सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) क्या है?
सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। फ्लू की वजह से ही रेस्पिरेट्री सिस्टम में भी इंफेक्शन शुरू हो जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए, तो इंफेक्शन लंग्स तक पहुंच सकता है। इंफेक्शन के कारण कभी-कभी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। वैसे यह बीमारी किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। समय पर इसके लक्षण पहचान कर आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, विश्वभर में H1N1 सहित मौसमी इन्फ्लएंजा से 3 से 5 मिलियन लोग संक्रमित हो जाते हैं और हर साल 290,000 से 650,000 लोगों की मौत भी हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) से बचने के लिए वैक्सीन सबसे सही विकल्प है।
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सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) के लक्षण क्या हैं?
सीजनल इन्फ्लूएंजा (फ्लू) से बचने के लिए वैक्सीन से जुड़ी जानकारी के लिए मुंबई के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी कहते हैं कि, ”CDC के अनुसार 6 माह की आयु से अधिक कोई भी इस वैक्सीन को ले सकता है, लेकिन हाई रिस्क ग्रुप में 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग और वे लोग जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज, क्रॉनिक लंग्स डिजीज, क्रॉनिक किडनी डिजीज आदि हो या गर्भवती महिलाएं या ऐसे लोग जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो उनके के लिए यह वैक्सीन आवश्यक है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग फ्लू के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।”
सीजनल इन्फ्लूएंजा (विंटर इंफेक्शन) से बचाव के उपाय क्या हैं?
डॉ. आशीष तिवारी बताते हैं कि फ्लू होने पर निम्नलिखित टिप्स अपनाएं जैसे-
- घर पर आराम करें
- दूसरे व्यक्तियों के संपर्क में न आएं
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें
- एल्कोहॉल का सेवन न करें
- धूम्रपान से बचें
- समय-समय पर पौष्टिक आहार का सेवन करते रहें
यदि बुखार तेज हो और चार-पांच दिनों तक बना रहे या लक्षण बिगड़ने लगे और सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं।