क्वांटिटेटिव ब्लड टेस्ट खून में एचसीजी की सही मात्रा का आंकलन करता है। क्वालिटेटिव एचसीजी ब्लड टेस्ट आपको सिर्फ यह बताता है कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। ब्लड टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा है कि गर्भधारण के 7-12 दिनों के भीतर आपको प्रेग्नेंसी की जानकारी मिल जाती है। पीरियड न आने पर भी यदि टेस्ट नेगेटिव आ रहा है तो दोबारा ब्लड टेस्ट कराया जाना चाहिए।
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यूरिन टेस्ट से भी होता है गर्भावस्था परीक्षण
यूरिन टेस्ट को दो तरीकों से किया जा सकता है। घर में यूरिन की जांच के अलावा डॉक्टर के क्लीनिक में भी यह जांच की जा सकती है। एक कप में यूरिन को रखकर इसमें एक स्टिक को डुबोया जाता है या एक विशेष कंटेनर में इसकी एक बूंद डाली जाती है। इसके अलावा इसे करने का एक दूसरा तरीका भी है।
इसमें एक स्टिक को यूरिन स्ट्रीम में डालते और मिडस्ट्रीम की यूरिन को लेते हैं। आपको इसके रंग, लाइन या चिन्ह (प्लस या माइनस की तरह ) में बदलाव नजर आएगा, जो यह संकेत देता है कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं है।
प्रेग्नेंसी के लिए टेस्ट : कब करवाएं यूरिन टेस्ट
ज्यादातर डॉक्टर्स यूरिन टेस्ट करने से पहले मासिक धर्म के पहले दिन जब आपका पीरियड नहीं आता है तब तक इंतजार करने की सलाह देते हैं। आमतौर पर यह टेस्ट गर्भधारण के दो हफ्तों के बाद होता है। हालांकि, कुछ टेस्ट जो ज्यादा संवेदनशील होते हैं उन्हें शीघ्र ही कर लेना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के लिए टेस्ट में यूरिन टेस्ट कितना सटीक ?
ज्यादातर यूरिन टेस्ट 97 पर्सेंट सही परिणाम देते हैं, यदि इन्हें उचित तरीके से किया जाए। समय से पहले किया गया यूरिन टेस्ट नेगेटिव आ सकता है लेकिन, फिर भी आपका पीरियड नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
इन टेस्ट्स की मदद से आप प्रेग्नेंसी के बारे में पता कर सकती हैं। साथ ही ड्यू डेट का एक अनुमान भी आपको मिल जाएगा। प्रेग्नेंट होने की जानकारी मिलते ही आपको खान-पान आदि पर विशेष ध्यान देना होगा।
गर्भावस्था परीक्षण में आरएच टाईप ब्लड टेस्ट
अपने ब्लड टाईप और आरएच टाईप का पता लगाने के लिए अपने खून की जांच कराना जरूरी है। अगर आप Rh-negative हैं और आपका बच्चा Rh-पॉजिटिव है तो यह आपके बच्चे के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। लेकिन कोई भी यह नहीं जानता कि जन्म के बाद आपके बच्चे का ब्लड टाईप क्या है। इसलिए अगर आप आरएच-नेगेटिव हैं तो आपको एक विशेष इंजेक्शन दिया जाएगा, जिसे एंटी-डी कहा जाता है, जो आपके 26-28 वीक की एंटिनाटल अपॉइंटमेंट और आपकी 34-36 वीक अपॉइंटमेंट है।
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग होती है तो भी आपको एंटी-डी दिया जाता है। यह स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करता है।आपके बच्चे के जन्म के बाद आपके बच्चे की गर्भनाल से खून का सैंपल लिया जाता है और आरएच टाईप की जांच की जाती है। अगर आपका शिशु Rh- पॉजिटिव है तो भी आपको और एंटी-डी इंजेक्शन लगाना पड़ेगा।