समय के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी काफी आधुनिक हो रही हैं। हालांकि, उनके पढ़ने-लिखने की शुरूआती लगभग अभी भी एक जैसी ही है। जिसमें बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) भी शामिल होती है। शुरू-शुरू में उन्हें छोटे-छोटे शब्द और अक्षरों की पहचान करवाना, फिर उनसे शब्द लिखवाने की कोशिश करना। अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को बहुत ही छोटी उम्र में हिंदी के वर्णमाला, अंग्रेजी के अक्षरों और गिनतियों की पहचान करवाना शुरू कर देते हैं। साथ ही, इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि उनके बच्चों की हैंड राइटिंग साफ और सुंदर हो। कई लोगों को यहां तक भी लगता है कि, बच्चों की हैंड राइटिंग (Kids handwriting) जितनी अच्छी होगी वह पढ़ने में उतना ही अच्छा होगा। हालांकि, बच्चे की लिखावट और उनके तेज दिमाग का कितना गहरा संबंध पर इस बारे में कुछ भी उचित दावा नहीं किया जा सकता है।