
खुशी के मौके पर कहा जाता है कि कुछ मीठा हो जाए और बात मीठे की हो रही है, तो शक्कर के बिना उसकी कल्पना नहीं हो सकती है। दरअसल, शक्कर यानी चीनी (शुगर) गन्ने से बनाई जाती है। चीनी में प्राकृतिक तत्व मौजूद होते हैं और इसका उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। चीनी के दो प्रकार ब्राउन शुगर और वाइट शुगर होते हैं। हमारे इस आर्टिकल में जानिए ब्राउन शुगर और वाइट शुगर में अंतर।
ब्राउन शुगर क्या है?
ब्राउन शुगर (Brown sugar) सफेद चीनी की तरह गन्ने के रस से ही बनाया जाता है। लेकिन, इसका रंग ब्राउन (भूरा) इसमें गुड़ मिलाने की वजह से हो जाता है। ब्राउन शुगर में विटामिन, मिनिरल, आयरन और कैल्शियम जैसे खनिज तत्व मौजूद होते हैं। रिसर्च के मुताबिक आम शुगर के मुकाबले ब्राउन शुगर के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है।
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वाइट शुगर क्या है?
ब्राउन शुगर के बाद नाम आता है वाइट शुगर (White sugar) का। इसे भी गन्ने के जूस से बनाया जाता है और ब्राउन शुगर की तुलना में ज्यादा मीठी होती है। दुनियाभर में ज्यादातर लोग ब्राउन शुगर के मुकाबले वाइट शुगर का ही इस्तेमाल करते हैं। आहार या पेय पदार्थों में अगर चीनी की मात्रा का ज्यादा सेवन किया जाए तो वजन बढ़ना, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारी का खतराी बढ़ जाता है। हेल्दी रहने के लिए अतिरिक्त चीनी (एडेड शुगर) का सेवन नहीं करना चाहिए। वाइट शुगर की तुलना में ब्राउन शुगर का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। क्योंकि इसमें खनिज तत्व की मौजूदगी होती है, जो सेहत के लिए लाभकारी होता है।
ब्राउन शुगर के फायदे क्या-क्या हैं?
ब्राउन शुगर के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं। जैसे-
ब्राउन शुगर से डायजेशन बेहतर होता है
ब्राउन शुगर डायजेशन (पाचन क्रिया) को बेहतर रखने में सहायक होती है। इसके सेवन से पेट संबंधी बीमारी या पाचन संबंधी परेशानी दूर होती है। आयुर्वेद स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ी सी अदरक और एक चम्मच ब्राउन शुगर मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या से भी राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर इस उपाय से अगर कब्ज की परेशानी दूर न हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि कब्ज की परेशानी ज्यादा दिनों तक रहने पर अन्य शारीरिक परेशानी शुरू हो सकती हैं।
पीरियड्स में है लाभकारी
ब्राउन शुगर के सेवन से मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती हैं। इसलिए पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान अदरक वाली चाय ब्राउन शुगर के साथ बना कर पीने से लाभ मिलता है। कुछ लोगों का मानना है की इसके सेवन से पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैंप में भी राहत मिलती है।
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वजन रख सकते हैं संतुलित
वजन कम करने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं लेकिन, बावजूद इसके बढ़ते वजन को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में आपको वाइट शुगर की जगह ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करना चाहिए।
स्क्रबिंग में मददगार
ब्राउन शुगर को त्वचा को क्लीन रखने के लिए बेहतर स्क्रब माना जाता है। ऐसा करने से चेहरे पर मौजूद गंदगी या डेड स्किन जैसी परेशानियों को दूर किया जा सकता है। ब्राउन शुगर को फेस स्क्रब का बेहतर विकल्प माना जाता है।
एनर्जी बूस्टर
पूरे दिन एनर्जेटिक रहने के लिए अगर आप कोई विकल्प ढूंढ़ रहें हैं या ढूंढ़ रहीं हैं, तो आपके लिए ब्राउन शुगर अच्छा ऑप्शन है। आप अपनी मॉर्निंग कॉफी ब्राउन शुगर के साथ पीएं। ऐसा करने से आप दिनभर एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
गर्भवती महिलाओं के लिए है लाभकारी
जिस तरह से ब्राउन शुगर के सेवन से पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैंप से बचा जा सकता है, ठीक वैसे ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी ब्राउन शुगर बेहद लाभकारी माना जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले क्रैंप और बेचैनी को कम करने में ब्राउन शुगर लाभकारी होता है।
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अस्थमा के मरीज के लिए है फायदेमंद
ब्राउन शुगर का सेवन अगर गुनगुने पानी के साथ किया जाए तो इससे अस्थमा के मरीज को फायदा मिलता है। दरअसल ब्राउन शुगर में मौजूद एंटी एलर्जिक गुण अस्थमा के पेशेंट के लिए फायदेमंद होता है।
देखा जाए तो ब्राउन शुगर के एक नहीं बल्कि कई लाभ हैं । हालांकि, किसी इसका अत्यधिक इस्तेमाल आपको परेशानी में डाल सकता है। इसके ज्यादा सेवन से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं –
- वजन बढ़ना
- यीस्ट इंफेक्शन
- डायबिटीज
इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना बेहतर होगा।
वाइट शुगर के फायदे क्या-क्या हैं?
वाइट शुगर के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं। जैसे-
लो ब्लड प्रेशर
अगर आप या आपके कोई करीबी लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं, तो उन्हें वाइट शुगर का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर लेवल बैलेंस्ड हो सकता है।
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ब्रेन फंक्शन
अगर बॉडी में शुगर लेवल कम होगा तो ब्रेन ठीक तरह से काम नहीं कर पायेगा। कई बार ब्लैकआउट जैसी स्थिति हो जाती है। ऐसी स्थिति में मस्तिष्क को शुगर की प्रयाप्त मात्रा नहीं पहुंच पाती है। इसलिए चीनी का अत्यधिक सेवन न करें और इसे पूरी तरह बंद भी न करें।
डिप्रेशन की समस्या होती है दूर
शुगर की मदद से डिप्रेशन जैसे गंभीर शारीरिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है। इसलिए मूड स्विंग से बचने के लिए और मूड को अच्छा रखने के लिए चॉकलेट का सेवन किया जाता है।
शरीर में ऊर्जा बनी रहती है
शरीर में ऊर्जा की मात्रा बनी रही इसलिए ब्राउन शुगर का सेवन लाभकारी होता है, ठीक वैसे ही वाइट शुगर का भी सेवन फायदेमंद होता है। शुगर के सेवन से ग्लूकोज की मात्रा बनी रहती है। अगर आपने कभी गौर किया हो तो किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के पास शुगर कियूब्स आपको आसानी से मिल जायेंगे। क्योंकि चीनी के सेवन से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है।
ब्राउन शुगर और वाइट शुगर का चयन आप अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं। हालांकि, ब्राउन शुगर और वाइट शुगर दोनों का ही सेवन संतुलित करना चाहिए। एक रिसर्च के अनुसार ब्राउन शुगर और वाइट शुगर के कैलोरी कंटेन्ट में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। 100 ग्राम ब्राउन शुगर में कैलोरी की मात्रा 377 होती है, तो वहीं 100 ग्राम वाइट शुगर में कैलोरी की मात्रा 387 होती है।
अगर आप ब्राउन शुगर और वाइट शुगर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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