इस औषधि में मौजूद पोषक तत्व जैसे प्रोटीन (protein), फैट, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, जिंक, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटेशियम, फास्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट इसको सेहत के लिए हर दृष्टिकोण से लाभदायक बनाते हैं। रिसर्च के अनुसार दालचीनी में कार्बोहाइड्रेट और पोटेशियम की उच्च मात्रा और सोडियम न होने के कारण यह बॉडी और ब्रेन को सही पोषण दे सकती है। जब मस्तिष्क की बात आती है, तो दालचीनी मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों जैसे अल्जाइमर (Alzheimer) और पार्किंसन (Parkinson) को कम करने में सहायक हो सकती है।
दालचीनी के फायदे पीसीओएस में
भारत में हर पांच में से एक महिला पीसीओडी की समस्या से पीड़ित है। हॉर्मोन संबंधी विकार लगभग हर उम्र की महिला को प्रभावित कर रहा है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिड्रोम (polycystic ovarian disease) में दालचीनी प्रभावी रूप से काम करती है। पीसीओडी के एक लक्षण के रूप में पाया जाने वाला मोटापा या बढ़ते वजन को दालचीनी के इस्तेमाल से रोका जाता है। रिसर्च में साबित हुआ है कि सिनेमन स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। यह फीमेल हॉर्मोन को संतुलित रखने में योगदान देती है। पीसीओडी के घरेलु उपाय के तौर पर दालचीनी की चाय पीनी चाहिए।
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चेहरे के लिए दालचीनी के फायदे
मुंहासे और पिंपल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। दालचीनी के एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पिंपल और दाग-धब्बों को कम करने में मददगार होते हैं। इसके लिए थोड़े से शहद में सिनेमन पाउडर को मिलाकर पेस्ट बनाकर मुहांसों वाली जगह पर लगाएं। सूखने के बाद चेहरा धुल लें। इससे लाभ मिलेगा।
दालचीनी खाने के फायदे
- इस जड़ी-बूटी में पोलीफेनॉल नाम का एंटीऑक्सिडेंट होता है जो इसको सुपरफूड की श्रेणी में शामिल करता है। इसके सेवन से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसिराइड्स का स्तर कम हो सकता है।
- दालचीनी के एंटी-माइक्रोबायल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सर्दी-खांसी से बचाव करते हैं।
- इसकी वजह से हाई फैटी फूड के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- कब्ज और गैस की समस्या कम करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण और काढा बना कर लिया जाता है।
- इसमें मौजूद एंटीबायोटिक ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं।
- इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व मौजूद होने की वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ा सकती है।