backup og meta

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े टिप्स

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े टिप्स

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर इम्यून सिस्टम से संबंधित विकार है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों को नष्ट करना शुरू कर देती है। जिससे किसी भी बीमारी को फलने-फूलने का पर्याप्त मौका मिल जाता है। ऐसे में व्यक्ति खुद को बीमार महसूस करने लगता है। ऐसी समस्या के दौरान अगर बीमारी से राहत चाहिए तो कुछ एक्सरसाइज करने से शरीर को राहत पहुंच सकती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स (Exercise tips for Autoimmune disorder) को अपनाकर समस्या को कम किया जा सकता है। 

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में निम्न बीमारियां होती हैं :

महिलाओं में होने जाने वाले ऑटोइम्यून डिसऑर्डर

  • फाइब्रोमाएल्जिया
  • क्रॉनिक फेटिग सिंड्रोम

और पढ़ें : ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े टिप्स

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of Autoimmune disorder)

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में निम्न लक्षण सामने आते हैं :

कुछ लोगों में ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण बहुत वक्त तक नहीं दिखाई देते हैं, फिर अचानक से सामने आ जाते हैं। जिससे लोग एक्सरसाइज करने से भी डरते हैं। उन्हें लगता है कि कहीं एक्सरसाइज करने से उनकी तबियत और खराब न हो जाएं, लेकिन कई बार एक्सरसाइज भी दवा का काम करती है। इसलिए ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज भी काफी प्रभावकारी हो सकती है। 

हमेशा याद रखें, एक्सरसाइज आपको फिजिकल एनर्जी देने का काम करती है। एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडॉर्फिन यानी कि हैप्पी हॉर्मोन बनता है, जो नैचुरल पेनकिलर का काम करता है। एक्सरसाइज करने से शरीर में होने वाली जलन आदि कम होती है। जब आप खुद को एक्टिव महसूस करेंगे तो बीमारी भी आपको कम ही प्रभावित करेगी, खासतौर पर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी। 

और पढ़ें : हेल्दी लंग्स पाने के लिए करें ये लंग्स एक्सरसाइज 

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीज एक्सरसाइज करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें : 

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स: सबसे पहले खुद को समझें

ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण हर किसी से अलग-अलग होते हैं। इसलिए ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। फिर वर्कआउट को धीरे-धीरे शुरू करें। शुरुआत में ये थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन आगे चल कर ये आपके लिए आसान और मजेदार होता जाएगा।

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स:  चाहिए गुड सपोर्ट सिस्टम

अगर व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित नहीं है तो उसे एक्सरसाइज करने या फिर जिम के दौरान बहुत अधिक सावधानी की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अधिक सावधानी की जरूरत हो सकती है। अगर आप एक्सरसाइज कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात करें और उन्हें बताएं कि आप जिम ज्वाॅइन करना चाहते हैं। अगर जिम में आपके साथ फिटनेस बडी हैं तो आप जिम में एंजॉय करेंगे और साथ ही एक्सरसाइज आपको फन एक्टिविटी लगेगी। आपके ट्रेनर इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपको कौन-सी बीमारी है। ट्रेनर आपके लिए वर्कआउट प्लान तैयार करेगा और आपको उसी के अनुसार एक्सरसाइज करनी चाहिए।

[mc4wp_form id=’183492″]

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स: डेली एक्टिविटी पर रखें ध्यान

आपको एक्सरसाइज के साथ ही डेली एक्टिविटी पर भी नजर रखनी होगी। यानी आप क्या फूड खा रहे हैं, कितनी मात्रा में कैलोरी ले रहे हैं आदि। अगर आप एनर्जी के लिए सही मात्रा में खुराक नहीं लेंगे तो आपकी तबियत खराब हो सकती है। एक बात का ध्यान रखें कि एक्सरसाइज के दौरान आप जितनी कैलोरी खर्च कर रहे हैं, उसी के अनुसार आपको एनर्जी भी चाहिए होती है। आप चाहे तो इस बारे में डायटीशियन से बात कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी डायट बैलेंस रहेगी।

ज्यादातर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर शरीर में इंफ्लामेशन पैदा करते हैं जिसके कारण जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। इस कारण से सूजन की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में खानपान भी ऐसा होना चाहिए जो आपकी समस्या को कम कर सके। आप चाहे तो इस बारे में आहार विशेषज्ञ से राय ले सकते हैं। शरीर से इंफ्लामेशन को कम करने के लिए आपको फ्रेश फ्रूट्स, वेजीटेबल्स, ओमेगा 3 असेंशियल्स फैटी एसिड, प्रोसेस्ड शुगर आदि का सेवन करना चाहिए। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स: धीरे-धीरे शुरू करें 

जब आप पहले एक्सरसाइज शुरू करते हैं तो आपको थोड़ी दिक्कत आती है। इसलिए एक्सरसाइज को धीरे-धीरे शुरू करें। ऐसा बिल्कुल भी न करें कि आपने एक्सरसाइज शुरू की और एक ही दिन में खूब सारी एक्सरसाइज कर डालें। ऐसा करने से आप परेशान होंगे और थकान हो जाएगी। इसलिए अपने क्षमता के अनुसार ही आप एक्सरसाइज करें। स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से पीड़ित लोग जब रोजाना लाइट एक्सरसाइज या हल्का व्यायाम करते हैं और उनके शरीर में सकारात्मक असर देखने को मिलता है। 

योगा बढ़ाएगा शरीर की क्षमता

योगा करने से न सिर्फ मन शांत रहता है बल्कि शरीर में होने वाले हल्के दर्द से भी राहत मिलती है। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या होती है, उन्हें योगा करने से बहुत आराम पहुंत सकता है। अगर आप जिम जा रहे हैं तो भी आप सुबह के समय कुछ देर के लिए योगा कर सकते हैं। आप इस बारे में ट्रेनर या एक्सपर्ट से राय ले सकते हैं कि आपको योगा के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए और कौन-सा योगा आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेगा।

स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करने की आदत डालें। योग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

और पढ़ें : ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट क्या है?

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स:  अपने शरीर की सुनें

अपने शरीर की बातें सुनें और आप अपनी क्षमता के हिसाब से ही एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करते समय बीच-बीच में थोड़ा रेस्ट करें। वर्कआउट करते समय अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर को बताएं। इसके साथ ही ध्यान दें कि आपका शरीर कितने समय तक एक्सरसाइज कर सकता है। अगर आप डॉक्टर की देखरेख में व्यायाम करेंगे तो आपको फायदा पहुंचने के साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या का खतरा भी कम हो जाएगा। 

[mc4wp_form id=’183492″]

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स:  हल्के एक्सरसाइज से करें शुरूआत

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें। जैसे- टहलना, जॉगिंग, स्विमिंग, ट्रेडमिल वर्क और योग जैसे एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे आप थकान भी महसूस नहीं करेंगे और आपको एक्सरसाइज करने में मजा भी आएगा। अगर आपको थकान का एहसास हो भी तो आप थोड़ी देर आराम करें और उसके बाद एक्सरसाइज फिर से शुरू करें। 

और पढ़ें :  ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीजों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े टिप्स

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स:  वॉर्मअप और कूल डाउन

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर जब भी एक्सरसाइज करें तब वाॅर्मअप और कूल डाउन का ध्यान रखें। आप अपनी क्षमता के अनुसार निम्न वर्कआउट कर सकते हैं।

  • जॉगिंग : एक्सरसाइज करने से पहले कम से कम एक मिनट तक वार्मअप के लिए जॉगिंग करना बेहतर माना जाता है। इससे बॉडी का टेंप्रेचर बढ़ता है। अगर आप खुले मैदान में एक्सरसाइज करते हैं, तो आप वहां कुछ देर जॉगिंग करने के बाद एक्सरसाइज कर सकते हैं। जिम में आप ट्रेडमिल पर दौड़कर वार्मअप कर सकते हैं। जॉगिंग करते वक्त ध्यान रखें, कि आप न तो तेजी से भागना शुरू करें और न ही एकदम से रुकें। शुरू करते वक्त धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं और रुकने के लिए धीरे-धीरे स्पीड कम करते जाएं।
  • स्ट्राइडिंग : तेजी से वॉक करना स्ट्राइडिंग कहलाता है। इससे शरीर में ब्लड फ्लो तेज होता है और बॉडी एक्टिव हो जाती है। एक्सरसाइज से पहले वार्मअप के लिए स्ट्राइडिंग कर सकते हैं। इसके लिए, एक जगह सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों को बारी-बारी से ऊपर नीचे करें और इसके साथ हाथों को भी चलाएं।
  • स्ट्रेचिंग : स्ट्रेचिंग वार्मअप यानी खिंचाव वाले व्यायाम होते हैं। इसमें आगे से पीछे झुकना और दाएं से बाएं झुकना शामिल है। इस एक्सरसाइज से शरीर फ्लैक्सिबल होता है।
  • स्किपिंग : स्किपिंग यानी रस्सी कूदना, शरीर के लिए अच्छा होता है। इससे बॉडी बैलेंस होती है। ज्यादातर दौड़ने और एक्सरसाइज करने वाले व्यक्ति स्किपिंग जरूर करते हैं।
  • नी बेंडिंग : सीधे खडे़ हो जाएं और दोनों हाथों को सामने की ओर कंधों की सीध में रख लें। अब अपने पैरों के घुटनों को मोड़कर नीचे झुकें, स्क्वैट पॉजिशन में आ जाएं और फिर सीधे खड़े हो जाएं। एक्सरसाइज से पहले इस वार्मअप को एक मिनट के लिए भी करना बेहतर होगा। इससे आपके घुटनों फ्लैक्सिबल होंगे। जिस वजह से एक्सरसाइज के दौरान बैंड होने में आसानी हो सकती है। 

और पढ़ें : कहीं आप में भी तो नहीं हैं ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स: हाइड्रेट रहें, अच्छे से खाएं और सोएं

पानी, खाना और सोना प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता का सबसे अच्छा इलाज रहा है। इसलिए आप एक्सरसाइज शुरू करने से पहले और एक्सरसाइज के दौरान आप भरपूर पानी पिएं, स्वस्थ खाना खाएं और पर्याप्त नींद लें। इससे आपको एक्सरसाइज करने के लिए ऊर्जा भी मिलती रहेगी। साथ ही आप वर्कआउट के लिए मोटीवेटेड महसूस करेंगे। 

जिन लोगों को मल्टिपल स्केरिसिस की समस्या है, उन्हें एक्सरसाइज से बहुत आराम मिल सकता है। रेगुलर एक्सरसाइज से पेशेंट को अच्छे से नींद आएगी और साथ ही बीमारी के लक्षणों में भी कमी महसूस होगी।

इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप खुद को फिट रख सकते हैं। जिसके फायदे आपको एक हफ्ते के अंदर ही नजर आने लगेंगे। साथ ही ध्यान, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम आदि भी कर सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी खबरों से अपडेट रहने के लिए आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज को लाइक कर सकते हैं।

[embed-health-tool-bmr]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

The Exercise Habit https://familydoctor.org/the-exercise-habit/ Accessed December 4, 2019

How to Start Exercising and Stick to It https://www.helpguide.org/articles/healthy-living/how-to-start-exercising-and-stick-to-it.htm December 4, 2019

Senior Exercise and Fitness Tips https://www.helpguide.org/articles/healthy-living/exercise-and-fitness-as-you-age.htm  December 4, 2019

Exercise and Autoimmune Disease:ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1311781/   December 4, 2019

6 Important Tips for Exercising If You Have an Autoimmune Disorder https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/autoimmune-disorders December 4, 2019

Current Version

15/06/2021

Shayali Rekha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

शॉग्रेंस सिंड्रोम क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं?

बार्बी डॉल के नए फीचर में दिखी विटिलिगो बीमारी, विविधता और समानता दिखाना उद्देश्य


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/06/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement