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शुगर के जगह पर आप स्टीविया का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल भी मेंटेन रहता है। ब्राउन शुगर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 65 होता है, जबकि स्टीविया में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है। जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है। ब्राउन शुगर का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हो सकती है।
ब्राउन शुगर का सेवन करना सेहत को नकारात्मक दिशा में ले जाने जैसा है। इसलिए स्टीविया खाना सेहत के लिए सही होगा। हालांकि, अगर आप ब्राउन शुगर से स्टीविया पर स्विच कर रहे हैं तो आपको एक बार डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक स्टीविया का प्रयोग करने से साइड इफेक्ट्स की जानकारी नहीं है।
स्टीविया के फायदे क्या हैं? (Stevia benefits)
स्टीविया के फायदे भोजन को मीठा बनाने के अलावा भी बहुत हैं :
स्टीविया के फायदे: डायबिटीक लोगों के जीवन में भरे मिठास
स्टीविया का सेवन खाने में मिठास को बढ़ाता है, लेकिन कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट को नहीं। साथ ही ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिक्रिया पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए डायबिटीज के मरीज के लिए स्टीविया का सेवन अच्छा होता है। स्टीविया के इस्तेमाल का ब्लड शुगर, इंसुलिन लेवल, ब्लड प्रेशर और शरीर के वजन पर कोई भी इफेक्ट नजर नहीं आता। इसलिए डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए स्टीविया के फायदे बहुत हैं।
2010 में की गई एक लैब स्टडी में पाया गया कि सूक्रोस के मुकाबले स्टीविया खाने के बाद के ब्लड ग्लूकोज लेवल में अधिक गिरावट लाता है। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने पाया कि स्टीविया के इस्तेमाल से भी वो उतना ही भरा-भरा महसूस कर रहे थे, जितना चीनी से। जबकि चीनी के मुकाबले स्टीविया में न के बराबर कैलोरी पाई जाती है। इससे पता चलता है कि स्टीविया को चीनी के बदले इस्तेमाल करने से डायबिटीज ग्रसित लोग अपना वजन आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।
स्टीविया के फायदे: पैंक्रियाज कैंसर का रिस्क घटाए
स्टीविया में कई स्टेरोल और एंटीऑक्सिडेंट कम्पाउंड पाए जाते हैं, जिनमें काएफेरफेरोल शामिल है। अध्ययनों में पाया गया है कि काएफेरफेरोल अग्नाशय के कैंसर के खतरे को 23 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसलिए स्टीविया के फायदे पाचन तंत्र में भी हैं।
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