इविंग ट्यूमर या इविंग सार्कोमा (Ewing tumor or Ewing sarcoma)
इविंग सार्कोमा एक रेयर सार्कोमा है, जो हड्डियों से पैदा होता है। इविंग सार्कोमा आमतौर पर पेल्विस, पैरों या पसलियों में पनपता है। लेकिन इविंग सार्कोमा शरीर की किसी भी हड्डी में हो सकता है। इविंग ट्यूमर काफी जल्दी से बढ़ता है और फेफड़ों के साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है। इविंग सार्कोमा का ज्यादातर 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और किशोरों में होता है। वहीं, लड़कियों की तुलना में लड़कों में इविंग सार्कोमा का जोखिम ज्यादा होता है। पूरे भारत में लगभग पांच हजार लोग इविंग सार्कोमा से प्रभावित हैं।
मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा (Malignant Fibrous Histiocytoma/MFH)
इस बारे में जनरल फिजिश्यन डाॅक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि पैरो में होना वाला कैंसर काफी घातकहो सकता है। पैरो में होने वाला मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा एक घातक ट्यूमर है। जो हड्डी या सॉफ्ट टिश्यू में पनप सकता है। MFH बहुत सामान्य प्रकार का सार्कोमा है। मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा अधिक उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। वहीं, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा ज्यादा होता है। मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा के होने के कारण की अभी तक कोई सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बहुत से लक्षण हैं, जो पहले से ही मरीज में नजर आने लगते हैं। जिसे लोगों को अनदेखान नहीं करना चाहिए।
2002 से पहले किसी भी तरह के सार्कोमा को मैलिगनैंट फाइब्रोस हिस्टिओसाइटोमा कहा जाता है। लेकिन, 2002 के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पेलियोमॉर्फिक सार्कोमा के साथ इसमें अंतर न किए जाने के कारण इस सार्कोमा का नाम एमएफएच रखा गया। क्योंकि सेल टाइप 2 को अक्सर एमएफएच के लिए ही रेफर किया जाता था।
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फाइब्रोसार्कोमा (Fibrosarcoma)
फाइब्रोसार्कोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो फाइब्रोब्लास्ट नामक सेल्स को प्रभावित करता है। फाइब्रोब्लास्ट्स पूरे शरीर में पाए जाने वाला रेशेदार टिश्यू के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं। टेंडॉन्स (मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं) रेशेदार टिश्यू से बने होते हैं।
जब फाइब्रोसार्कोमा शरीर के फाइब्रोब्लास्ट पर अटैक करता है तो वह नियंत्रण खो देते हैं। जिससे फाइब्रोब्लास्ट सेल्स बढ़ जाते हैं। जिसके कारण यह फाइब्रोसार्कोमा यानी कि फाइब्रोब्लास्ट के कैंसर का रूप ले लेता है।
हड्डियों के मैलिगनैंट जायंट सेल ट्यूमर (Malignant giant cell tumor of bone)
हड्डियों के मैलिगनैंट जायंट सेल ट्यूमर (GCT) एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर है। जायंट सेल ट्यूमर ऑफ बोन से ग्रसित मरीजों में आमतौर पर हड्डी के खराब होने से दर्द होता है और फ्रैक्चर होने का भी रिस्क बढ़ जाता है। आमतौर पर जायंट सेल ट्यूमर हड्डी में बनता है। लेकिन यह कार्टिलेज, मांसपेशियों, वसा, ब्लड वेसेल्स या शरीर के अन्य टिश्यू में भी बन सकता है। जायंट सेल ट्यूमर हाथ और पैर की लंबी हड्डियों के सिरों पर एक जोड़ (जैसे घुटने, कलाई, कूल्हे, या कंधे) के पास होते हैं।
जायंट सेल ट्यूमर ऑफ बोन के होने के सटीक कारणों की जानकारी नहीं है। जायंट सेल ट्यूमर ऑफ बोन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। वहीं, यह 20 साल से 44 साल के उम्र के लोगों को होने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।
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कॉर्डोमा (Chordoma)
कॉर्डोमा एक रेयर ट्यूमर है, जो रीढ़ की हड्डियों में होता है। ये ट्यूमर आमतौर पर 40 साल के ऊपर के लोगों में होते हैं। ज्यादातर कॉर्डोमा रीढ़ के आधार पर और खोपड़ी के आधार पर बनते हैं। कॉर्डोमा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को सबसे ज्यादा होता है।
सेकेंड्री बोन कैंसर (Secondary bone cancer)
सेकेंड्री बोन कैंसर बड़े बुजुर्गों में होने वाला सबसे आम बोन कैंसर है। लेकिन सेकेंड्री बोन कैंसर बोन कैंसर के कारण नहीं होता है। बल्कि ये किन्हीं अन्य कारणों से होता है और धीरे-धीरे हड्डियों तक फैल जाता है। ज्यादातर कैंसर बोंस में फैल सकते हैं। हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों में हड्डी के कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।