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नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) हो सकता है जानलेवा, लक्षण होते हैं नॉर्मल अस्थमा की ही तरह

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) हो सकता है जानलेवा, लक्षण होते हैं नॉर्मल अस्थमा की ही तरह

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) को रात के समय में होने वाला अस्थमा (Nighttime asthma) भी कहा जाता है। इसमें रात के दौरान सीने में जकड़न, सांस की कमी, कफ और छींक आना जैसी समस्याएं इतनी बढ़ जाती हैं कि सोना मुश्किल हो जाता है। जिससे दिन भर थकान और चिड़चिड़ापन रहता है। ये परेशानियां ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती हैं और इससे दिन के समय होने वाले अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करना भी मुश्किल हो जाता है। नॉकचर्नल अस्थमा एक सीरियस कंडिशन है जिसे प्रॉपर डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। अस्थमा से पीड़ित लोगों में नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) होना आम है। एनसीबीआई (NCBI) में छपी एक स्टडी के अनुसार लगातार अस्थमा का सामना कर रहे 60 प्रतिशत से अधिक लोगों में कभी न कभी नॉकचर्नल अस्थमा के लक्षण नजर आते हैं।

    रात में सोते समय अस्थमा के लक्षण काफी खतरनाक होते हैं। कई लोग और डॉक्टर नाइट टाइम अस्थमा को कम आंकते हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि घरघराहट के साथ अस्थमा के लक्षणों से संबंधित अधिकांश मौतें रात में होती हैं।

    नॉकचर्नल अस्थमा के कारण (Nocturnal Asthma Causes)

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) या नाइटटाइम अस्थमा के सटीक कारण के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन इसके लिए रात में होने वाले एलर्जन्स (Allergens) के एक्सपोजर, एयरवेज का ठंडा होना, सोते वक्त की पॉजिशन, हॉर्मोन सिक्रिएशन जो सर्कैडियन पैटर्न (Circadian pattern) को फॉलो करते हैं। इसके साथ ही नींद भी ब्रोंकियल फंक्शन (Bronchial function) में बदलाव का कारण बन सकती है। नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) के कुछ अन्य कारण निम्न हैं।

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    म्यूकस का बढ़ना और साइनोसाइटिस (Sinusitis)

    सोते वक्त वायुमार्ग संक्रीर्ण हो जाते हैं जिससे वायु प्रवाह में रुकावट हो सकती है। यह रात के समय खांसी को ट्रिगर कर सकता है। जिससे एयरवेज और ज्यादा टाइट हो सकती हैं। बढ़ा हुआ साइनस भी नॉकचर्नल अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है। अस्थमा के साथ साइनोसाइटिस होना (Sinusitis) बेहद आम है।

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma)

    इंटरनल ट्रिगर्स (Internal Triggers)

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) की समस्या नींद के दौरान भी हो सकती है जब आप सो चुके हों। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को दिन में सोते वक्त ब्रीदिंग अटैक (Breathing attack) का सामना करना पड़ा है। कई रिचर्स में बताया गया है कि सोने के चार से पांच घंटे बाद ब्रीदिंग टेस्ट बुरे आए हैं। इसके आधार पर यह कहा जाता है कि स्लीप रिलेटेड अस्थमा के लिए कुछ इंटरनल ट्रिगर जिम्मेदार हो सकते हैं।

    सोने की पॉजिशन (Reclining Position)

    लेटे होने की वजह से नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) की परेशानी ज्यादा होती है। इसके लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं। जिसमें एयरवेज में सीक्रेशन का जमाव, लंग्स में ब्लड वॉल्यूम का बढ़ना, लंग्स वॉल्यूम्स का कम होना और एयरवेज रेजिस्टेंट का बढ़ना।

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    एयर कूलिंग (Air Conditioning)

    रात में ठंडी हवा में सांस लेने या एयर कंडिशन्ड बेडरूप में सोने से एयरवेज में हीट की कमी हो सकती है। जिससे सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एयरवे कूलिंग और मॉश्चर की कमी एक्सरसाइज इंड्यूस्ड अस्थमा (Exercise induced asthma) को ट्रिगर करते हैं। ये नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) का कारण भी बन सकते हैं।

    हॉर्मोन्स में बदलाव (Hormonal changes)

    हमारी सर्कैडियन रिदम (Circadian rhythm) के चलते रात में कुछ हॉमोन्स का लेवल कम हो जाता है। हॉर्मोन का लेवल कम होने से एयरवेज धीरे-धीरे नेरो होने लगती हैं। इसकी वजह से अस्थमा के लक्षण बढ़ने के साथ ही बिगड़ सकते हैं। इसके अलावा हिस्टामाइन हॉर्मोन का लेवल रात को बढ़ जाता है जो एयरवेज को प्रतिबंधित करता है। इनके अलावा नॉकचर्नल अस्थमा के अन्य कारण निम्न हो सकते हैं।

    नॉकचर्नल अस्थमा का इलाज कैसे किया जाता है? (Nocturnal Asthma treatment)

    नॉर्मल अस्थमा की तरह ही नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) का कोई क्योर नहीं है। यह एक क्रोनिक कंडिशन है। कुछ बातों का ध्यान रखकर इस कंडिशन को मैनेज किया जा सकता है। इसका पहला इलाज है इंहेल्ड स्टेरॉइड्स (Inhaled steroids) है। यह इंफ्लामेशन को कम करने के साथ ही दूसरे लक्षणों को कम करने में मदद करता है, लेकिन इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें। इसके साथ ही नेब्युलाइजर (Nebulizer) भी आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा निम्न टिप्स को फॉलो कर आप नॉकचर्नल अस्थमा से बच सकते हैं।

    नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma)

    साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को कम करें (Don’t take stress)

    तनाव अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। इसलिए अगर आप डिप्रेशन या एंग्जायटी डिसऑर्डर का सामना कर रहे हैं तो थेरेपिस्ट से मिलें। साथ ही योगा, रिलेक्सेशन एक्सरसाइज आदि का सहारा लें। इससे अच्छा महसूस होगा।

    गर्ड का इलाज करें (Treat GERD)

    अगर आपको बार-बार हार्ट बर्न का सामना करना पड़ता है तो इसका इलाज कराएं क्योंकि यह ब्रोंकियल स्पाज्म (Bronchial spasm) का कारण बनता है। दवाओं के अलावा आप गर्ड का इलाज खुद भी कर सकते हैं। इसके लिए हाय सैचुरेटेड फैट्स (High Saturated fats) जैसे कि फैटी मीट्स, फ्रायड फूड, होल मिल्क, चॉकलेट से दूरी बनानी होगी। कैफीन, स्पाइसी फूड्स, कुछ खट्टे जूस भी इसोफेगस को इरीटेट कर सकते हैं। इसलिए या तो इनसे दूर रहे या कम मात्रा में सेवन करें।

    वजन को संतुलित रखें (Maintain Healthy Weight)

    मोटापा नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) और गर्ड (GERD) दोनों के लिए रिस्क फैक्टर है। संतुलित डायट फॉलो करना बेहद जरूरी है। फैट की जगह प्रोटीन और फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करें। साथ ही डॉक्टर की मदद से खुद के लिए एक एक्सरसाइज रूटीन सेट करें। जिसमें एरोबिक, कार्डियो और रेसिस्टेंस ट्रेनिंग एक्सरसाइज हों।

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    स्मोकिंग से दूर रहें (Quit smoking is necessary)

    स्मोकिंग अस्थमा के रिस्क को बढ़ाने का काम करती है। इसलिए इसे पूरी तरह दूरी बना लें। इसके साथ ही सेकेंड स्मोक से बचें।

    एलर्जन को हटाएं (Clear out the allergens)

    बिस्तर पर मौजूद धूल के कण नॉकर्चनल अस्थमा के लक्षणों को बिगाड़ सकते हैं। जरूरी है कि बेडशीट और ब्लैंकेट को अच्छी तरह साफ करें। इन्हें हफ्ते में या जब आपको जरूरी लगे जरूर धोएं। अगर आपको पैट से एलर्जी तो उसके साथ ना सोएं। उन्हें बेडरूम के बाहर रखना सही होगा।

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    सिर को ऊंचा करके सोएं (Keep your head up)

    अगर आपको कोल्ड या साइनस इंफेक्शन है तो सीधे होना नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) का कारण बन सकता है। इसलिए सोते वक्त सिर को थोड़ा ऊंचा रखें। अस्थमा का सामना कर रहे लोगों में स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) का रिस्क बढ़ जाता है। इसके कारण सोते वक्त बार-बार ब्रीदिंग प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है। जिससे अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं। इस बारे में डॉक्टर से बात करें और ट्रीटमेंट लें।

    इस प्रकार आप नॉकर्चनल अस्थमा को मैनेज कर सकते हैं। अच्छी बात ये है कि इस बीमारी को डॉक्टर की मदद से मैनेज किया जा सकता है। इसलिए घबराएं बिना डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको नॉकचर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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