टेस्ट्स (Tests for Asthma and Bronchitis)
इसके साथ ही डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) कराने के लिए भी कह सकते हैं। ताकि जान पाएं कि यह लक्षण कहीं निमोनिया के तो नहीं है। इसके साथ ही अगर लक्षण एक से दो हफ्ते सुधरते नहीं हैं, तो अस्थमा के लिए अधिक टेस्ट भी कराए जा सकते हैं,जैसे:
- स्पिरोमेट्री (Spirometry): इस टेस्ट में एक डिवाइस में रोगी फूंक मारता है ताकि पता चल सके कि उस के फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।
- चेस्ट एक्स -रे (Chest X-ray): इस स्केन में थोड़ी मात्रा में रेडिएशंस का प्रयोग किया जाता है ताकि फेफड़ों की तस्वीर ली जा सके और समस्या का पता चल सके।
- स्प्यूटॅम टेस्ट्स (Sputum Tests) : इसमें डॉक्टर रोगी के बलगम का नमूना ले सकते हैं। इससे बैक्टीरिया का टेस्ट किया जाता है और जाना जाता है कि आपको इंफेक्शन तो नहीं है।
- अन्य टेस्ट्स (Other Tests) : अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको अस्थमा है, तो आपको मेथाकोलिन चैलेंज (Methacholine Challenge ) या ब्रोन्कोप्रोवोकेशन टेस्ट (Bronchoprovocation Test) के लिए कहा जा सकता है।
एलर्जीज के कारण भी अस्थमा हो सकता है। ऐसे में आपको ब्लड और स्किन टेस्ट (Blood and Skin Test) के लिए एलर्जिस्ट के पास जाना चाहिए। यह टेस्ट इस बात के बारे में बताने में मदद कर सकते हैं कि कौन सी चीजें अस्थमा को बढ़ा सकती हैं।

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का इलाज (Asthma and Bronchitis Treatment)
ब्रोंकाइटिस के लिए कोई इलाज नहीं है। क्योंकि, इस स्थिति का कारण वायरस होता है। ऐसे में रोगी को अपने इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करने के लिए सही उपाय करने चाहिए। ताकि, वायरस का इलाज जल्दी हो सके। यह उपचार इस प्रकार हैं:
नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (National Heart, Lung and Blood Institute) के अनुसार एक्यूट ब्रोंकाइटिस बिना किसी उपचार के खुद ही ठीक हो जाता है। कई बार बलगम को लूज करने के लिए नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) एक्यूट ब्रोंकाइटिस को मैनेज करने में मददगार होती हैं। अगर आपको बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
डॉक्टर आपको कई बार मेडिकेशन के साथ इनहेलर की सलाह भी दे सकते हैं जैसे एल्ब्युटेरोल इनहेलर (Albuterol Inhaler)। जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया होता है कि अगर रोगी ब्रोंकाइटिस से संबंधित व्हीजिंग का अनुभव कर रहा हो तो एयरवेज खुल सके। इसके उपचार इस प्रकार किए जा सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर अस्थमा के उपचार के लिए कई दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इन दवाइयों से उपचार संभव नहीं है। लेकिन इनसे लक्षण कम होने और ट्रिगर्स में राहत मिलती है।
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कैसे बचें इन समस्याओं से? (Asthma and Bronchitis Prevention)
ब्रोंकाइटिस से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, इसे फैलने से बचाना। इस वायरस को दूर करने का सबसे आम और आसान उपाय है हैंड वाश करना। जर्म्स को फैलने से रोकने के लिए हमें कुछ भी खाने से पहले और दिन में कई बार अपने हाथों को धोना चाहिए। हालांकि, अस्थमा से बचाव संभव नहीं है। लेकिन, वो उन स्थितियों से बच सकते हैं जो अस्थमा की समस्या को बढ़ाती हैं। यह ट्रिगर इस प्रकार हैं सिगरेट स्मोक, पेट डेंडर और सीजनल एलर्जी (Seasonal Allergies)। बैक्टीरियल रेस्पायरेटरी इंफेक्शन (Bacterial respiratory infection ) को एंटीबायोटिक से ठीक किया जा सकता है। इसके ट्रीटमेंट में अस्थमा ट्रिगर को इन टिप्स से नजरअंदाज करना शामिल हैं। यह टिप्स इस प्रकार हैं:
- अपने बिस्तर और कंबल को गर्म पानी में धोएं और धूप में सुखाएं।
- घर और घर के आसपास की धूल को रोजाना साफ करें।
- घर में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें।
- पालतू जानवरों को बेड़रूम से बाहर रखें।
- स्मोकिंग न करें और अन्य लोगों से दूर रहें जो स्मोकिंग करते हैं।
- इंफेक्शन के फैलने से बचने के लिए लगातार अपना हाथ धोते रहें।
ब्रोंकाइटिस से बचाव के तरीके
एक्यूट ब्रोंकाइटिस खुद ही ठीक हो जाता है। लेकिन, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा को मैनेज और उपचार इस तरह से किया जा सकता है, ताकि आप अच्छे और आसानी से सांस ले सके।
- अगर आप स्मोक करते हैं तो अपने डॉक्टर से उन तरीकों के बारे में जानें जिनका प्रयोग कर के आप उसे छोड़ सके। जैसे निकोटीन रिप्लेसमेंट (Nicotine Replacement) या अन्य कोई दवाई। ब्रोंकाइटिस के कारण होने वाले लंग डैमेज को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है स्मोकिंग से बचना।
- पराग कण, धूल, प्रदूषण और केमिकल से दूर रहें जो लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
- जब भी आप उन चीजों के पास हो जो इस समस्या को बढ़ाते हैं जैसे धूल-मिटटी, केमिकल आदि, तो मास्क पहनें।
- वैक्सीन जैसे फ्लू और निमोनिया वैक्सीन लंग्स की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- नियमित डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं। चेकअप से यह बात सुनिश्चित करें कि आप और आपके फेफड़े स्वस्थ हैं।
- अगर आपको अस्थमा है तो डॉक्टर द्वारा बताये ट्रीटमेंट प्लान का पालन करें।
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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस (Asthma and Bronchitis) में केवल यही अंतर है इनकी विशेषताओं का, जहां अस्थमा इनमें से सबसे बदतर समस्या है। इन दोनों की बीमारियों के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और अगर आपको कोई लक्षण नजर आता है, तो डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना भी जरुरी है जैसे सही और पौष्टिक आहार का सेवन (Eat Right Food), नियमित व्यायाम करना (Regular Exercise), तनाव से बचना (Avoid Depression), पर्याप्त नींद लेना (Enough Sleep) आदि। गंभीर स्थितियों में तुरंत मेडिकल हेल्प लेने की सलाह दी जाती है।