हल्दी भारत के मसालों में सबसे महत्वपूर्ण मसाला है। हल्दी का उपयोग कई तरह से होता है और हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। बहुत लोग हल्दी का बना हुआ दूध पीना पसंद करते हैं। आइए जानते हैं कि हल्दी दूध पीने के फायदे क्या हैं?
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
हल्दी भारत के मसालों में सबसे महत्वपूर्ण मसाला है। हल्दी का उपयोग कई तरह से होता है और हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। बहुत लोग हल्दी का बना हुआ दूध पीना पसंद करते हैं। आइए जानते हैं कि हल्दी दूध पीने के फायदे क्या हैं?
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हल्दी वाला दूध पीने के क्या फायदे हैं, इसका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?
हल्दी मिले दूध को टरमरिक लैटे या गोल्डन मिल्क भी कहते है। ये ड्रिंक भारत में बहुत प्रसिद्ध है और प्राचीन काल से औषधि के रूप में हल्दी वाला दूध का उपयोग होता रहा है। अब तो इसका प्रचलन पश्चिमी देशों में भी हो गया है। हल्दी को गाय के दूध में मिला कर पीने से स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के फायदे होतेे हैं। हल्दी दूध का स्वाद बढ़ाने के लिए लोग इसमें दालचीनी और अदरक भी मिलाते हैं। हल्दी का दूध से इम्यूनिटी बढ़ती है।
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हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री जैसे तत्व होते हैं। जो लोग हल्दी का दूध पीते हैं, उन्हें पाचन से जुड़ी समस्या नहीं होती है। एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और संक्रमण और बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में शरीर की मदद करते हैं।
करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण भी होते हैं। जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है। साथ ही, यह कैंसर से लड़ने में शरीर की मदद करता है। करक्यूमिन कैंसर के सेल्स को खत्म कर सकता है। कैंसर का कारण बनने वाली कोशिकाएं अनियंत्रित होती है, जो लगातार बढ़ती रहती हैं। शोधों के मुताबिक, हल्दी दूध रपीने से इन अनियंत्रित कैंसर कोशिकाओं को रोका जा सकता है और इन्हें जड़ से खत्म भी किया जा सकता है। इसके इस गुण को बढ़ाने के लिए आप हल्दी दूध में दालचीनी और अदरक मिलाकर भी पी सकते हैं।
टरमरिक लैटे दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद होता है। करक्यूमिन ब्रेन सेल्स के ग्रोथ को बढ़ावा देती है। हल्दी के दूध में दालचीनी मिलाने से ब्रेन की क्रियाविधि में इजाफा होता है। वहीं, हल्दी के दूध में अदरक मिलाने से याददाश्त तेज होती है।
हल्दी डिप्रेशन को कम करने में मददगार होती है।
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हल्दी, दालचीनी और अदरक को दूध में मिला कर पीने से हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है। हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को बेहतर बानाता है, जो कि ब्लड वेसल्स की लाइनिंग होती है। यह बात सभी जानते हैं कि एंडोथेलियम का ठीक से काम न करना हार्ट डिसीज का कारण बनता है। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को इम्प्रूव करती है। एक स्टडी का मानना है कि यह एक एक्सरसाइज की तरह इफेक्टिव है वहीं दूसरी स्टडी के अनुसार यह ड्रग की तरह काम करती है।
हल्दी, दालचीनी और अदरक को दूध मिला कर सेवन करने से ब्लड में शुगर लेवल कम रहता है।
हल्दी के दूध में अदरक मिला कर पीने से आपको पाचन दुरुस्त रहता है और पेट की समस्या से भी निजात मिलता है।
गाय के दूध में कैल्शियम होता है, तो हल्दी का दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। वहीं, हल्दी दूध हड्डियों और जोड़ों की देखरेख में मदद करता है। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण हड्डियों की रक्षा करते हैं जो जोड़ों के दर्द से की समस्या से राहत दिलाते हैं। नियमित रूप से हल्दी दूध पीने से गठिया और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण को कम किया जा सकता है।
हल्दी दूध आपकी त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है। हल्दी का करक्यूमिन गुण त्वचा के घाव और निशान को ठीक करने के साथ ही, त्वचा की सेहत का भी ख्याल रखता है और बैक्टीरिया से लड़ने, जलन और खुजली जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाता है।
हल्दी (Turmeric) एक तरह का मसाला होता है जिसका इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति तक हर जगह हल्दी के फायदों का जिक्र किया ही जाता है। मसाले के तौर पर हल्दी के जड़ यानी हल्की के गांठ का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ का इस्तेमाल ताजे रहने और सूख जाने दोनों ही तरह से कई तरह की दवाओं में किया जाता है। इसका बोटेनिकल नाम करकुमा लोंगा (Curcuma Longa) नाम है, जो कि जिंगीबरेसी (Zingiberaceae) फैमिली से आता है।
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अगर कोई महिला गर्भवती है या गर्भ धारण की योजना बना रही है, तो हल्दी का इस्तेमाल करने या हल्दी वाला दूध पीने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हल्दी वाला दूध पीना मां और बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह कितना सुरक्षित है, इसके बारे में अपने डॉक्टर की परामर्श लेना अनिवार्य हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो अपने डॉक्टर के मुताबिक ही मां के द्वारा इस्तेमाल की कोई भी औधषि या दवा का प्रभाव शिशु में भी हो सकता है।
अगर आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या के उपचार के लिए किसी तरह की दवा का इस्तेमाल करते हैं, तो हल्दी वाले दूध के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर आपको दूध या हल्दी या इन दोनों में पाए जाने वाले किसी भी घटक से किसी तरह की एलर्जी की संभावना है, तो इसका सेवन अपने डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
आप पहले से किसी तरह की बीमारी आदि से पीड़ित हैं, तो हल्दी वाला दूध न पीएं। ऐसी स्थिति में इसके सुरक्षित इस्तेमाल के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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