2. सूखी खांसी (Dry Cough)
बड़े वयस्कों की तरह की छोटे शिशुओं में भी सूखी खांसी की समस्या हो सकती है। हालांकि, सूखी खांसी छोटे बच्चों को रात के समय ज्यादा परेशानी करती है। दिन के समय इसमें कुछ सुधार हो सकती है।
छोटे बच्चों में खांसी- सूखी खांसी का कारण
आमतौर पर सूखी खांसी का कारण सर्दी, एलर्जी या अस्थमा भी हो सकता है। इसकी समस्या तब होती है जब फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन और सिकुड़न हो जाती है।
और पढ़ें : सर्दियों में बच्चों की स्कीन केयर है जरूरी, शुष्क मौसम छीन लेता है त्वचा की नमी
3. वायरल खांसी (Viral Cough)
वायरल खांसी छोटे बच्चें में खांसी का सबसे आम रूप होता है। इसकी समस्या ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा देखी जाती है। इसके होने पर बच्चे की नाक बहती रहती है और खांसी के दौरान बलगम भी आता है।
छोटे बच्चों में खांसी- वायरल खांसी का कारण
वायरस के कारण वायुमार्ग में संक्रमण हो जाता है। वायरल खांसी होने पर एंटीबायोटिक्स बेअसर होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस खांसी के होने पर बच्चे में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है। जिसके लिए उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ सकता है।
और पढ़ें : सर्दी-जुकाम की दवा ने आपकी नींद तो नहीं उड़ा दी?
4. काली खांसी (Hooping Cough)
काली खांसी होने पर बच्चे लगातार खांसता रहता है जिसके बाद एक लंबी सांस लेता है। सांस लेने के दौरान गले से एक ऊंची आवाज भी आती है। काली खांसी को कुक्कर खांसी भी कहा जाता है। इसमें खांसते समय बच्चे के गले से बहुत सारा श्लेम निकलता है।