के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
ऑस्टियो सार्कोमा हड्डियों में होने वाला ऐसा घाव है जो कैंसर (Cancer) में बदल जाता है। इसे एक प्रकार का बोन कैंसर भी कहते हैं। यह आमतौर पर घुटने के पास पिंडली में होता है। इसके अलावा यह कैंसर जांघ की हड्डी और कंधे के पास की हड्डी में हो सकता है। जबड़े की हड्डियों (Bone) और लंबी हड्डियों में ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) तेजी से फैलता है।
आमतौर पर ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) उन लोगों में विकसित होता है जिन्हें कोई अन्य बीमारी नहीं होती है। ये बीमारी अनुवांशिक होती है। लेकिन कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि परिवार में किसी को भी ये बीमारी नहीं है फिर भी आपको हो सकती है। अगर परिवार में किसी एक को भी ये बीमारी होती है तो डॉक्टर बाकी सदस्यों में इस बीमारी की पहचान आसानी से कर सकता है। जिसको ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) होता है उन रोगियों में कैंसर (Cancer) होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
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ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) किशोरावस्था में ही हो जाता है और इलाज न कराने पर बढ़ता रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किशोरावस्था में तेजी से हड्डियों का विकास (Bone growth) होता है और ऐसे में ट्यूमर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
बच्चों में हड्डी के कैंसर का सबसे आम प्रकार ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह कैंसर (Cancer) अधिक पाया जाता है। ऑस्टियो सार्कोमा लंबे बच्चों और अफ्रीकी- अमेरिकी बच्चों में ज्यादा देखा गया है। बच्चों को यह कैंसर होने की औसत आयु 15 है। वहीं बुजुर्गों में यह कैंसर 60 साल की उम्र में पनपता है। इसके अलावा ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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दिए गए लक्षणों में अगर कुछ भी नजर आए तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हड्डियों में दर्द या सूजन आम बात नहीं है।
अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है, या फिर बच्चे को किसी प्रकार की दिक्कत लग रही हो तो लापरवाही बिल्कुल न बरतें। डॉक्टर के पास जाकर जांच कराएं और साथ ही ट्रीटमेंट कराते समय धैर्य रखें।
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सही समय पर अगर डॉक्टर को नहीं दिखाया तो परेशानी बढ़ सकती है। कई बार रेडियो थेरेपी (Radiotherapy) भी काम नहीं करती है। ऐसे में शरीर का वो हिस्सा काटना पड़ता है। युवावस्था में इस तरह की बीमारी फेफड़ों (Lungs) में भी फैल सकती है। अगर आपको इस बीमारी के संबंध में कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कैंसर विशेषज्ञ से भी परामर्श कर सकते हैं। कैंसर से डरने के बजाय उसका समय पर इलाज कराएं।
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ऑस्टियो सार्कोमा (Osteosarcoma) या हड्डी के कैंसर से बचाव के लिए लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करना बहुत जरूरी है। अगर जीवन शैली में बदलाव किया जाए तो कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में ये कैंसर ज्यादा पाया जाता है, इसलिए सावधान रखने की जरूरत है। बच्चों को बचपन से ही अच्छी आदतों के बारे में बताएं। हेल्दी फूड (Healthy food), फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity), हैप्पीनेस (Happiness) आदि को अपनाकर लाइफ स्टाइल में चेंज किया जा सकता है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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