एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) के अनुसार, फूड स्क्रैप और यार्ड वेस्ट से 28% से अधिक कचरा बनता हैं। जैविक खाद बनाकर कचरे में फेंके गए भोजन की मात्रा को कम किया जा सकता है। भारत में हर दिन अर्बन क्षेत्रों में एक व्यक्ति लगभग 700-800 ग्राम सॉलिड वेस्ट फेंक देता है। क्या आप जानते हैं कि इस कचरे से ऑर्गनिक खाद घर पर ही बना सकते हैं। कम्पोस्टिंग से मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो पौधों को बढ़ने में मदद कर सकती है। यह खाद या ह्यूमस का उपयोग लोग बगीचों में, खेतों और मल्च के रूप में भी कर सकते हैं। मल्च गीली मिट्टी की सतह पर लगाई जाने वाली सामग्री की एक लेयर है। इससे मिट्टी की नमी और क्वालिटी में सुधार होता है। जैविक खाद से व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी लाभ हो सकते हैं।