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बोतल खत्म नहीं करता, तो चिंता न करें
कई बार बच्चा दूध पीते-पीते सो जाता है। ऐसे में उन्हें कंधे पर रखें, उनकी पीठ रगड़ें या उनके सिर, पैर और पेट को सहलाकर उठाने की कोशिश करें। नैपी भी बदल सकती हैं जिससे उनकी नींद खुल जाएं। एक बार उठने पर उसे दोबारा बोतल पकड़ाए, लेकिन यदि वह दूध नहीं पी रहा है तो समझ लीजिए कि उसका पेट भर गया है, क्योंकि बच्चों को खुद पता होता है कि उन्हें कितनी भूख लगी है। बोतल से फीडिंग के बाद बच्चे हुए दूध को एक घंटे बाद फेंक दें, उसे दोबारा पिलाने की भूल न करें।
बच्चे को कितनी बार बोतल से मिल्क फीडिंग करानी चाहिए?
आमतौर पर बच्चे एक दिन में 6-8 बार बोतल से दूध पीते हैं, लेकिन यह कोई जरूरी नहीं है कि सभी बच्चे इतना ही दूध पीएं। हर बच्चा अलग-अलग मात्रा में फॉर्मूला या ब्रेस्ट मिल्क पीते हैं। बस इस बात का ध्यान रखिए कि बच्चे को कब भूख लगती है, जब भी वह भूखा हो उसे दूध पिला दीजिए।
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बोतल से मिल्क फीडिंग के फायदे (Benefits of Milk feeding)
बोतल से दूध पिलाने के कुछ फायदे भी हैं जैसे-
- कोई भी बच्चे को दूध पिला सकता है।
- फॉर्मूला मिल्क देने की स्थिति में मां की सेहत का बच्चे पर कोई असर नहीं होगा।
- पब्लिक प्लेस पर आसानी से दूध पिलाया जा सकता है।
- बच्चा कितना दूध पी रहा है इस पर नजर रखी जा सकती है।
- मां को अपनी डायट में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं पड़ती है।
- ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई कम होने पर किसी तरह की चिंता की जरूरत नहीं होती।