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मानसिक थकान (Mental Fatigue) है हानिकारक, जानिए इसके लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/04/2021

    मानसिक थकान (Mental Fatigue) है हानिकारक, जानिए इसके लक्षण और उपाय

    क्या आपको हर समय मानसिक तनाव या अशांति महसूस होती हैं? स्ट्रेस को कम करने के लिए बार-बार सो जाते हैं? अक्सर सिरदर्द की समस्या रहती है? यदि ऐसा है, तो आप मानसिक थकान (Mental Fatigue) का सामना कर रहे हैं। अक्सर लोग इसे एक आम समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन, यह काफी गंभीर भी हो सकती है।

    यह समस्या आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर बना सकती है। आइए जानते हैं इसके कारण और संकेतों के बारे में, जिसका समय रहते इलाज हो सकता है।

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    मानसिक थकान (Mental Fatigue) के कारण

    • जब शरीर और दिमाग को एक साथ कई काम करने पड़ते हैं तो मानसिक थकान हो जाती है।
    • मल्टी टास्किंग और नींद की कमी की वजह से में भी आप मानसिक थकान के शिकार हो सकते हैं।
    • तनाव या ज्यादा भावनिक दौर के चलते मानसिक थकान हो सकती है।
    • पुरानी बीमारी से पीड़ित लोग दर्द मे अकसर रात भर बार-बार जागते हैं जिसकी वजह से वह थका हुआ महसूस करते हैं और पूरी तरह आराम न करने के कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। पुराने दर्द और नींद की कमी का संयोजन लगातार थकान का कारण बन सकता है। जिस वजह से मानसिक बीमारिया बढ़ जाती हैं।
    • स्वास्थ्य संबधित बिमारी से भी मानसिक थकान होती है। 
    • खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है और अगर हम अच्छी डायट न लें तो ये हमारे मानसिक संतुलन को बिगाड़ देता हैं।

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    मानसिक थकान (Mental Fatigue) के संकेत 

    1. मानसिक थकान का पहला संकेत इंसोम्निया (नींद न आने की बीमारी)

    मानसिक थकान का सबसे पहला लक्षण नींद का न आना है। अच्छी नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है, इसलिए नींद न आना, मानसिक थकान की ओर एक इशारा हो सकता है।

    इंसोम्निया (Insomnia) और कम नींद सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। एक अनुमान के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अनिद्रा और नींद से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं और इन समस्याओं के कारण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों के साथ हो सकती है। नींद न आने के पीछे कई कारण भी हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। पहले जानते हैं इंसोम्निया के प्रकार।

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    इंसोम्निया (Insomnia) के प्रकार

    1. शॉर्ट टर्म एक्यूट इंसोम्निया (Short Term acute insomnia) : यह कुछ दिनों से कुछ सप्ताह तक रहता है और तकरीबन तीन सप्ताह तक चलता है। ऐसा आमतौर पर एक दर्दनाक घटना के प्रभाव या तनाव के कारण हो सकता है। इसके अलावा, तनाव या जीवन में किसी प्रकार का फेरबदल होना। यह टेंपरेरी इंसोम्निया हो सकता है। इसके अलावा, और भी कई दूसरे कारणों से भी नींद नहीं आती है, जैसे बहुत काम करना, बहुत घूमना, वातावरण में बदलाव। शॉर्ट टर्म एक्यूट इंसोम्निया खुद ठीक भी हो जाता है।
    2. क्रोनिक लॉन्ग टर्म इंसोम्निया (chronic long term insomnia) : यह एक महीने से ज्यादा भी हो सकता है। कई रातों तक जागने के बाद सोने के बाद ऐसा हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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    2. मानसिक थकान का संकेत है याददाश्त का कमजोर होना

    अगर आप छोटी-छोटी बातों को जो, कि महत्वपूर्ण हैं, भूल जाते हैं तो यह समस्या मानसिक थकान की हो सकती है।

    3. ध्यान केंद्रित न होना भी है मानसिक थकान का संकेत

    एक ही समय में कई काम करने की वजह से ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है जिससे, दिमाग को सोचने और नई चीजों को ग्रहण करने में कठिनाई होती है।

    4. प्रेरणा की कमी भी हो सकती है मानसिक थकान का संकेत

    आप प्रोडक्टिव बने रहना चाहते हैं लेकिन, चाह कर भी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं या हर छोटे से छोटे काम को करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, तो आपको मानसिक थकान हो गई है जिसके बारे में आपको हल ढूढ़ने की जरूरत है।

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    5.  मानसिक थकान हो सकती है नकारात्मक भावनाओं का बढ़ने के पीछे

    अचानक से आप खुद में चिंता, चिड़चिड़ापन, क्रोध, उदासी जैसी कई नकारात्मक भावनाओं को नोटिस करते हैं। खुश रहने के लिए संघर्ष करते हैं, तो आपको मानसिक थकान है जिसकी, वजह से मस्तिष्क सकारात्मक तरीके से काम नहीं कर रहा है। 

    6. भूख कम या बहुत ज्यादा लगने की वजह हो सकती है मानसिक थकान

    आपको न तो खाना बनाने की ऊर्जा है, न ही खाने के लिए इच्छा होती है या तो आप पहले से अधिक बार भोजन करने लगे हैं। बार-बार फास्ट फूड और जंक फूड खाते हैं। ये सब इशारे हैं कि आपका दिमाग अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है और वह आपको मानसिक थकान से गुजर रहे है।

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    7. शारीरिक लक्षण भी बताते हैं मानसिक थकान के बारे में

    मस्तिष्क का संबंध शरीर से होता है, इसके कुछ लक्षण शरीर पर भी दिखने लगते हैं जैसे सिर दर्द। मानसिक थकान के चलते शरीर में हार्मोन पाचन तंत्र को भी खराब कर देते हैं, जिसकी वजह से पेट दर्द, दस्त, कब्ज जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। बेचैनी, दांत पीसना, उच्च रक्तचाप, दिल की धड़कन बढ़ना, सांस की तकलीफ, बेहोशी और चक्कर आना भी इस सूची में शामिल हैं।

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    मानसिक थकान (Mental Fatigue) को कम करने के उपाय 

    • एक साथ बहुत सारे काम करना बंद करें
    • अच्छी लाइफस्टाइल अपनाए
    • एक्सरसाइज करें
    • योग और ध्यान का सहारा लें, जिसकी मदद से आप अपनी मानसिक थकान को कम कर सकते हैं और यह साथ ही साथ अवसाद को भी कम करने में मदद करता है।
    • जब कोई काम किसी व्यक्ति को थका हुआ महसूस कराता है, तो उस कार्य के तरीके में बदलाव करके चीजों में सुधार लाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को किसी काम को पूरा करने में  अधिक समय लगता है तो वह सहकर्मियों की मदद ले जिससे उसका काम समय पर पूरा हो जाए ओर मानसिक थकान भी न हो।
    • अच्छा आहार आपके शरीर के लिए जरूरी है, अगर आपका शरीर स्वस्थ रहेगा आपका मन भी खुद प्रसन होगा जिससे मानसिक संतुलन बना रहेगा जिससे आप तरोताज़ा महसूस करेंगे। 
    • आप किसी थेरपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं, जो स्ट्रेस से डील करना सिखाते हैं।

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    4 -ब्रीदिंग तकनीक (Breathing Techniques)

    मानसिक थकान को दूर करने के लिए नीचे बताई जा रही ब्रीदिंग तकनीक अपनाएं।

    ब्रीदिंग तकनीक कैसे करें?

    इस तकनीक के अनुसार आपको आठ तक गिनना है, जब आप चार तक गिन लेंगे, तो आपको अपनी सांस रोकनी है। अब आपको यह सांस तब तक रोकनी है, जब तक आप सात तक न गिन लें। इसके बाद आठ गिनते हुए आपको अपनी सांस बाहर छोड़ देनी है। यह बहुत ही आसान है। यही नहीं, इस एक्सरसाइज को आप कहीं भी कभी भी बिना किसी मशीन या किसी अन्य व्यक्ति की मदद से कर सकते हैं।

    मिशिगन में किए एक एक अध्ययन के अनुसार, गहरी सांस लेना चिंता और तनाव के स्तर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। क्योंकि जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो यह आपके दिमाग को शांत और रिलैक्स रहने का संदेश भेजता है। गहरी सांस लेने से आप शांत और आरामदायक रहते हैं। गहरी सांस लेने से कई अन्य लाभ भी हो सकते हैं जैसे –

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    जानिए ब्रीदिंग तकनीक के लाभ

     मानसिक थकान से निपटने के लिए आपको सबसे पहले यह समझना होगा कि इसका मूल कारण क्या हैं? उचित कारण जानने के बाद जीवनशैली में कुछ बदलाव करके ज्यादातर लोग बेहतर बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर आप काफी समय से थकान से जूझ रहे हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ रहा है तो अनदेखा न करें।

    राहत के लिए डॉक्टर से सुझाव जरूर लें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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