इसके अलावा हॉर्नर सिंड्रोम के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम (Paraneoplastic syndromes)
कुछ लंग कैंसर आपके शरीर में हॉर्मोन जैसे अवयव को बनाता है, जो खून के द्वारा टिश्यू और शरीर के अंगों तक पहुंचते हैं। इस समस्या को पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम कहते हैं। कभी-कभी पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम लंग से शुरू होते हैं। जिससे लंग कैंसर के लक्षण नजर आने लगते हैं।
सुपीरियर वेना कैवा सिंड्रोम (Superior vena cava syndrome)
सुपीरियर वेना कैवा (SVC) दिल से सिर और हाथों में खून को पहुंचाने वाली नस है। जो फेफड़े के ऊपरी हिस्से और लिम्फ नोड्स से हो कर गुजरती है। लंग ट्यूमर उसी नस में पनपना शुरू होता है। जो कि सुपीरियर वेना कैवा में दबाव बनाना शुरू करता है। जिसके कारण से खून सुपीरियर वेना कैवा में वापस जाना शुरू हो जाता है और सिर व हाथों तक नहीं पहुंच पाता है। इसी वजह से चेहरे, गर्दन, हाथों और सीने के ऊपरी भाग में सूजन आ जाती है। साथ ही सिरदर्द, चक्कर और बेहोशी आने लगती है। कभी-कभी तो सुपीरियर वेना कैवा सिंड्रोम जानलेवा भी साबित हो जाता है।
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लंग कैंसर का पता कैसे लगाएं?
लंग कैंसर के लक्षण सामने आने के बाद आप डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर आपकी निम्न तरह से जांच करते हैं :
- सबसे पहले डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री की जांच करते हैं।
- साथ ही लंग कैंसर के लक्षणों को भी देखते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर आपके लिए निम्न तरह की इमेज टेस्टिंग करते हैं :
इसके अलावा आप ब्रॉन्कोस्कोपी बायोप्सी, एंडोब्रॉन्कियल अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी इसोफेजियल अल्ट्रासाउंड, मीडियास्टिनोस्कोपी व मीडियास्टिनोटॉमी, थोरासेंटेसिस, थोरैकोस्कोपी और ओपन बायोप्सी आदि विधि का प्रयोग करके लंग कैंसर का पता लगाया जाता है।
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लंग कैंसर के स्टेजेस (Lung cancer stages)
जब लंग कैंसर के लक्षण सामने आने के बाद आपको लंग कैंसर के स्टेजेस को जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि लंग कैंसर का इलाज उसके स्टेजेस के आधार पर ही होता है। अगर आपका लंग कैंसर पहले या दूसरे स्टेज में है तो घबराने की जरूरत नहीं है। उसका इलाज संभव है।
लंग कैंसर के लक्षण का इलाज (Lung cancer treatment)
फेफड़ों के कैंसर का इलाज कई तरह से किया जाता है, जो फेफड़ों के कैंसर के प्रकार पर और वह कितनी दूर तक फैल चुका है पर निर्भर होते है। नॉन-स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, लक्षित चिकित्सा या इन सभी उपचारों के संयोजन से किया जा सकता है तथा स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों को आमतौर पर रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है।
सर्जरी: डॉक्टर्स एक निर्धारित स्टेज तक ही सर्जरी का सहारा लेते हैं। डॉक्टर्स सर्जरी को तभी तक चुनते हैं, जब तक कि कैंसर फेफड़ों से ज्यादा फैला न हो। आमतौर पर 10 से 35 प्रतिशत लंग कैंसर का ट्यूमर ही सर्जरी के जरिए निकाले जा सकते हैं। लेकिन, यहां यह ध्यान देने की जरूरत है कि सर्जरी हर बार इसके निदान की गारंटी नहीं देती। ट्यूमर के फैलने के बाद इसके वापस विकसित होने की संभावना बनी रहती है।
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कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कैंसर को कम करने के लिए विशेष दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाइयां आपके द्वारा ली जाने वाली गोलियां या आपकी नसों में दी जाने वाली दवाएं या कभी-कभी दोनों हो सकती हैं।
रेडिएशन ट्रीटमेंट: कैंसर के संक्रमण को खत्म करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों (एक्स-किरणों के समान) का उपयोग किया जाता है।
कैंसर की चिकित्सा मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर के प्रकार और अवस्था पर निर्भर करती है। आप एक से अधिक प्रकार की ट्रीटमेंट को चुन सकते हैं।