के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
बच्चों की पहली शिक्षा हमारे घर और आस-पास के लोगों से शुरू होती है। आप जैसा व्यवहार अपने बच्चों के सामने करते हैं। वैसा ही प्रभाव आपके बच्चे के नेचर पर पड़ता है। इसलिए बच्चों के सामने आपको अपने व्यवहार को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करें। अपने बच्चों को अपने शुरुआती दिनों से प्रशिक्षित करें ताकि वो जानवरों से प्यार कर सकें। यदि कोई जानवर बीमार है, तो बच्चों को सिखाएं (Guide children) की उसे ठीक करने की कोशिश करें । यदि जानवरों को भूख लगी है, तो उन्हें सिखाएं कि जानवरों को खाना खिलाएं। प्यास लगने पर उन्हें पानी पिलाने की बात बताएं। तो क्या आप जानते हैं की बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं? वैसे तो इसके कई तरीके हैं, जो इस प्रकार से हो सकते हैं।
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बच्चों को जानवरों के प्रति दयालु बनाने के लिए यह जरूरी है कि वो जानवरों के रहन-सहन के बारे में जाने और समझें। वह क्या खाते हैं कैसे अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह दिखाने के लिए बच्चों को बगीचा,जू या सैन्क्टयूअरि में जानवरों को दिखाना चाहिए। उन्हें पार्क या जू में घुमाने ले जाना चाहिए। बच्चों के मन में आपको ऐसी बात बैठानी चाहिए ,जिनसे उनके मन में जरूरतमंद की मदद करने की भावना पैदा हो, उनके व्यवहार में जानवरों और इंसानों दोनों के लिए दया भाव हो।
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बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं, इसके लिए यदि आप घर पर एक जानवर को लाकर उसकी देखभाल करते हैं, तो अपने बच्चे को उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जिम्मेदारी (जैसे पानी का कटोरा भरना) दें। बच्चों को अपने पालतू जानवर की देखभाल की जिम्मेदारी समझाएं दूसरों की जरूरतों के लिए दया और उनका पोषण करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। अपनी देखभाल के तहत किसी जानवर को भोजन, ताजा पानी और नियमित वॉक कराने के महत्व के बारे में समझाएं। उनको समझाएं कि जानवरों को भी अकेलापन महसूस होता है। इसलिए उन्हें अकेले छोड़कर न जाएं।
कई माता-पिता अपने जानवरों से प्यार करने वाले बच्चों को जानवरों के करीब जाने के लिए चिड़ियाघरों या एक्वेरियम में ले जाते हैं। हालांकि, ये जानवरों के लिए सबसे अच्छा वातावरण नहीं होता है और न ही बच्चों के लिए एक आदर्श शैक्षिक अनुभव हो सकता है। इसके बजाय अपने बच्चे को किसी पशु अभयारण्य या वन्यजीव पुनर्वास केंद्र (Animal sanctuary or wildlife rehabilitation center) में ले जाएं या स्वयं सेवा करें।
अधिकांश बच्चों में जानवरों के प्रति स्वाभाविक आकर्षण होता है और वे उनके बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं। इसलिए बच्चों के पढ़ने के लिए ऐसी किताबें चुनें जो न केवल विभिन्न प्रजातियों के रहन-सहन, आहार और शारीरिक लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, बल्कि उनके सामाजिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी लक्षणों जैसे चिम्पैंजी द्वारा सामाजिक पदानुक्रम, हाथियों को बचाने के लिए एक साथ काम करने वाले हाथी पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं। अपने बच्चों से बात करें कि मनुष्य अन्य जानवरों के साथ अपने किन गुणों को साझा करता है।
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बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं इसके लिए आप अपने बच्चे के साथ स्थानीय पशु आश्रय का दौरा करना चाहिए जो आपके बच्चे को उन सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में सिखाएगा जो मनुष्यों को अन्य जानवरों पर पड़ सकते हैं। कई मानवीय कार्यों के कारण हर साल हजारों स्वस्थ, अवांछित कुत्तों और बिल्लियों को छोड़ दिया जाता है। आप अपने बच्चे को भोजन और कंबल दान करने या आश्रय कुत्तों और बिल्लियों के लिए हाथ से बनाए गए खिलौने बनाएं। बतौर पेट गार्जियनशिप आप अपने समाज में लोगों को पोस्टर और संकेत के जरिए जानवरों
की जीमेदारी के प्रति जागरूक करके एक साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं। अपने समुदाय में सक्रिय नागरिकता और स्वंयसेवक के रूप में कार्य करने से आपका बच्चा दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की अपनी क्षमता अपने अंदर महसूस कर सकता है।
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क्योंकि वो जानवर हैं इसलिए आप अपने बच्चे को उनका सम्मान करना नहीं सिखाते हैं, तो आपका बच्चा किसी को सम्मान नहीं देगा। भले ही आपके घर में एक जानवर हो अपने बच्चे को उनका सम्मान करना सिखाएं। जानवरों के प्रति उनके व्यवहार को सॉफ्ट रखने की कोशिश करें। कुछ जानवर आपके अच्छे व्यवहार के बाद भी बहुत अजीब बर्ताव करते हैं। छोटे बच्चों को उनसे दूर रखें, जब तक वह उन्हें संभालना न सीख लें। आप जो भी व्यवहार करते हैं और जो उन्हें सिखाते हैं, यह आपके बच्चे के लिए एक उदाहरण का कार्य करता है। यह आपके बच्चे का स्वभाव (Child behaviours) शात कुशल बनाते हैं, और शांतिपूर्ण, विचारशील और सम्मानजनक व्यवहार सीखाता है।
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बच्चों को सिखाएं कि रोड़, जंगल, पेड़ पौधे जीवों का घर है। इसलिए अपने मन की सुनने के लिए उन्हें कभी भी पेड़ों से घोंसला नहीं निकालना चाहिए और न ही छोटी-छोटी गिलहरियों को परेशान करना चाहिए। बच्चों को यह एहसास कराए की कभी भी किसी को तकलीफ देकर या परेशान करके खुशी नहीं पाई जाती है। जानवरों के जीवन की देखभाल करने और उनका सम्मान करने के लिए बच्चों को पढ़ाना (Babies education), उन्हें सभी प्राणियों के प्रति दयालु होने के महत्व को जानने देता है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। कम उम्र में जानवरों के लिए दयालुता सीखने से बच्चों को फायदा हो सकता है क्योंकि यह उन्हें बढ़ने के साथ बेहतर और अधिक दयालु व्यक्ति बनने में मदद करता है।
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जी हां, यदि आप वाकई अपने बच्चे को दयावान बनाना चाहते हैं, तो बच्चे के जन्म के साथ ही हो सके तो अपने घर में एक छोटा पालतू जानवर रखें। इसमें सकारात्मक पहलु यह है की जब कोई बच्चे जन्म (Baby’s birth) से ही अपना बचपन एक पालतु जानवर के साथ खेलकर बड़ा होता है तो उसका स्वभाव पहले से ही दयालु और काइंड रहता है। कुछ मामलों में यह देखा गया है, जो लोग शुरू से अपने घरों में एक जानवर के साथ खेलकर बड़े हुए हैं या उन्होंने अपने घर में एक जानवर के साथ अच्छा व्यवहार होते हुए देखा है। तो वह न केवल अपने घर के पालतू जानवर बल्कि स्ट्रीट डॉग, कैट (Cat) ,पक्षिओं, हर जीव जन्तु और इंसानों के प्रति और मददगार और दयावान स्वभाव के होते हैं।अपने बच्चों के दिमाग (Child’s brain) में आप कुछ बातें शुरू से डालें तो उनका व्यवहार जानवर और सभी जीव-जंतु के साथ बहुत नम्र होता है। बच्चों को बताएं-
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पालतू जानवरों के साथ बच्चों को पालने से कई लाभ मिलते हैं। पालतू जानवरों के बारे में सकारात्मक भावनाओं का विकास करना बच्चे के आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास में योगदान दे सकता है। पालतू जानवरों के साथ सकारात्मक संबंध ,दूसरों के साथ भरोसेमंद संबंधों के विकास में सहायता कर सकते हैं। एक पालतू जानवर के साथ एक अच्छा रिश्ता गैर-मौखिक संचार, दया और सहानुभूति विकसित करने में भी मदद कर सकता है। पालतू जानवर बच्चों के लिए विभिन्न उद्देश्य पूरा कर सकते हैं। बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं, दरअसल घर में पेट रहने से भी उन्हें जानवरों के प्रति स्नेह बढ़ाने में सहायता मिलती है।
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बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं, उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल से आपको सहायता मिलेंगे अपने बच्चों को जानवरों के लिए दयालु कैसे बनाएं इस विषय पर।
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