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ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट (AIP Diet) लेने की जरूरत कब होती है?
एआईपी डायट लेने की जरूरत तब होती है, जब आप ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रसित होते हैं। ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट को खासकर के तब दिया जाता है जब लीकी गट (Leaky Gut) की स्थिति होती है। लीकी गट डाइजेशन (पाचन तंत्र) से जुड़ी समस्या है। लीकी गट को सामान्य भाषा में समझा जाए तो, डाइजेस्टिव सिस्टम के गट में मौजूद छोटे छेद होते हैं। इन छोटे-छोटे छेदों से अत्यधिक छोटे खाद्य पदार्थों के पार्टिकल ही निकल पाते हैं। लेकिन, जब यहां से बड़े खाद्य पार्टिकल निकलने लगे, तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इसी को लीकी गट कहा जाता है।
ऐसी स्थिति में ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट जो न्यूट्रीएंट के भरपूर होती है, उसे लेने से आंतों में बने छेद भरने लगते हैं। इसके अलावा एआईपी डायट इन समस्याओं में भी मदद करती है :
- इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है
- ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षणों को कम करती है
- ऑटोइम्यून रिस्पॉन्स से बचाती है
- सेकेंड्री ऑटोइम्यून डिजीज को होने से रोकती है
ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट को फॉलो करने वाले लोगों को एआईपी डायट प्लान को पूरी तरह से फॉलो करना पड़ता है। जिसके चलते कई तरह के फूड्स से परहेज करना पड़ता है। कुछ हफ्तों के लिए पैलियो डायट को लेने के बाद फिर से नॉर्मल डायट पर आप आ सकते हैं। लेकिन, उस समय ये देखना जरूरी होता है कि क्या फिर से नॉर्मल डायट शुरू करने के फिर से लीकी गट की समस्या तो नहीं हो गई। अगर लीकी गट से संबंधित रिएक्शन फिर से दिखता है तो आपको पैलियो डायट पर लंबे समय के लिए रहना होगा।
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एआईपी डायट की मूल बातें
- ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट एक इलिमिनेशन आधारिक डायट है। जिसका मुख्य उद्देश्य आपके शरीर का इम्यून सिस्टम रीसेट करना है। साथ ही, पेट या आंत में सूजन या जलन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों को नजरअंदाज करना है। जिससे आपके अंदर खाने की अच्छी आदतें विकसित होंगी और आप जल्द ठीक हो सकेंगे।
- ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट बहुत निषेधित यानी कि रिस्ट्रिकिटिव डायट है। जिसमें हो सकता है कि आप अपना पसंदीदा भोजन भी न खा पाएं।
- एआईपी डायट विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार है, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी शामिल हैं।
आपको ऑटोइम्यून प्रोटोकॉल डायट का बहुत अच्छे से और कड़ाई से पालन करना होगा। कुछ लोग एआईपी डायट को थोड़े समय के लिए प्लान करते हैं, लेकिन ये आपकी च्वॉइस है कि आप इसे अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं और लंबे समय तक इस डायट को फॉलो करें।