निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नही है ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर का संपर्क करे।
निमोनिया (Pneumonia) का पता कैसे लगाया जाता है?
निमोनिया अक्सर सर्दी या फ्लू से हो सकता है। ऐसे में आपको सावधानीपूर्वक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आमतौर पर निमोनिया लंबे समय तक रहता है और दूसरी बीमारियों से निमोनिया का लक्षण काफी गंभीर होता है।
आपको निमोनिया है कि नहीं, यह जानने के लिए डॉक्टर आपको सवाल पूछ सकते हैं जैसे:
- आपके लक्षण क्या हैं और वे कितनी बार होते हैं?
- क्या आप स्मोकिंग करते हैं?
- आपका मेडिकल हिस्ट्री क्या है?
- क्या आप कोई दवा ले रहे हैं?
- अगर जरूरत हो, तो डॉक्टर कोई भी निदान करने से पहले कुछ सामान्य टेस्ट करेंगे:
- फिजिकल एग्जाम
- चेस्ट का एक्स-रे
- सीटी-स्कैन
- स्पुटम टेस्ट
- ब्रोंकोस्कोपी, जिसका उपयोग फेफड़ों के अंदर एयरवेज को देखने के लिए किया जाता है।
निमोनिया (Pneumonia) का इलाज कैसे किया जाता है?
निमोनिया का इलाज कई तरह से होता है। यह इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में निमोनिया का इलाज घर पर भी किया जा सकता है।
बैक्टीरियल निमोनिया का इलाज: इस बीमारी को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।वायरल निमोनिया का इलाज: कुछ एंटीवायरल दवाएं इस स्थिति का इलाज करने में मदद कर सकती हैं।
निमोनिया (Pneumonia) से जुड़े फैक्ट्स क्या हैं?
इससे जुड़े फैक्ट्स निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- इस बीमारी से बचने के लिए फ्लू शॉट हर साल लेना चाहिए। इस बीमारी के होने का सबसे सामान्य कारण फ्लू है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए समय-समय पर वैक्सीन लेना बेहद जरुरी है।
- निमोनिया बैक्टेरिया, वायरस और फंगस के कारण भी हो सकता है। इसलिए यह किस कारण से हुआ है यह जानना बेहद जरूरी है।
- यह बीमारी काफी सीरियस भी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे सेप्सिस और लंग्स से जुड़ी परेशानी भी शुरू हो जाती है।
- इस बीमारी से बचने के लिए पौष्टिक आहार और संतुलित आहार, आराम करें, नियमित एक्सरसाइज करने के साथ-साथ खाना खाने के पहले हाथ जरूर धोएं। एल्कोहॉल और सिगरेट का सेवन न करें।
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लाइफस्टाइल में बदलाव या घरेलू उपचार क्या हैं, जो मुझे निमोनिया से निपटने में मदद कर सकते हैं?
दिए गए लाइफस्टाइल और घरेलू उपचार आपको हेल्थ कंडिशन से निपटने में मदद कर सकते है:
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें।
- खांसी से इन्फेक्शन हो सकता है। अगर आपको रात में खांसी सोने में परेशान करती है या सांस लेने में तकलीफ होती है या वॉमिटिंग हो रही है, तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह से उचित दवा लें।
- एसिटामिनोफेन (acetaminophen) (टाइलेनॉल) या एस्पिरिन लेने से आपको फीवर को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे आपको राहत महसूस होगी।
- निमोनिया की परेशानी को कम करने के लिए आयुर्वेद में तुलसी के सेवन की सलाह दी जाती है। तुलसी के पत्तों से रस निकाल लें और उसमें पीसी हुई काली मिर्च मिलाएं और दो से तीन बार इसका सेवन करें। बेहतर रिजल्ट के लिए आयुर्वेद डॉक्टर से परामर्श करें।
- आयुर्वेद के अनुसार निमोनिया के मरीजों के लिए पुदीना भी फायदेमंद होता है। दरअसल पुदीने के सेवन से जलन और बलगम को कम करने में मदद मिल सकती है। पुदीने की ताजी पत्तियों को चबाने से आपकी तकलीफ कम हो सकती है।
इस बीमारी के कारण पूरे देश में बच्चों की जान सबसे ज्यादा जाती है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और हैल्प ग्रुप ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए रिसर्च के अनुसार, 2030 तक 5 वर्ष से कम उम्र के 11 मिलियन बच्चों की निमोनिया के कारण मौत होने की आशंका हैं। विकसित देशों में बुजुर्गों के निमोनिया से प्रभावित होने की आशंका है। जबकि विकासशील देशों में निमोनिया से बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि नाइजीरिया और भारत जैसे देशों में निमोनिया से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होंगे और पुराने आकड़ों का विश्लेषण करने के बाद अनुमान लगाया गया कि 2030 तक 1.7 मिलियन लोगों की मौत होने की आशंका है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवा का सेवन न करें। अगर आप निमोनिया से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।