अन्य डायबिटीज (gestational diabetes) के प्रकार में विरासत में मिलना, सर्जरी या दवाओं के कारण होना, कुपोषण के जरिए होना, इंफेक्शन और दूसरी बिमारियों के नतीजे में होने वाली डायबिटीज शामिल हैं।
डायबिटीज के प्रकार – डायबिटीज इन्सिपिडस (Diabetes insipidus)
डायबिटीज का ये प्रकार में ऊपर बताई गई डायबिटीज के प्रकार से मिलता-जुलता है, लेकिन दरअसल यह किडनी में पानी न रुक पाने के कारण होता है। यह डायबिटीज़ का रेयर प्रकार है और इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
डायबिटीज के प्रकार – मच्योरिटी ऑनसेट डायबिटीज ऑफ़ द यंग (Maturity onset diabetes of the young -MODY)
MODY टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से भिन्न होता है, जो सालों दर सालों लोगों की फॅमिली में पाया जाता है। ये सिंगल जीन के म्यूटेशन के कारण होता है। यदि माता-पिता के जीन में म्यूटेशन होता है, जो इसके बच्चे में आने के 50 प्रतिशत तक चांसेस होते हैं। लेकिन यदि बच्चे के जीन में ये म्यूटेशन नहीं आता, तो उन्हें 25 साल की उम्र के बाद कभी भी MODY की तकलीफ हो सकती है।
डायबिटीज के प्रकार – नियोनेटल डायबिटीज
नियोनेटल डायबिटीज उसे कहते हैं, जो बच्चे को 6 महीने की उम्र से पहले अपनी गिरफ्त में ले लेती है। क्योंकि ये ऑटोइम्यून डिजीज नहीं होती, इसलिए ये टाइप 1 डायबिटीज से अलग मानी जाती है।
डायबिटीज के प्रकार – लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन अडल्ट (Latent autoimmune diabetes in adults-LADA)
डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब हमारा ब्लड ग्लूकोज जिसे ब्लड शुगर कहा जाता है, बहुत हाय हो जाता है। ब्लड ग्लूकोज, हमारी एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है और यह हमें उस भोजन से मिलता है जिसे हम खाते हैं। इसके साथ ही इंसुलिन वो हॉर्मोन है जो हमारे अग्नाशय द्वारा बनाया जाता है। यह हॉर्मोन, ऊर्जा के लिए उपयोग किए जाने के लिए भोजन से मिले ग्लूकोज को कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। कभी-कभी हमारा शरीर पर्याप्त या बिलकुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसा भी होता है कि हमारा शरीर इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है।
तब यह ग्लूकोज खून में रहता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता। समय के साथ, रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज होने से डायबिटीज और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन डायबिटीज को मैनेज करने और स्वस्थ रहने के कई तरीके हैं।
जानें, क्यों है आपको डायबिटीज? (Causes of diabetes)
डायबिटीज़ की समस्या को समझने से पहले जानते हैं आपका शरीर किस प्रकार से ग्लूकोस का निर्माण करता है।
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ग्लूकोज मेटाबोलिज्म (Glucose metabolism)
ग्लूकोज शरीर, खासतौर पर आपके दिमाग के सेल्स और मसल्स की ऊर्जा की जरुरत को पूरा करता है। ग्लूकोज की प्राप्ति आप जो खाना खाते हैं, उसके अलावा आपके लिवर और ग्लाइकोजन से होती है। अगर आपने अच्छी तरह से खाना न खाया हो और आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत कम हो, तो आप का लिवर ग्लाइकोजन के जरिए ग्लूकोज तैयार करेगा, जो आपके खून में शुगर के स्तर को बैलेंस कर सकेगा। इसके बाद यह ग्लूकोज पूरे शरीर के सेल्स में पहुंचाया जाएगा। लेकिन, आपके सेल्स में इंसुलिन नाम के हॉर्मोन की गैर-मौजूदगी में ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। इंसुलिन ग्लूकोज को आपके सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है और खून में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ने से रोकता है। फिर, चूंकि आपके खून में ग्लूकोज कम हो चुका है, पैंक्रियास के जरिए इन्सुलिन बनना भी कम हो जाएगा। जिसके कारण ग्लूकोज आपके रक्त में ही रह जाएगा। यह असंतुलन समय के साथ-साथ और बिगड़ सकता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ सकती है, इस स्तिथि को हाइपरग्लायसेमिया के नाम से जाना जाता है। इस तरह आपको डायबिटीज (Diabetes) की दिक्कत हो सकती है और यह जीवन भर आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।
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डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं? (Symptoms of Diabetes)
डायबिटीज आम लक्षण ये हो सकते हैं:
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (polydipsia) कहते हैं।
- ज्यादा पेशाब होना, अक्सर हर एक घंटे पर। इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं
- बिना किसी कारण के वजन घटना।
- जल्दी थकावट महसूस होना।
ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:
- मतली और उलटी।
- धुंधला दिखाई देना।
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
- मुंह सूखना।
- जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना।
- त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और योनि के आस-पास।
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डायबिटीज में हो सकती हैं ये कॉम्पलिकेशन (Complications of diabetes)
डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ और भी कई शारीरिक व्याधियों को लेकर आ सकती है। ये धीरे-धीरे आपके शरीर में अपनी जगह बनाती है। इसलिए इससे जुड़ी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
- मधुमेह से होने वाली जटिलताएं बहुत सी हैं, उन्हीं में से एक है आंखों की समस्याएं (Eye Problems)। जिससे कुछ भी दिखाई देने (खासतौर पर रात को) में परेशानी हो सकती हैं। रोशनी से भी आंखों को परेशानी होगी। रोगी के अंधा होने का जोखिम भी रहता है।
- मधुमेह हमारे शरीर को कई तरीके से प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज के कारण रोगी के पैर और त्वचा में घाव और संक्रमण हो सकते हैं। ऐसा लंबे समय तक रहता है तो पैर, उंगलियां या टांग काटने की नौबत भी आ सकती है। संक्रमण (Infection) से आपके पैर, टांग और अन्य क्षेत्रों में दर्द, खुजली आदि भी हो सकती है।
- डायबिटीज (Diabetes) के कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इसके कारण हार्ट-अटैक, स्ट्रोक और अन्य समस्याएं भी हो सकती है। इसके कारण टांगे और पैरों में खून के प्रवाह में मुश्किल होती है।
- डायबिटीज के कारण शरीर के नर्वस को भी नुकसान हो सकता है। जिससे दर्द, जलन, झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। इसके कारण पुरुषों को इरेक्शन की समस्या भी हो सकती है।
- डायबिटीज (Diabetes) के कारण भोजन को पचने में समस्या होती है। जिससे कमजोरी या पेट में अन्य समस्याएं हो सकती है।
- ब्लड शुगर के बढ़ने से किडनी डैमेज भी ही सकती है। इससे किडनी अच्छे से काम नहीं करती या काम करना बंद कर सकती है।
- मधुमेह से पीड़ित लोगों को तनाव हो सकता है। यही नहीं, महिलाएं डायबिटीज के कारण (Diabetes) अनियमित मासिक धर्म और गर्भवती होने में समस्या का अनुभव भी कर सकती है।
- डायबिटीज के बढ़ने से हड्डियों की समस्याएं भी हो सकती है।
- डायबिटीज के उपचार (Treatment of Diabetes) से लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
आप ऊपर बताए गए डायबिटीज के प्रकार के लक्षणों को महसूस करते हों तो आपको डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाना चाहिए इसके अलावा इन स्तिथियों में आपको फौरी तौर पर डॉक्टर की जरुरत पड़ सकती है:
- बहुत ज्यादा उल्टी, मतली, चक्कर या कमजोरी महसूस होना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना या बार-बार पेट दर्द के साथ पेशाब होना
- सांस तेज होना या सांस फूलना