभग 15 से 20 मिनट तक घर में टिकी रह सकती है, जो कि एक तरह से एयर फ्रेशनर का भी काम करता है। 

केमिकल क्लीनर की महक को छोड़ कर आप नैचुरल क्लीनर की महक को अपनाएं। इससे आपका घर और स्वास्थ्य दोनों अच्छा रहेगा। उम्मीद है कि इस आर्टिकल से आपको बहुत मदद मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। 

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। 

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

How can cleaning supplies, household products affect health? https://www.lung.org/clean-air/at-home/indoor-air-pollutants/cleaning-supplies-household-chem Accessed on 14/5/2020

Health and societal effects from exposure to fragranced consumer products https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5122698/ Accessed on 14/5/2020

What are Phthalates? https://toxtown.nlm.nih.gov/chemicals-and-contaminants/phthalates Accessed on 14/5/2020

Methylene chloride https://www.cdc.gov/niosh/npg/npgd0414.html Accessed on 14/5/2020

Resorcinol https://www.cdc.gov/niosh/npg/npgd0543.html Accessed on 14/5/2020

A sense of responsibility, a commitment to sustainability https://ifrafragrance.org/initiatives/sustainability#.VW-Cdc-6eUk Accessed on 14/5/2020

Acetaldehyde https://www.cdc.gov/niosh/npg/npgd0001.html Accessed on 14/5/2020

Current Version

15/05/2020

Shayali Rekha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Mousumi dutta


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Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/05/2020

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