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क्या ब्राउन शुगर से ज्यादा हेल्दी है स्टीविया? जानें स्टीविया के फायदे और नुकसान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/07/2020

    क्या ब्राउन शुगर से ज्यादा हेल्दी है स्टीविया? जानें स्टीविया के फायदे और नुकसान

    आजकल स्टीविया एक प्रचलित स्वीटनर के तौर पर हमारे भोजन में शामिल होता जा रहा है, लेकिन हम स्टीविया के फायदे और नुकसान जानें बिना उसका सेवन धड़ल्ले से करते हैं। क्या आपने कभी सोचा कि ब्राउन शुगर की तुलना में स्टीविया का सेवन कितना सही है? इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ब्राउन शुगर और स्टीविया में से कौन सा स्वीटनर ज्यादा हेल्दी है? साथ ही स्टीविया के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। साथ ही जानेंगे कि ब्राउन शुगर के क्या फायदे हैं?

    स्टीविया क्या है? (What is stevia)

    stevia sugar - स्टीविया

    सदियों से दक्षिणी अमेरिकी देशों, जैसे ब्राजील में स्टीविया पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल प्राकृतिक स्वीटनर के तौर पर होता आ रहा है। आज स्टीविया पूरे विश्व में पाया जाता है और मीठे के प्राकृतिक विकल्प के तौर पर मशहूर है। ये नैचुरल स्वीटनर स्टीविया रिबॉदियाना के पौधे से हासिल होता है। इसमें मीठा स्वाद प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और ये साधारण चीनी से 200 गुणा अधिक मीठा होता है। इसकी यह खासियत दो मिश्रणों की वजह से हैं: पहला स्टेवियोसाइड और दूसरा रिबॉडियोसाइड।

    ब्राउन शुगर क्या है? (What is brown sugar)

    ब्राउन शुगर (Brown sugar) सफेद चीनी की तरह गन्ने के रस से ही बनाया जाता है, लेकिन इसका रंग ब्राउन (भूरा) इसमें गुड़ मिलाने की वजह से हो जाता है। ब्राउन शुगर में विटामिन, मिनिरल, आयरन और कैल्शियम जैसे खनिज तत्व मौजूद होते हैं। रिसर्च के मुताबिक आम शुगर के मुकाबले ब्राउन शुगर के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है।

    स्टीविया और ब्राउन शुगर में क्या हेल्दी है? (Stevia or brown sugar)

    स्टीविया और ब्राउन शुगर की तुलना की जाए तो दोनों में से कौन सा हेल्दी है, इस पर अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि स्टीविया और ब्राउन शुगर में स्टेविया कम कैलोरी वाला होता है। स्टीविया में कैलोरी और कार्ब दोनों कम मात्रा में पाए जाते हैं। स्टीविया को शुगर की जगह पर खाए जाने वाले एक लो कैलोरी या लो कार्ब डायट में उपयोग कर सकते हैं। 

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    शुगर के जगह पर आप स्टीविया का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल भी मेंटेन रहता है। ब्राउन शुगर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 65 होता है, जबकि स्टीविया में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है। जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है। ब्राउन शुगर का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हो सकती है। 

    ब्राउन शुगर का सेवन करना सेहत को नकारात्मक दिशा में ले जाने जैसा है। इसलिए स्टीविया खाना सेहत के लिए सही होगा। हालांकि, अगर आप ब्राउन शुगर से स्टीविया पर स्विच कर रहे हैं तो आपको एक बार डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक स्टीविया का प्रयोग करने से साइड इफेक्ट्स की जानकारी नहीं है।

    स्टीविया के फायदे क्या हैं? (Stevia benefits)

    स्टीविया के फायदे भोजन को मीठा बनाने के अलावा भी बहुत हैं :

    स्टीविया के फायदे: डायबिटीक लोगों के जीवन में भरे मिठास 

    स्टीविया का सेवन खाने में मिठास को बढ़ाता है, लेकिन कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट को नहीं। साथ ही ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिक्रिया पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए डायबिटीज के मरीज के लिए स्टीविया का सेवन अच्छा होता है। स्टीविया के इस्तेमाल का ब्लड शुगर, इंसुलिन लेवल, ब्लड प्रेशर और शरीर के वजन पर कोई भी इफेक्ट नजर नहीं आता। इसलिए डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए स्टीविया के फायदे बहुत हैं। 

    2010 में की गई एक लैब स्टडी में पाया गया कि सूक्रोस के मुकाबले स्टीविया खाने के बाद के ब्लड ग्लूकोज लेवल में अधिक गिरावट लाता है। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने पाया कि स्टीविया के इस्तेमाल से भी वो उतना ही भरा-भरा महसूस कर रहे थे, जितना चीनी से। जबकि चीनी के मुकाबले स्टीविया में न के बराबर कैलोरी पाई जाती है। इससे पता चलता है कि स्टीविया को चीनी के बदले इस्तेमाल करने से डायबिटीज ग्रसित लोग अपना वजन आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।

    स्टीविया के फायदे: पैंक्रियाज कैंसर का रिस्क घटाए

    स्टीविया में कई स्टेरोल और एंटीऑक्सिडेंट कम्पाउंड पाए जाते हैं, जिनमें काएफेरफेरोल शामिल है। अध्ययनों में पाया गया है कि काएफेरफेरोल अग्नाशय के कैंसर के खतरे को 23 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसलिए स्टीविया के फायदे पाचन तंत्र में भी हैं।

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    स्टीविया के फायदे: ब्लड प्रेशर करे नियंत्रित (Control blood pressure)

    स्टीविया में ग्लाइकोसाइड पाया जाता है जो ब्लड वेसल्स को फैलाने का काम करता है। रिसर्च के अनुसार स्टीविया का सेवन लो ब्लड प्रेशर में अच्छा होता है क्योंकि इस पौधे में कार्डियोटोनिक क्रियाएं हो सकती हैं जो ब्लड प्रेशर को सामान्य करती हैं। साथ ही दिल की धड़कन को नियंत्रित करती हैं। हालांकि, की इस दावे की पुष्टि के लिए और अध्ययन की जरूरत है, क्यों​कि कुछ अध्ययनों के मुताबिक स्टीविया ब्लड प्रेशर को प्रभावित नहीं करता है।

    स्टीविया के फायदे: वेट लॉस में करे मदद (helps in weight loss)

    अधिक वजन और मोटापे के कई कारण होते हैं जिनमें से एक है बॉडी में कैलोरी का ज्यादा इंटेक और ज्यादा ब्लड शुगर। इसलिए बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए आप अपने दैनिक जीवन में चीनी की जगह स्टीविया का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि यह एक जीरो कैलोरी स्वीटनर है साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को भी नहीं बढ़ाता। यह एक बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा आसानी से बन सकता है। इसलिए वेट लॉस करने वाले लोग स्टीविया के फायदे से वजन घटाते हैं।

    स्टीविया के फायदे: बच्चों के लिए है हेल्दी (healthy for children)

    स्टीविया युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ बच्चों में एक्स्ट्रा शुगर के कारण बढ़ने वाली कैलोरी को रोकते हैं। बच्चे खाने को लेकर काफी चूजी होते हैं और उन्हें न्यूट्रिशनल वैल्यू से भी कोई लेना- देना नहीं होता। इसलिए बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए आप स्नैक्स, सलाद और ड्रिंक में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 

    स्टीविया चीनी का एक बेहतर विकल्प है। यह तो अब तक आप समझ ही गए होंगे, क्योंकि यह भोजन के स्वाद को बिगाड़े बिना उसे पर्याप्त मिठास देता है। जिसका सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता। दरअसल ज्यादा चीनी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है। यहां तक कि इसकी ज्यादा मात्रा बॉडी के लिए स्लो पोइजन का काम करती है इसलिए चीनी की जगह इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है।

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    स्टीविया के नुकसान क्या हैं? (Side effects of stevia)

    स्टीविया के फायदे जानने के बाद अब स्टेविया के नुकसान भी जान लेना जरूरी है। क्योंकि जिसके फायदे होते हैं, उसके नुकसान भी होते हैं। स्टेविया के ज्यादा सेवन से आपको निम्न समस्याएं हो सकती हैं :

    • किडनी डैमेज : लंबे समय तक स्टीविया का इस्तेमाल करने से किडनी संबंधी बीमारियां और किडनी डैमेज हो सकती है
    • पेट संबंधी समस्याएं : स्टीविया के प्रोडक्ट में शुगर एल्कोहॉल मिला होता है। जो पेट संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है, जैसे- उल्टी, मितली, अपाचन, पेट दर्द आदि।
    • हाइपोग्लाइसिमिया या लो ब्लड शुगर 
    • एलर्जिक रिएक्शन
    • लो ब्लड प्रेशर

    इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से राय लेना सही होगा। ताकि आपको किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

    डिस्क्लेमर

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