कैंसर स्क्रीनिंग (Cancer Screening) उस वक्त ज्यादा सफल होती है जब व्यक्ति सामान्य कैंसर से पीड़ित हो, जिसके लक्षण आसानी से पहचान में आ जाए। ताकि उसे मरने से बचाया जा सके। समय पर बीमारी का पता चल जाए तो इफेक्टिव ट्रीटमेंट मौजूद है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को बचाया जा सकता है। कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट न केवल विश्व भर में स्वीकारा जा रहा है बल्कि यह सेफ होने के साथ कम खर्चीली भी होती है। क्या है जेनेटिक और जेनोमिक टेस्ट (What is Genetic and Genomic Test)
कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट में यह कुछ ऐसे खास टेस्ट हैं जिन्हें शुरुआती दौर में किया जाता है। इस टेस्ट के तहत जीन की जांच की जाती है, वहीं पता किया जाता है कि क्या वाकइ में आगे चलकर कैंसर में बदलेगा कि नहीं। वहीं ट्यूमर के बिहेवियर चेंजेस के बारे में पता लगाया जाता है।
महिलाओं में ओवेरियन (Ovarian) और ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का खतरा

जेनेटिक टेस्ट के तहत बीआरसीए 1 और बीआरसीए 2 जीन की जांच की जाती है। वैसी महिलाएं जिनमें इनमें से एक या दोनों होता है उनमें ब्रेस्ट कैंसर या
ओवेरियन कैंसर की बीमारी होने की संभावनाएं अधिक रहती है। वहीं मौजूदा समय में कई ऐसे होम टेस्ट हैं जिसके तहत डीएनए स्पॉट की जांच कर कोलोन कैंसर की स्क्रीनिंग की जा सकती है। यह जांच कोलोनोप्सी की तरह जटिल नहीं है। वहीं यदि यह टेस्ट यह बताता है कि आपको कैंसर है तो उसके बाद कोलोनोप्सी की जांच कराना अहम हो जाता है। ताकि कैंसर को कंफर्म किया जा सके। मौजूदा दौर में जेनोमिक टेस्ट भी है, जिसके कारण
ब्रेस्ट कैंसर के जीन की जांच की जाती है, इससे डॉक्टर बीमारी के बारे में जान बेहतर से बेहतर ट्रीटमेंट कर पाते हैं।
बायोमार्क्स (Biomarks) की होती है जांच
बता दें कि कैंसर स्क्रीनिंग के तहत खून, यूरीन सहित शरीर के तरल में पाए जाने वाले तत्व बायोमार्क्स की जांच की जाती है। यह एक प्रकार का कैंसर का सिग्नल है। इसकी जांच के बाद उपचार के बारे में पता चलता है।
बायोमार्क्स टेस्ट में इनको किया जाता है शामिल:
– लीवर कैंसर : अल्फा-फेटोप्रोटीन (एएफपी) alpha-fetoprotein (AFP)
– नॉन स्मॉलर सेल लंग कैंसर: एएलके जीन
– प्रोस्टेट कैंसर : प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजिन (पीएसए)
शोधकर्ता इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि बायोमार्क्स की मदद से अन्य कैंसर का भी पता लगाया जा सके। एक नए टेस्ट के अनुसार खून में मौजूद दो प्रकार के प्रोटीन की जांच कर पैनक्रेटिक कैंसर का पता लगाया जाता है। लेकिन साइंटिस्ट अभी भी इसको लेकर शोध कर रहे हैं। कैंसर के अलावा बायोमार्क्स की उपयोगिता को लेकर जांच किया जा रहा है। ऐसे में डॉक्टर इस टेस्ट का बेहतर इस्तेमाल को लेकर जांच कर रहे हैं।
कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट में यह होते हैं शामिल (Cancer screening test includes these steps)
– फिजिकल इग्जाम और हिस्ट्री की जांच कर बीमारी का लगाया जाता है पता